आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया ..!

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, राजनीतिक दलों की प्राथमिकता राज्यों की वित्तीय सेहत का न होना चिंताजनक

राज्यों के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र सामान्यतः उजाड़ पड़े होते हैं लेकिन 40-50 लाख रुपये के मेडिकल बीमा का दावा किया जा रहा है। तेलंगाना में तो इसकी होड़ है कि घर बैठे बिना काम किए कैसे पैसा बना सकते हैं। भाजपा मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना जैसी योजना से आस लगाए बैठी है जो शिवराज सिंह चौहान बिना लोन दिए नहीं दे पा रहे हैं।

 पहले चुनावी शतरंज बिछा करती थी, जिसमें रणनीतिक दांव के जरिए राजनीतिक दल एक-दूसरे को मात देते थे, लेकिन अब बाजार लगने लगा है। ऐसा बाजार, जहां सबसे टिकाऊ की बात नहीं होती। बात होती है हमारा माल सबसे सस्ता। हमारी दुकान पर आओ, तुम्हें सस्ता सिलेंडर, स्कूटी, लैपटाप, मोबाइल, सोना आदि देंगे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव में राजनीतिक दल दुकान सजाकर बैठे।

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