421 नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों …. संबद्धता तभी मिल सकेगी जब हाई कोर्ट आदेश देगा ?
421 नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों से 5 तक मांगे आवेदन पर संबद्धता तभी मिल सकेगी जब हाई कोर्ट आदेश देगा
मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के अफसर गजब हैं। अब कॉलेजों को संबद्धता जारी करने की रस्म अदाएगी कर रहा है। लगभग एक साल पहले प्रदेश के 271 नर्सिंग व 150 पैरामेडिकल कॉलेजों ने बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स में विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिया था।
लेकिन हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के कारण अब तक सत्र 2021-22 व 2022-23 की संबद्ध कॉलेजों को जारी नहीं हो सकी है। इससे दो सत्र में पढ़ने वाले लगभग एक लाख विद्यार्थियों की मुश्किलें अब तक कम नहीं हो सकी हैं। सत्र 2020-21 की संबद्धता देने के लिए कॉलेजों से पहले ही आवेदन लिए जा चुके हैं। अब सत्र 2022-23 की संबद्धता जारी करने के लिए 5 दिसंबर तक ऑफलाइन आवेदन विवि प्रशासन ने मांगे हैं। जबकि फीस ऑनलाइन मध्यम से बैंक एकाउंट में जमा करना होगा। हालांकि विवि ने भले ही दोनों सत्र की संबद्धता एक साथ जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन नर्सिंग व पैरामेडिकल के 421 कॉलेजों को संबद्धता का फैसला हाईकोर्ट के आदेश पर ही होगा।
दोनों सत्र की परीक्षाएं फरवरी-मार्च में कराने की योजना
विवि प्रशासन का कहना है कि यदि हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया तो सत्र 2021-22 व 2022-23 की संबद्धता जनवरी तक जारी कर दी जाएगी। वहीं फरवरी में दोनों सत्र में पढ़ने वाले नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स के विद्यार्थियों की परीक्षाएं एक साथ कराई जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को डिग्री मिलने पर और लेट नहीं हो सके। ज्ञात हो कि सत्र 2020-21,2021-21 व 2022-23 तीन सत्र के विद्यार्थी तीन साल से फ़र्स्ट ईयर में ही पढ़ रहे हैं। तीन सत्र में लगभग 1.50 लाख विद्यार्थी हैं जिनका भविष्य अधर में अटका हुआ है।
2023-24 की संबद्धता पर निर्णय अब तक नहीं
मेडिकल विवि ने कार्यपरिषद में पारित प्रस्ताव को जून में भेज दिया था कि नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों का सत्र 2023-24 शून्य घोषित कर दिया जाए। लेकिन अब तक इस मामले में शासन ने कोई निर्णय नहीं है। इससे 50 हजार छात्र प्रवेश को लेकर असमंजस में हैं।
संबद्धता की कार्रवाई शुरू की
मेडिकल विवि जबलपुर के कुलसचिव डॉ. पुष्पराज िंसह बघेल का कहना है कि नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों को सत्र 2022-23 की संबद्धता जारी करने के लिए आवेदन 5 दिसंबर तक मांगे गए हैं। एमपी एनआरसी व पैरामेडिकल काउंसिल ने जिन कॉलेजों को मान्यता दी है, उनको ही संबद्धता हाईकोर्ट के आदेश पर जारी की जाएगी।
डुप्लीकेट फैकल्टी मिलने पर सत्र 2022- 23 की 19 कॉलेजों की संबद्धता खत्म हो चुकी है
डुप्लीकेट फैकल्टी मिलने पर एमपी नर्सिंग काउंसिल पहले ही सत्र 2022-23 की प्रदेश के 19 नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता खत्म कर चुका है। इनमें 6 ग्वालियर के तो 3 दतिया के नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं। ऐसे कॉलेजों को 2021-22 की संबद्धता मिलने पर संशय है। 2021-22 की संबद्धता देने के लिए जिन कॉलेजों ने पूर्व में आवेदन किया था,उनके आवेदनों की विवि ने जांच करना शुरू कर दिया है। एमपी नर्सिंग काउंसिल व एमपी पैरामेडिकल काउंसिल ने जिन कॉलेजों को मान्यता दोनों सत्र की जारी की है। उन्हें ही विवि बिना निरीक्षण के संबद्धता देगा।
कमियां मिलने पर खत्म हो सकती है संबद्धता
विवि प्रशासन का कहना है कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों के मामले को लेकर सुनवाई होनी है। इससे पहले विवि संबद्धता के लिए आवेदन पूरी करना चाहता है। साथ ही दिसंबर के अंत तक कार्यपरिषद की बैठक होगी। जिसमें दोनों सत्र की कॉलेजों को संबद्धता देने के मामले में चर्चा होगी। सीबीआई द्वारा नर्सिंग कॉलेजों की जांच की जा रही है। जिन कॉलेजों में कमियां मिलेंगी। उनकी संबद्धता खत्म हो सकती है। सीबीआई द्वारा कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद यदि कोर्ट ऐसे कॉलेजों की मान्यता खत्म करने का आदेश जारी करता है तो मेडिकल विवि ऐसे कॉलेजों को संबद्धता जारी नहीं कर पाएगा।