भिंड में मिलावट खोरी पकड़ने को लेकर चलेगा अभियान
कलेक्टर ने ली अफसरों की बैठक, कहा- बिना लाइसेंस के नहीं हो सकेगा कारोबार
भिंड जिले को मिलावट खोरी से मुक्ति दिलाने के लिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने नई रणनीति बनाई। उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अंतर्गत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भिंड जिले में मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य कारोबारों की शुद्धता परीक्षण हेतु विशेष सघन अभियान चलाया जाए। मिलावट खोरी करते हुए पाए जाने पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। इस दौरान कलेक्टर ने कहाकि बिना लाइसेंस के दुग्ध प्रोडक्ट तैयार करके नहीं बेचे जा सकेंगे।
कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा कि दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों के अधिक से अधिक नमूना लिए जाएं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी निरीक्षण के दौरान मिलावटी खाद्य सामग्री जब्त करने के उपरांत उसके निर्माण / परिवहन कर्ताओं की जानकारी / सूचना तत्काल संबंधित जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दें जिससे संबंधित जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के द्वारा अधिक से अधिक खाद्य पदार्थों की प्रारंभिक जांच कर, मिलावटी पाये जाने पर जब्ती, लीगल नमूने लेने की कार्रवाई की जाए। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित दुग्ध शीत केन्द्रों एवं अन्य दुग्ध संग्रह स्थलों की मोबाईल फूड टेस्टिंग के द्वारा नियमित जांच करें।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव द्वारा जिले में संचालित मिल्क चिलर प्लांटों, डेयरियों की सूची उपलब्ध कराने हेतु खाद्य सुरक्षा विभाग अधिकारियों को निर्देशित किया गया। चिलर तथा डेयरी संचालकों को निर्देशित किया कि समस्त चिलर संचालक एवं डेयरी संचालक लायसेंसधारी दुग्ध कारोबाकर्ताओं से ही दूध क्रय करेंगे, उसका समुचित रिकॉर्ड संधारित करेंगे, जो मांगे जाने पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। बिना लायसेंसधारी, रजिस्ट्रेशनधारी दुग्ध कारोबारकर्ताओं से किसी भी तरह की दूध एवं दुग्ध पदार्थ क्रय विक्रय नहीं करेंगे। दूध की सही जांच उपरांत ही क्रय करेंगे। यदि जांच दौरान दूध में मिलावट पाई जाती है तो ऐसे दुग्ध कारोबारकर्ता की सूचना खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को देंगे, जिससे उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। यदि खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान किसी डेयरी संचालक एवं दूध कारोबारकर्ता के यहां मिलावट का सामान पाया जाता है तो जिस दुग्ध व्यवसायी को वह दूध एवं दुग्ध पदार्थ विक्रय करता है वह भी मिलावट के कारोबार में संलिप्त माना जावेगा।
उन्होंने कहा कि चिलर संचालक एवं डेयरी संचालक अपनी फर्म परिसर साइन बोर्ड लगायेंगे, जिसपर फर्म का नाम, संचालक का नाम, मोबाईल नम्बर, खाद्य लायसेंस नम्बर एवं पता आवश्यक रूप से प्रदर्शित करेंगे।
जिले में जन जागरूकता अभियान निरंतर संचालित करें, स्कूली बच्चों / कॉलेजों में मिलावटी खाद्य सामग्री से संबंधित जागरूकता पैदा करने हेतु गतिविधियाँ आयोजित करें, विद्यालयीन छात्र-छात्राओं हेतु कार्यशाला आयोजित कर, खाद्य पदार्थों में सामान्य अपद्रव्यों की जांच हेतु सामान्य विधियों से अवगत कराया जाये।
इस दौरान अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी राजकुमार खत्री, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव पाठक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अभिहित अधिकारी डॉ शिवराम सिंह कुशवाह, जिला कृषि अधिकारी, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी, जनरल मैनेजर डीआईसी, डॉ. सुधीर कुमार व्यास, जिला चिकित्सालय भिण्ड, हिमांशु शर्मा, शिवराम शर्मा, एडवोकेट, उपभोक्ता संगठन सदस्य भिण्ड, समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी भिण्ड उपस्थित रहे।