अधिकारी घुमवाते हैं कुत्ते, कराते हैं घर के बर्तन साफ…उत्तराखंड PRD जवानों का गंभीर आरोप

अधिकारी घुमवाते हैं कुत्ते, कराते हैं घर के बर्तन साफ… उत्तराखंड PRD जवानों का गंभीर आरोप
उत्तराखंड प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जवानों का कहना है कि यहां के अधिकारी उनका उत्पीड़न करते हैं. अपने निजी काम उनसे करवाते हैं. जैसे कुत्ते घुमवाना, घर के बर्तन साफ कराना इत्यादि काम इसमें शामिल है.
अधिकारी घुमवाते हैं कुत्ते, कराते हैं घर के बर्तन साफ... उत्तराखंड PRD जवानों का गंभीर आरोप

PRD जवानों ने उत्पीड़न का लगाया आरोप.

उत्तराखंड प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के स्थापना दिवस पर राज्य सरकार ने जवानों के लिए जहां कई योजनाएं लागू करने की बात कही तो वहीं इस स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी के जवानों ने उत्तराखंड के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पीआरडी के जवानों का अधिकारियों के द्वारा शोषण किया जाता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अधिकारी अपने निजी काम भी पीआरडी जवानों से कराते हैं.

पीआरडी हित संघटन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह रावत का कहना है कि चाहे ब्लॉक स्तर के अधिकारी हों या जिला स्तर के अधिकारी, ज्यादातर ये लोग पीआरडी जवानों के अधिकार का हनन करते हैं. कई अधिकारी तो पीआरडी जवानों से अपने कुत्ते बाहर घुमवाते हैं और बहुत से अधिकारी अपने घरों के बर्तन तक इन जवानों से धुलवाते हैं. यहां तक कि अपने ज्यादातर बाहर के निजी काम भी पीआरडी के जवानों से ही करवाते हैं. उनका ये भी कहना है कि प्रदेश में डायरेक्टर से लेकर ब्लॉक अधिकारी तक इस तरह के काम करवा रहे हैं.

PRD के जवानों ने की ये मांग

इन सबके बावजूद पीआरडी के जवानों से सरकार से होमगार्ड की तरह मानदेय देने की बात कही है. उनका कहना है कि होमगार्ड को 28 हजार और पीआरडी जवानों को 17 हजार का मानदेय दिया जा रहा है. इसको सरकार को बढ़ाकर होमगार्ड के मानदेय के बराबर करना चाहिए. साथ ही पूरे साल उनको काम मिलना चाहिए.

बता दें कि इस पूरे प्रकरण में दो पीआरडी जवानों पर गाज गिरने की बात सामने आ रही है. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने दो जवानों की छुट्टी कर दी है, जिन्होंने इस तरह के आरोप लगाए थे. इस पर कांग्रेस की उत्तराखंड प्रवक्ता गरिमा माहरा दसोनी ने कहा कि सरकार के मंत्री का ये कदम बहुत ही निंदनीय है. लोगों को रोजगार देने के बजाय ये लोगों का रोज़गार छीन रहे हैं. इन जवानों ने सच बोलने की हिम्मत जुटाई तो उन्हें सेवाओं से हटा दिया गया.

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