राजा भैया के गढ़ को भेदने की तैयारी में BJP!
राजा भैया के गढ़ को भेदने की तैयारी में BJP! सभी विरोधी होंगे एकजुट, अमित शाह खुद बना रहे रणनीति
लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में मिशन 80 के टार्गेट पर चल रही बीजेपी के लिए एक सीट फंसी हुई मानी जा रही है. ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह खुद एक्टिव हो गए हैं.
लोकसभा चुनाव के संदर्भ में यूपी में बीजेपी उन सीटों पर खास रणनीति बना रही है जहां वह बीते चुनाव में हार गई थी या कम अंतर से जीती. बीजेपी उन सीटों पर भी मंथन कर रही है जहां भविष्य में उसे चुनौती मिल सकती है.
माना जा रहा है कि जिस सीट को लेकर यह मीटिंग हुई है वह है कौशांबी. कौशांबी सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी से विनोद सोनकर सांसद हैं. हालांकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कौशांबी जिले की सभी सीटें हार गई. जिले में तीन सीटें क्रमशः सिराथू, मंझनपुर और चायल हैं. सिराथू से पल्लवी पटेल, चायल से पूजा पाल और मंझनपुर से इंद्रजीत सरोज ने जीत दर्ज की थी.
प्रतापगढ़ की इन दो सीटों पर राजा भैया का असर
वहीं प्रतापगढ़ जिले की दो विधानसभा सीटें हैं जिसको लेकर बीजेपी परेशान है. एक सीट है कुंडा, जहां साल 1993 से लेकर साल 2022 तक के चुनाव में राजा भैया खुद जीते. वहीं बाबागंज सीट साल 2017 में पहली बार अस्तित्व में आई. तब से वहां दो बार चुनाव हुए और दोनों बार विनोद कुमार सरोज ने जीत दर्ज की. पहली बार विनोद, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़े वही दूसरी बार जनसत्ता दल के टिकट पर बाजी मारी.
जो तस्वीर सामने आई है उसमें प्रतापगढ़ और कौशांबी जिले के नेता शामिल हैं. गृह मंत्री से मिलने वालों में विनोद सोनकर, रत्ना सिंह शामिल हैं. इस मीटिंग में वह नेता भी शामिल हुए जो राजा भैया के धुर विरोधी माने जाते हैं. इन नेताओं का यह भी मानना है कि राजा भैया , बीजेपी के साथ नहीं आएंगे. हालांकि बीजेपी इस बात को लेकर भी सतर्क है कि कहीं राजा भैया और सपा के बीच मौखिक तौर पर कोई समझौता न हो जाए. समझौते की अटकलें ऐसे वक्त में शुरू हुई है जब राजा भैया ने बीते दिनों अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.
माना जाता है कि कौशांबी लोकसभा सीट पर सपा विधायक पल्लवी पटेल और इंद्रजीत सरोज का असर है. दावा है कि कौशांबी सीट पर जीतने के लिए बीजेपी के बड़े नेताओं का दौरा हो सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कौशांबी लोकसभा सीट में ऊंट किस करवट बैठता है.