चिरायु मेडिकल कॉलेज की सीटों के फर्जीवाड़े में तय नहीं हो पा रहे आरोप

कोविड काल में चिरायु मेडिकल कॉलेज मामले को आरोपियों को पेशी में मिली थी राहत …

आरोपी पहुंच से बाहर, चालान स्वीकार नहीं …

कोविड काल में छूट के बाद 5-5 आरोपी बुलाए जा रहे, एक की भी अनुपिस्थति से आरोप तय नहीं हो पा रहे हैं

पीएमटी कांड के दो बड़े मामले विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां लंबित हैं। इन दोनों केसों में दो आरोपी सीबीआई की पहुंच से बाहर हो गए हैं। इनकी उपस्थिति नहीं होने से चालान स्वीकार नहीं हो पा रहे हैं।

ग्वालियर. सीबीआई ने व्यापमं कांड से जुड़े मामलों की जांच खत्म कर सभी चालान पेश कर दिए हैं, लेकिन पीएमटी कांड के मामलों में कानूनी पेचीदगी फंसी हुई है। सीबीआई ने चिरायु मेडिकल कॉलेज में सरकारी कोटे की सीटों पर फर्जीवाड़ा करने वाले 60 आरोपियों को खिलाफ जनवरी 2021 में चालान पेश हुआ था। दो साल बीतने के बाद आरोपियों पर आरोप तय नहीं हो पा रहे हैं। क्योंकि कोविड-19 के चलते आरोपियों को पेशी में छूट मिली थी। एक दिन में 5 आरोपियों को हाजिर होना होता है, लेकिन इनमें कोई न कोई अनुपस्थित हो जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं कांड की जांच सीबीआई को सुपुर्द हो गई थी। पीएमटी कांड में ही सबसे बड़े मामले हैं। ग्वालियर चंबल संभाग में पीएमटी मेें सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ था। जनवरी में चिरायु मेडिकल कॉलेज की सीटों पर फर्जीवाड़े के आरोप में 60 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश हुआ, जिसमें 23 लड़कियां, 16 लडक़े शामिल हैं। शेष आरोपी में कॉलेज प्रबंधन के अधिकारी, बिचौलिये शामिल हैं। चालान पेश होने के बाद न्यायालय ने आरोप तय करने की तारीख तय की। आरोपियों ने कोविड-19 का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एक साथ भीड़ एकत्रित न हो। तभी पेशी पर पांच-पांच आरोपियों को बुलाने के निर्देश दिए गए थे।

इस तरह से पेश कर रहे आवेदन

● जिन केसों में आरोपी अधिक हैं। उसमें आरोपी एक-एक करके आवेदन पेश कर रहे हैं। उस आवेदन के निराकरण समय लगता है। क्योंकि उसमें सीबीआई से जवाब लिया जाता है।

● जिन दिन बहस का समय होता है, उस दिन कोई न कोई आरोपी अनुपस्थित हो जाता है।

● सीबीआई ने चालान सीडी में दिया है। हार्ड कॉपी नहीं दी हैं। हार्ड कॉपी के लिए भी आवेदन लगाए जा रहे हैं।

● गुलाब सिंह माथुर बनाम मप्र शासन व चांद खां बनाम मप्र शासन में 300 के करीब आरोपी हैं। पीएमटी में फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी सबसे ज्यादा दोनों ही केस में हैं। इनके केस 2020 से लंबित है।

● इन केसों के विचारण की जो गति हैं, उस हिसाब से निराकरण में सालों लग जाएंगे।

अन्य परीक्षाओं के 30 केसों में फैसला …

सीबीआइ ने सभी केसों की जांच कर विशेष सत्र न्यायालय में चालान पेश कर दिए पीएमटी कांड में ही सबसे बड़े मामले हैं। आरक्षक भर्ती परीक्षा, पटवारी परीक्षा, वन रक्षक सहित अन्य परीक्षाओं के केसों की ट्रायल तेजी से हो रही है। 30 केसों में न्यायालय से फैसला हो चुका है। 28 की ट्रायल बची हैं। इन 28 ट्रायलों में पीएमटी कांड से जुड़े केस अधिक हैं। चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रकरण अटका पड़ा है।

इनका कहना है

चिरायु मेडिकल कॉलेज की सीटों पर फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों पर जल्द आरोप तय होकर विचारण शुरू हो सके, उसके लिए न्यायालय से प्रार्थना करेंगे। आरोप तय होने के बाद गवाही शुरू हो सकेगी।

 विशेष लोक अभियोजक सीबीआई

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