अपने व्यवहार पर ध्यान दें, कोई आपको चौबीसों घंटे देख रहा है!
अपने व्यवहार पर ध्यान दें, कोई आपको चौबीसों घंटे देख रहा है!
“मैं दिल्ली से वंदे भारत ट्रेन में सफर कर रहा था। शुरुआती स्टेशन पर मेरी बगल की सीट और चार अन्य कतार भी खाली थीं। पर मेरे अंदर से कुछ आवाज आई जैसे उन खाली सीटों से कोई मुझे देख रहा हो। अचानक एक आवाज आई और बोली कि मुझे मालूम है नंदितेश, आज तुम भोपाल में कुछ स्टूडेंट्स को संबोधित करने जा रहे हो।
जब मैंने पूछा, तुम्हें कैसे मालूम, तब उसने जवाब दिया कि मैं चैटजीपीटी हूं। उसे उकसाने के लिए मैंने जानबूझकर पूछा कि अगर तुम इतनी ही बुद्धिमान हो और सब पता है तो क्या बता सकती हो कि मेरी पत्नी बेडरूम में मुझे किस नाम से बुलाती हैं? चैटजीपीटी ने लाखों पेज स्क्रॉल करना शुरू कर दिए और नाम खोजने में व्यस्त हो गई।
मुझे लगा कि मैंने चैटजीपीटी का मुंह बंद कर दिया है। पर अचानक दूसरी ओर से आवाज आई और सही नाम बता दिया। मैं भौंचक्का रहा गया और पूछा कि तुम कौन हो? और आवाज ने कहा कि मैं एलेक्सा हूं और मुझे तुम्हारे सारे निजी क्षणों के बारे में पता है। मैं अवचेतन सा हो गया और तब जागा जब टीसी ने मुझे भोपाल से ठीक पहले जगाया।’ ये कहानी जीवन मूल्य सिखाने वाले दिल्ली के नंदितेश निलय ने स्टेज पर सुनाई।
वह सही थे। अब वे दिन गए कि एक तस्वीर के लिए पेट अंदर करके सांस रोकें या कैमरा को पॉज करके किसी किताब से कुछ पढ़कर सुनाएं और आगे बढ़ा दें जैसे ये आपका ज्ञान हो! क्योंकि अब पहनने वाले (वियरेबल) चीजें जैसे कि रीडिंग/कूलिंग ग्लासेस और झुमके में भी एआई है और बाजार में चैटजीपीटी ताकतवर एआई सिस्टम- जो कि “मल्टीमॉडल’ हैं- बनाकर इस रेस में आगे हो रहा है और रियल टाइम में आपकी निगरानी हो रही है।
आप ये देखने के लिए अलमारी खोलें कि आज क्या पहनना हो तब एआई आपके सारे ब्रांड कलेक्शन की तस्वीरें खींच लेगी और इसे विज्ञापनदाताओं को सौंप देगी, जो अपने उत्पाद खरीदने के लिए आप पर बौछार शुरू कर देंगे। वो इसलिए क्योंकि ये नई टेक्नोलॉजी ना सिर्फ टेक्स्ट बल्कि ऑडियो और तस्वीरें भी जुटा रही है।
अब तक हमें लगता था कि ऑनलाइन रहते हुए गूगल और मेटा जैसी कंपनियों की निगाहों से बचकर निकलना असंभव है। लेकिन अब वियरेबल के जरिए इन कंपनियों के पास हमारी असली जिंदगी को देखने का मौका है, वो भी चौबीसों घंटे। गूगल ग्लास करीब एक दशक पहले आ गए थे।
लेकिन आज मेटा, गूगल, स्नैप और एमेजॉन जैसी कंपनियां ऐसे ग्लास बना रही हैं, जिनमें एआई टूल्स के साथ आगे देखने वाले (फॉरवर्ड फेसिंग) ताकतवर कैमरे हैं, ताकि हमारे आसपास की दुनिया को देख सकें। पर आपको लगता है कि ये सुविधा वे मुफ्त में देने वाले हैं? हर्गिज नहीं।
हमें ये मुफ्त लग सकते हैं क्योंकि हमसे पैसा नहीं लिया जाएगा, लेकिन बदले में ये हमारी पसंद, शब्द, कपड़े, खान-पान और आदतों को विज्ञापनदाताओं से साझा करेंगे। स्मार्ट ग्लास बना रही मेटा पूरी तरह विज्ञापन पर निर्भर है, जो इसकी कुल आय में 98 फीसदी है।
अगर मेरी बात पर भरोसा नहीं तो गूगल करें, जहां दिखेगा कि हाल ही में मेटा के ग्लास मार्क जुकरबर्ग को वार्डरोब की सलाह देते दिख रहे हैं। ऐसा ना सोचें कि आप तो वियरेबल उपकरण पहन ही नहीं रहे हैं तो चिंता की जरूरत नहीं। विमान, ट्रेन या ऑफिस में कोई दूसरा ये वियरेबल पहने होगा और कैमरे में नहीं आने के इच्छुक थर्ड पार्टी यानी कि आपको रिकॉर्ड कर रहा होगा। संक्षेप में कहूं तो आपकी निजता हमेशा के लिए छिन चुकी है।
…… हमेशा अच्छे से पेश आएं। ये सिर्फ पब्लिक प्लेस तक ना हो, क्या पता एआई से चलने वाले ये वियरेबल 2024 में हमें शूट कर रहे हों और बाद में सोशल साइट पर डाल दें।