AI रेग्युलेशन के लिए काम कर रहीं स्नेहा रेवानूर टाइम्स मैगजीन की टॉप 100 लिस्ट में शामिल

AI रेग्युलेशन के लिए काम कर रहीं स्नेहा रेवानूर टाइम्स मैगजीन की टॉप 100 लिस्ट में शामिल

एक ऐसे साल में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खबरों में छाया हुआ है, एक 18 वर्षीय कार्यकर्ता को टाइम मैगजीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया।

उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को मानव केंद्रित बनाने की वकालत की है।

एक भारतीय अमेरिकी, स्नेहा रेवानुर ने एनकोड जस्टिस नाम की सिविल सोसाइटी ग्रुप की स्थापना करके, AI के लिए नीतियां बनाने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई है।

अपने ब्लॉग में, रेवानुर ने समूह के बारे में कहा कि, यह संस्था युवाओं द्वारा एक वैश्विक आंदोलन चला रही है जो AI में मानव अधिकारों और न्याय का ध्यान रखने की मांग कर रहा है।

इसके लिए राजनीतिक वकालत, सामुदायिक आयोजन, शैक्षणिक प्रोग्रामिंग और कंटेंट क्रिएशन का सहारा लिया जाएगा।

इस समूह में 30 देशों के 900 सक्रिय सदस्य हैं और इसकी प्रेरणा युवा-नेतृत्व वाले मौसम और गन कण्ट्रोल आंदोलनों से मिली है। इस समूह के सभी सदस्य स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

इसी के साथ, रेवानुर AI को नियमित करने में Gen Z, जो वर्ष 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए हैं, की सक्रिय भूमिका चाहती हैं।

उनके प्रयासों को देखते हुए, उन्हें अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस द्वारा आयोजित AI पर एक चर्चा में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया।

2022 में, व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी (OSTP) द्वारा जारी एक परियोजना में भी उन्हें शामिल किया गया। इस परियोजना में उन्होंने OSTP को AI के लिए एक रूपरेखा तैयार करने से जुड़ी सलाह दी।

भले ही 2023 में बनी इस रुपरेखा को लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन AI के उपयोग और विकास को नियंत्रित करने करने की दिशा में यह पहले रूप रेखाओं में से एक बन गया।

एक छोटी शुरुआत

छोटी उम्र में इस सफर की शुरुआत करने वाली रेवानूर को AI की ग्रेटा थनबर्ग के रूप में देखा जा रहा है।

उन्होंने एक बार कहा था कि बचपन से सिलिकॉन वैली में रहने और उनके परिवार के तकनीकी दुनिया से जुड़े होने से उन्हें यह लक्ष्य मिला और उन्होंने एनकोड जस्टिस को आकार दिया।

रेवानूर की बड़ी बहन भी तकनीक के क्षेत्र में काम करती हैं और उनके माता-पिता दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

2020 में, 15 साल की रेवानुर ने अपने गृह राज्य कैलिफोर्निया में युवाओं को संगठित करने के लिए एनकोड जस्टिस की स्थापना की।

इस समूह की स्थापना एक पहल का विरोध करने के लिए की गई थी जिसमें नकद जमानत राशि की जगह जमानत के लिए जोखिम-आधारित एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने की कोशिश थी।

प्रीपोजीशन 25 नाम के इस पहल पर यदि राज्य के मतदाताओं की मंजूरी मिल जाती, तो नकद जमानत समाप्त कर दिया जाता।

इसके स्थान पर एक एल्गोरिदम द्वारा इस बात की सम्भावना का आकलन किया जाता कि किसी व्यक्ति के दोबारा अपराध करने या अदालत से भागने की कितनी संभावना है।

रेवानूर कहती हैं कि इस पहल से जुड़ी समस्या इसका एल्गोरिदम टूल है, जो एक ऐसे एल्गोरिदम से मिलती-जुलती है जिसका उपयोग यूनाइटेड स्टेट्स की न्याय व्यवस्था करती है।

प्रोपब्लिका ने एक जांच में पाया कि यह एल्गोरिदम नस्लीय भेदभाव से बुरी तरह प्रभावित है।

इस पहल को हारने के बाद, इस समूह ने AI नीतियों के बारे में अपने साथियों और सहयोगियों को शिक्षित और संगठित करने का काम जारी रखा।

रेवानुर मानती हैं कि AI के लिए एक रूपरेखा जारी होना एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन भविष्य में नियंत्रण को असरदार बनाने के लिए बहुत काम करना बाकी है।

इसके साथ ही, वह कहती हैं कि, उनके संगठन का लक्ष्य तकनीक या इनोवेशन के विकास को रोकता नहीं है।

इसकी जगह पर वह चाहती हैं कि मौजूदा व्यवस्था पर फिर से विचार किया जाए और मौजूदा सिस्टम में शुरू से ही न्याय को ध्यान में रखा जाए।

रेवानुर मानती हैं कि उनकी पीढ़ी ने ChatGPT जैसे जनरेटिव टूल्स को तेजी के साथ अपनाया है, जिसकी वजह से इस तकनीक का सबसे अधिक असर भी उन्हीं पर पड़ना है।

ऐसी स्थिति में, जरूरी है कि नियमों को तय करते समय, उनकी सलाह पर ध्यान दिया जाए।

AI नियंत्रण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए, उनके समूह ने अमेरिकी कांग्रेस को AI नीति पर एक खुला पत्र भेजा।

इस पत्र में अन्य मांगो के अलावा, AI उत्पादों का ऑडिट करने और जोखिम के प्रबंधन के लिए प्रशासनिक ढांचे को तैयार करने की मांग की गई है।

इसने AI के प्रभावों के आकलन के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) जैसी एक स्वतंत्र एजेंसी स्थापित करने की सलाह दी है।

इसके अलावा, सक्रिय रूप से कॉर्पोरेट कंपनियों की जवाबदेही तय करने पर भी विचार करना चाहिए।

रेवानुर मानती हैं कि AI को डिजाइन करते समय मानव मूल्यों, मानवीय जरूरतों और मानवीय हिस्सेदारों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।

AI के विकास को नियंत्रित करने के लिए वह मानवों की मजबूत निगरानी की वकालत करती हैं। वह कहती हैं कि नियमों की एक कारगर रूपरेखा स्थापित करने के लिए सरकारों के बीच अच्छे तालमेल की बहुत जरूरत है।

एनकोड जस्टिस को ओमिड्यार नेटवर्क, वी आर फैमिली फाउंडेशन, अमेरिका प्रॉमिस अलायंस, प्रिंसटन प्राइज इन रेस रिलेशंस जैसे संगठनों के अलावा व्यक्तिगत आर्थिक मदद भी मिलती रही है।

रेवानुर अपनी पढ़ाई के साथ अपने अभियान को चला रही हैं। वह कहती हैं कि, उनकी और उनके सहयोगियों का साझा भविष्य इसी पर निर्भर करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *