अगस्त में 12.6% रही साबुन-तेल जैसी चीजों की महंगाई, इस साल अब तक 22% तक बढ़े जरूरी किराना सामान के दाम
सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बावजूद आम लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिल पा रही है। रिटेल एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म बिजोम के मुतबिक, इस साल जनवरी से अब तक रोजाना इस्तेमाल होने वाले किराना सामान के दाम 10% से 22% तक बढ़े हैं। इसमें खाद्य तेल, मसाले और चावल से लेकर बालों में लगाने वाले तेल तक शामिल हैं। वैसे साबुन और वॉशिंग पाउडर (डिटर्जेंट) जैसी कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम सिर्फ 1-3% ही बढ़े हैं।
मसालों की कीमतें भी 3-17% बढ़ी
साल की पहली तिमाही में करीब 35% बढ़ने के बाद खाद्य तेल की कीमतें लगातार की हुईं, लेकिन जनवरी के मुकाबले ये अब भी 5-22% महंगे हैं। इस बीच मसालों की कीमतें भी 3-17% बढ़ी हैं। यह स्थिति तब है, जब भारत दुनिया के सबसे बड़े मसाला निर्यातकों में शुमार है।
यही नहीं, इस साल अब तक चावल, आटा और रिफाइंड फ्लोर जैसे ब्रांडेड जरूरी किराना सामान के दाम भी 10% से ज्यादा बढ़े हैं। बिजोम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतें बढ़ने का असर किराना सामान की बिक्री पर हो रहा है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में इनकी बिक्री घटी है, जिसके चलते बाजार की ग्रोथ धीमी पड़ती जा रही है।
अक्टूबर-दिसंबर में राहत की उम्मीद
साबुन-तेल जैसी रोजाना खपत की वस्तुएं (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी मेरिको की एमडी सौगत गुप्ता के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर में कमोडिटी की कीमतें घटेंगी।’ ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग के मुताबिक, अगस्त में एफएमसीजी की महंगाई दर 12.6% रही।