कलेक्‍टर से अभद्रता मामले में विधायक रामबाई के खिलाफ एफआइआर दर्ज

कहा कुर्सी पर बैठने लायक नहीं यह कलेक्टर, अपनी कार्यप्रणाली के लिए चर्चाओं में रहने वाली बहुजन समाज पार्टी की पथरिया विधायक रामबाई परिहार अपने विधानसभा क्षेत्र के नरसिंहगढ़ में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर में अव्‍यवस्‍था देख भड़क गईं।

दमोह। कलेक्‍टर से अभद्रता मामले में दमोह के सिटी कोतवाली में विधायक रामबाई के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की पथरिया विधायक रामबाई परिहार शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के नरसिंहगढ़ में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर में अव्‍यवस्‍था देख भड़क गईं। दरअसल शिविर में खाद्य विभाग से जुड़ी अनेक समस्‍याएं लेकर आए ग्रामीणों की समस्‍या का समाधान खाद्य विभाग के किसी भी अधिकारी के उपस्थित ना होने की स्थिति में समाधान नहीं हो सका। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए विधायक रामबाई ने संबंधित क्षेत्र की खाद्य निरीक्षक दीक्षा गुप्ता से बात की, लेकिन उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, जिसके बाद विधायक रामबाई नरसिंहगढ़ क्षेत्र की अनेक बुजुर्ग महिलाओं व सरपंच पति को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गईं ।

विधायक ने उक्‍त संबंध में कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य से बात की तो कलेक्टर ने सभी को नियमानुसार प्रक्रिया के तहत लाभ दिलाए जाने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि यदि इसमें संबंधित अधिकारी कहीं दोषी होगा तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इन सभी बातों से विधायक रामबाई संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने कलेक्टर को खरी-खोटी सुनाते हुए यहां तक कह दिया कि तुम कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हो। इतना ही नहीं उन्‍होंने कलेक्‍टर से कहा कि कलेक्टर हो कि ढोर हो, आप बेवकूफ हो । इन कलेक्टर का बैंड बजवा दूंगी।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह भी कहा कि यदि कुछ देर और रुकते तो परिस्थितियां कुछ भी निर्मित हो सकती थीं। इस प्रकार की परिस्थिति कलेक्ट्रेट में निर्मित होने के बाद कलेक्टर अपने चेंबर में वापस चले गए। उन्होंने किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। जबकि विधायक रामबाई कलेक्टर के संबंध में अनेक अपशब्दों का उपयोग करते हुए बाहर आ गईं। इस संबंध में विधायक रामबाई का कहना है कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आम जनता के लिए प्रतिदिन कलेक्टरों से बात कर रहे हैं और प्रभारी मंत्री द्वारा भी बैठक के दौरान निर्देश दिए गए थे, उसके बाद भी कलेक्टर द्वारा सभी प्रकार के कार्यों में नियमों की बात की जाती है। मुख्यमंत्री को ऐसे कलेक्टर को कुर्सी पर नहीं बैठाना चाहिए, जो कि किसी काम के ही ना हों। असहाय लोगों को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। अब ऐसी परिस्थितियों में क्या नियम हैं,अधिकारी मिलते ही नहीं हैं।

 

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