दो दमकल खराब, बहुमंजिला और संकरे रास्तों में आग बुझाने में आएगी दिक्कत
गर्मी में आग की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। नगर निगम के फायर ब्रिगेड मुख्यालय पर रोज औसतन 5-8 फायर कॉल आ रहे हैं। गनीमत है कि ये घटनाएं बहुमंजिला इमारत और संकरी गलियों में नहीं हो रही। यदि ऐसा हुआ, तो दमकल अमला तत्काल मदद नहीं पहुंचा पाएगा। क्योंकि 4 करोड़ का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म 15 अगस्त 2021 की घटना के बाद से ठीक नहीं हो सका है।
अब जिम्मेदार अधिकारी जून तक आने का दावा कर रहे हैं। यहीं नहीं दो दमकल वाहन खराब हैं। उन्हें ठीक करने का टेंडर किया जाना है। ऐसे में शहर सहित जिले की आग पर काबू में पानी के लिए 20 दमकल वाहनों का उपयोग हो रहा है।
नगर निगम की मुख्य जिम्मेदारी 66 वार्डों में आग की घटना पर काबू पाने की है, लेकिन निगम फायर कॉल में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आग बुझाने का काम कर रहा है। 150 कर्मचारियों में निगम के पास 50 कर्मचारी आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं। इनके साथ कोई घटना होने पर भी परिजन को लाभ नहीं मिल पाता है।
3.50 करोड़ में दमकल वाहन खरीदने की तैयारी
निगम आग की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए और संकरी गलियों में आग पर तुरंत काबू पाने के लिए आठ दमकल वाहन खरीदने जा रहा है। इनमें चार छोटे दमकल वाहन, दो वाटर वाउजर और दो फोम टेंडर वाहन खरीदे जाने हैं। इसके लिए 3.50 करोड़ रुपए का टेंडर एक-दो दिन में लगेगा।
फायर एनओसी न लेने वाले 250 को दिया नोटिस
निगम के फायर अमले ने एनओसी के लिए 250 लोग भेज दिए हैं। अभी 180 को एनओसी देने का दावा किया जा रहा है, जबकि इसमें भी कई मामले ऑनलाइन प्रक्रिया में उलझे हुए हैं। दमकल विभाग सिर्फ नोटिस देकर शांत बैठ गया है। उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इनमें ऐसे भवन और इमारत हैं, जिनकी स्वीकृति नहीं ली। अब समझौता प्रकरण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभी यह है अभी व्यवस्था
चार सब स्टेशन- महाराज बाड़ा, मुरार, आनंदनगर और महाराजपुरा (डीडी नगर) पर एक-एक दमकल वाहन खड़ा रहता है। अब नए आठ वाहन आने पर चार छोटे दमकल वाहनों को उक्त सब स्टेशन पर खड़ा किया जाएगा, जो संकरे रास्तों में भी आग की घटनाओं पर काबू पा सकेंगे।
दमकल ठीक करा रहे हैं
हाईड्रोलिक प्लेटफार्म जल्दी ही ठीक होकर आएगा। अभी इसके लिए एक टीम भी पहुंचाई गई थी। दमकल की दो खराब गाड़ियों को ठीक कराया जा रहा है। शहर में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम हैं।
-किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम