ग्वालियर : ऑफिस से गायब दिखे अग्निशमन यंत्र ?

एसपी ऑफिस से गायब दिखे अग्निशमन यंत्र …
6 करोड़ खर्च फिर भी राजस्व भवन में शुरू नहीं हो पाया यूएस का फायर सेफ्टी सिस्टम

हरदा हादसे के बाद एक बार फिर से भीड़ वाले इलाकों और दफ्तरों में फायर फायटिंग सिस्टम की अनिवार्यता को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने संयुक्त टीमें गठित कर निजी संस्थानों की जांच तो शुरू करा दी है, लेकिन अग्नि परीक्षा के इस खेल में सिस्टम खुद ही फेल नजर आ रहा है।

संभाग के मुखिया के कार्यालय में साढ़े 6 करोड़ की लागत से लगा यूएस का एडवांस फायर सेफ्टी सिस्टम शो पीस बनकर रह गया है। कलेक्ट्रेट में एक्सपायर हो चुके सिलेंडर टंगे हुए हैं तो वहीं एसपी ऑफिस में फायर सिस्टम ही नहीं है। कुछ एक्सपायर सिलेंडर स्टोर में धूल खा रहे हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में इस तरह की स्थितियां सामने आई हैं। ये वे कार्यालय हैं जहां न सिर्फ रोजाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही होती है, बल्कि इसमें बैठने वाले जिम्मेदारों पर ही संभागभर में इस व्यवस्था को लागू कराने क​ा जिम्मा है।

दूसरों पर डाल रहे जिम्मा

संभागायुक्त कार्यालय की बिल्डिंग के निर्माण से लेकर संधारण तक ​की जिम्मेदारी संभालने वाले पीआईयू के चीफ इंजीनियर बीके आरक ने फायर एनओसी को लेकर कहा- कितना याद रखूं बिल्डिंग की फायर टेस्टिंग कब करवाई गई। फायर सेफ्टी की एनओसी डिविजन में एग्जीक्युटिव इंजीनियर धाकड़ के पास होगी।

एग्जीक्युटिव इंजीनियर, पीआईयू एन एस धाकड़ बोले-‘मेरी पोस्टिंग शिवपुरी है। मुझे एडिशनल चार्ज मिला है। घनघोरिया एसडीओ से बात कर लीजिए। वहीं पीआईयू विभाग के एसडीओ एस के घनघोरिया बोले- फायर की एनओसी हो गई है। यह ध्यान नहीं आ रहा कि बिल्डिंग कंप्लीट होने के बाद हुई है या कब हुई है।

अग्नि परीक्षा में सिस्टम फेल, जिन पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी वे ही महफूज नहीं

नहीं जोड़े पानी की सप्लाई के सेपरेट कनेक्शन

65.49 करोड़ से बनी नीडम रोड स्थित राजस्व भवन संभागायुक्त कार्यालय मेंं साढ़े 6 करोड़ रुपए से यूनाइटेड स्टेट्स (यूएस) से मंगाए गए नोवेक कंपनी के अत्याधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगे हुए हैं, जो वर्किंग में नहीं हैं। फायर सेफ्टी सिस्टम को लगाने और इंस्टॉल करने वाले टेक्नीकल एक्सपर्ट संजीव गुप्ता ने बताया कि पानी की सप्लाई के लिए लगे ऑटोमेटिक फायर सेपरेट सिस्टम के कनेक्शन जुड़े नहीं है। हमने संभागायुक्त को पत्र देकर अवगत कराया कि कोई घटना राजस्व भवन में हादसा होने व सिस्टम नहीं चलने से कोई जवाबदारी हमारी नहीं होगी।

एक साल से दीवार पर लगे एक्सपायरी यंत्र

जिला प्रशासन के इस मुख्यालय में रोजाना एक हजार से अधिक लोगों का आना- जाना है। यहां लोगाें से जुड़ा रिकार्ड भी रखा है। यहां दीवारों पर आग बुझाने के लिए छोटे सिलेंडर तो टंगे हुए हैं। जो 1 साल पहले एक्सपायर हाे चुके हैं। इमारत के निर्माण के दौरान लगाया फायर सिस्टम अनदेखी का शिकार है। यहां पाइप तो लगे हुए हैं, लेकिन न तो उन्हें ऑपरेट करने के वॉल्व हैं और न ही इसमें लगने वाला पाइप। इमारत में 2 एडीएम कार्यालय, 6 एसडीएम कार्यालय, महिला एवं बाल विकास विभाग, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग, खाद्य विभाग सहित अन्य विभागों के कार्यालय हैं।

पुलिस कंट्रोल रूम तक में नहीं हैं शमन यंत्र

पुलिस अधीक्षक ऑफिस और पुलिस कंट्रोल रूम में आग से निपटने के लिए किसी भी तरह के संसाधन मौजूद नहीं हैं। दीवारों पर आग बुझाने के सिलेंडर भी दिखाई नहीं दिए। यहां डेढ़ सौ अधिकारी- कर्मचारी बैठते हैं। यहां 500 से अधिक लोगाें का रोजाना आना-जाना रहता है। साथ ही समय-समय पर धरना-प्रदर्शन के लिए भी सैकड़ों लोग इस परिसर में जुटते हैं। बड़ी घटना होने पर लाइन से बुलाया गया पुलिस बल कंट्रोल रूप के बाहरी हिस्से में ही एकत्र होता है। जानकारी के मुताबिक यहां एक्सपायरी डेट हो चुके सिलेंडर स्टोर में पड़े हैं।

पुराने संभागायुक्त कार्यालय में कई बार लग चुकी है आग

मोतीमहल में 1956 से संभागीय आयुक्त कार्यालय समेत कई सरकारी दफ्तर चल रहे थे। वर्ष 1997 में लोक निर्माण विभाग ने इसे खतरनाक और कंडम घोषित कर दिया था। फिर भी यहां 68 सरकारी छोटे-बड़े दफ्तर चल रहे थे। ट्रांसपोर्ट, एक्साइज, रेवेन्यू बोर्ड और कमिश्नर भू अभिलेख जैसे राज्य स्तरीय कार्यालय। मई 2014 में मोतीमहल स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय में भीषण आग लगने के कारण बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

दफ्तर में रखी कई महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई थीं। वहीं 2 जुलाई 2015 को मोती महल स्थित परिवहन विभाग में तत्कालीन अपर आयुक्त विजय सूर्यवंशी के कैबिन में भी आग लग चुकी है। 26 मई 2021 मोतीमहल के संभागीय पेंशन शाखा के दफ्तर में आग लगी थी। आग लगने से रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए थे।

अभी वर्किंग में नहीं है सिस्टम

हमारे यहां एडवांस फायर फाइटिंग सिस्टम लगा ह​ै, लेकिन वो वर्किंग में नहीं है। इसको ऑपरेट करवाने के लिए निर्देश दिए हैं।
-दीपक सिंह, संभागायुक्त

सिस्टम को चेक करवाएंगे

फायर सिस्टम को हम चेक करवाएंगे। कुछ खराबी होगी तो उसको ठीक करवाएंगे। एक्सपायरी सिलेंडर को बदलवा देंगे हम।
-अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर ग्वालियर

कुछ कमियां बाकी, निर्देश दिए

संभागायुक्त कार्यालय में 4 जनवरी को सीएम की बैठक से पहले हमने जांच कर 60 फीसदी की फायर एनओसी दे दी व कुछ कमियां अभी बाकी है, उसके लिए निर्देश दे दिए हैं।
-अतिबल सिंह यादव, असिस्टेंट कमिश्नर फायर विभाग

सिलेंडर रिफिलिंग करवाएंगे

स्टाफ से जानकारी मिली है कि फायर से बचने के लिए सिलेंडर एक्सपायरी या कंडम हो चुके हैं, उसको रिफिलिंग के लिए बोला है। एक बार पूरे फायर फाइटिंग इक्विपमेंट चेक करवाएंगे।
-राजेश सिंह चंदेल, एसएसपी ग्वालियर

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