CAG को नोएडा प्राधिकरण देगा एक साल का रिपोर्ट कार्ड !
CAG को नोएडा प्राधिकरण देगा एक साल का रिपोर्ट कार्ड
जनवरी 2023 से 2024 तक की फाइलों को खंगाला जा रहा, आपत्तियों का जवाब देना होगा
ये जानकारी एक विभाग के हेड को एक प्रोफ्रामा में भरकर देनी है। जिसे कार्यालय आदेश के साथ प्राधिकरण के औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, ग्रुप हाउसिंग, लैंड में भेज दिया गया है। प्रोफार्मा के तहत काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके बाद सीएजी की ओर से आपत्तियां लगाई जाएंगी। जिनका जवाब देना होगा।
CAG इस जांच को कंपलॉयस ऑडिट का दिया गया नाम
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जांच करने के लिए सीएजी की तीन सदस्यीय टीम आ गई है। इसके लिए प्राधिकरण में एक कमरा उनको अलॉट कर दिया गया है। इस जांच को कंपलॉयस ऑडिट का नाम दिया गया है। इसमें प्राधिकरण की तरफ से विभिन्न काम के लिए जारी किए गए टेंडर, परियोजना की लागत समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच होगी। अब टीम एक-एक कर विभागों की फाइलों को मंगवाकर जांच करेगी। अधिकारियों ने अनुमान जताया कि एक साल के कामकाज की जांच करने में कम से कम तीन से चार महीने का समय लगेगा।
इसके बाद वह आपत्तियों का ब्योरा तैयार कर प्राधिकरण अधिकारियों को सौंपेगी। प्राधिकरण की तरफ से आपत्तियों का जबाब दिए जाने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। गौरतलब है कि यूपी में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि अगर यूपी में भाजपा सरकार आती है तो प्राधिकरण में बीते सालों में हुए गड़बड़ियों की जांच सीएजी से कराई जाएगी।
2017 में पहली बार हुई CAG ऑडिट इसे परफॉर्मेंस ऑडिट नाम दिया था
सीएजी ने वर्ष 2017 में पहली बार प्राधिकरण में जांच के लिए कदम रखा था। प्रदेश सरकार के निर्देश पर पहले चरण में वर्ष 2004-05 से लेकर वर्ष 2017-18 तक के कामकाज की जांच की गई। इसको परफॉर्मेंस ऑडिट का नाम दिया गया था। इसमें प्राधिकरण की तरफ से तैयार किए नियमों के अंतर्गत जांच की गई थी। इस दौरान 200 से अधिक आपत्तियां लगाते हुए करीब 400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी। सीएजी को 30 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी मिली थी। इसकी लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है।
बीते चार साल के ऑडिट में मिली थी 65 आपत्तियां
सीएजी ने वर्ष 2022 में नोएडा प्राधिकरण के कामकाज की जांच की थी। अलग-अलग विभागों के 12 कामकाज में प्राधिकरण को गड़बड़ी मिली थी। ये आपत्तियां लगाते हुए सीएजी ने प्राधिकरण के अधिकारियों से जबाब मांगा था। अभी इन आपत्तियां को लेकर सुनवाई चल रही है। वर्ष 2018 से 2021 तक के कामकाज की जांच सीएजी कर चुकी है।
इन चार साल में प्राधिकरण को 53 काम में गड़बड़ी मिली थी। इस दौरान सबसे ज्यादा गड़बड़ी सिविल, भूलेख व नियोजन विभाग के काम में मिली थी। बताया जाता है कि इनमें से 3-4 आपत्तियों को समाप्त कर दिया गया है। इन मामलों में भी समय-समय पर सुनवाई होती है।