ग्वालियर : शहर की सड़कों पर अवैध पार्किंग, कैसे हो कार्रवाई ?
शहर की सड़कों पर अवैध पार्किंग, कैसे हो कार्रवाई…निगम की गाड़ियां ही ड्यूटी से आफ
Gwalior Parking News:शहर की सड़कों पर अवैध पार्किंग बदहाल ट्रैफिक की बड़ी वजह है। शहर का लश्कर क्षेत्र हो, मुरार हो या फिर उपनगर ग्वालियर। तीनों ही उपनगरों की सड़कें अवैध पार्किंग से घिरी रहती हैं
- पुलिस और नगर निगम की खींचतान में बदहाल हो रहा ट्रैफिक
- कई जगह तो आधी सड़क तक गाड़ियों से ही बंद हो जाती है
\ ग्वालियर, शहर की सड़कों पर अवैध पार्किंग बदहाल ट्रैफिक की बड़ी वजह है। शहर का लश्कर क्षेत्र हो, मुरार हो या फिर उपनगर ग्वालियर। तीनों ही उपनगरों की सड़कें अवैध पार्किंग से घिरी रहती हैं, कई जगह तो आधी सड़क तक गाड़ियों से ही बंद हो जाती है। 5 से 10 फीट रोड से ट्रैफिक गुजरता है, ऐसे में जरूरत होती है- सड़क पर ट्रैफिक बिगाड़ने वाले उन वाहनों पर कार्रवाई की, जो सड़क घेरकर खड़े हैं, नो पार्किंग जोन में खड़े हैं। इन पर कार्रवाई करीब एक माह से ठंडी पड़ी है। इसकी वजह है- शहर की सड़कों पर अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों को हटाने वाली नगर निगम की छह गाड़ियां ही ड्यूटी से आफ हो गई हैं। यह हालात पिछले एक माह से हैं। न तो इसकी ठोस वजह नगर निगम के जिम्मेदार अफसर बता पा रहे हैं न ही ट्रैफिक पुलिस के पास कोई जवाब है। दोनों विभाग एक-दूसरे को ही जिम्मेदार बता रहे हैं। पुलिस और नगर निगम की आपसी खींचतान में ट्रैफिक बदहाल हो रहा है
अब तक यह थी व्यवस्था, ऐसे होती थी अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों पर कार्रवाई
- ट्रैफिक पुलिस के तीन थाने हैं। मध्य क्षेत्र, पूर्व क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र। तीनों थानों द्वारा अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। मोटर व्हीकल एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई करने का अधिकारी ट्रैफिक पुलिस को है। सड़क से अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसलिए व्यवस्था बनाई गई थी, शहर में अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों को उठाने के लिए नगर निगम स्टाफ उपलब्ध करवाएगी, इन गाड़ियों को सड़क से थाने तक ले जाने के लिए गाड़ियां भी निगम ही उपलब्ध कराएगी। निगम के स्टाफ के साथ ट्रैफिक पुलिस रहेगी, चालान थाने में ही काटा जाएगा।
- तीनों थानों को दो-दो गाड़ियां दी गई थी। इसमें से तीन टो वाहन थे, जबकि तीन ट्रक थे, जिनमें दो पहिया वाहन रखे जाते थे। टो वाहनों से सड़क पर खड़े चार पहिया वाहनों को ले जाया जाता था।
- एक महीने से बंद दो पहिया वाहन उठाने वाली गाड़ी, अब टो वाहन भी आफ ड्यूटी: ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से जब नईदुनिया ने बता की तब बताया कि पिछले माह 19 जनवरी से दो पहिया वाहन उठाने वाली गाड़ियां बंद कर दी गई। अब टो वाहन भी आफ ड्यूटी हो गए। किसी थाने में दस दिन तो किसी थाने में एक सप्ताह से टो वाहन नहीं चल रहे।
जिम्मेदार आमने-सामने
करीब एक माह से गाड़ियां बंद हैं। इसलिए अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों को नहीं हटवा पा रहे। इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों से कई बार बात की। अलग-अलग बात कही जाती है। कभी कहते हैं बजट ही नहीं है तो कभी कहते हैं- इन गाड़ियों के चलने की जरूरत ही क्या है? सालों से यही व्यवस्था चली आ रही थी। अचानक गाड़ियां बंद कर दी गई, इस संबंध में कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी गई। हम अपने स्तर पर ई-चालान और मेनुअल चालान बनाकर कार्रवाई कर रहे हैं, गाड़ी उठाने का काम नगर निगम का ही है।
अजीत सिंह चौहान, डीएसपी, ट्रैफिक पुलिस
पुलिस बिलकुल गलत कह रही है। कुछ गाड़ियों का उपयोग पुलिस कर ही नहीं रही थी। गाड़ियां फालतू थोड़ी खड़ी रहेंगी, किराया देना पड़ रहा था। इसलिए गाड़ियों को बंद कर दिया। दो गाड़ी अब भी चल रही हैं। एक गाड़ी स्मार्ट सिटी को निगम ने दे रखी है, दूसरी गाड़ी निगम चला रही है। पुलिस की खुद की गाड़ियां भी हैं।
अतिबल सिंह यादव, उपायुक्त, नगर निगम
यहां सबसे ज्यादा बिगड़ रहे हालात
लश्कर: जयेंद्रगंज, इंदरगंज चौराहा, पाटनकर चौराहा, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, शिंदे की छावनी, कंपू इलाके में संकरी सड़कों पर ही गाड़ियां खड़ी हो रही है। गाड़ियों पर कार्रवाई न होने से सबसे ज्यादा यहां हालात बिगड़ रहे हैं।
मुरार: शहीद गेट से बारादरी चौराहा, छह नंबर चौराहा, सात नंबर चौराहा, गोला का मंदिर चौराहा, थाटीपुर, सिटी सेंटर।
उपनगर ग्वालियर: हजीरा चौराहा, चार शहर का नाका, किलागेट रोड, तानसेन रोड, इंटक मैदान के बाहर