कल, आज और कल ….. देश में राजनीति के चाणक्य बनकर उभरेंगे, 20 साल बाद मुलायम से भी बड़ा होगा अखिलेश कद
यादवों के सबसे बड़े नेता और यूपी की सत्ता संभाल चुके अखिलेश भविष्य में भारत के राजनीतिक चाणक्य होंगे। अपने पिता मुलायम की विरासत को संभालते हुए वह अपने कद को नई मुकाम पर लेकर जाने में सफल रहेंगे। ये भविष्यवाणी मशहूर ज्योतिषाचार्य नस्तूर बेजान दारुवाला ने की। दैनिक भास्कर की विशेष प्रस्तुति ‘कल, आज, कल’ के लिए उन्होंने अखिलेश के आने वाले कल का आंकलन किया।
उनके मुताबिक अखिलेश 1 जुलाई को जन्मे थे। कर्क राशि के हैं। पहले अंक का मतलब ही सूर्य है। सूर्य से बड़ा कोई ग्रह नहीं है। वो भविष्यवाणी करते हैं कि 2027 के बाद अखिलेश दोबारा यूपी के सीएम हो सकते हैं। 20 साल बाद जब उनकी दशाओं से आकलन किया जाए, तो वह मुलायम सिंह यादव से बड़ा नाम बन चुके होंगे। ऐसी राजनीतिक गतिविधियां होंगी कि वह पीएम के कुर्सी के करीब पहुंच जाएंगे। सही मायनों में समाजवादी पार्टी के लिए काम करेंगे। वह सचेत भी करते हैं कि अखिलेश को आने वाले 10 सालों में अपनी तबीयत और दुर्घटना को लेकर सावधान भी रहना होगा।
विधानसभा चुनाव 2022 में भास्कर प्रतिदिन दिग्गज नेताओं के कल, आज, कल के बारे में आपको बताएगा। इस प्रस्तुति में आने वाले कल में अखिलेश यादव की काल्पनिक तस्वीर को फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है।
- अखिलेश का बचपन का नाम टीपू है।
- इटावा के सेंट मैरी स्कूल स्कूल में शुरुआती पढ़ाई हुई।
- 1982 में सिंधिया स्कूल ने अखिलेश का एडमिशन नहीं लिया।
- फिर वह राजस्थान के धौलपुर स्थित सैनिक स्कूल में चले गए।
- मैसूर यूनिवर्सिटी से पर्यावरण प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएशन किया।
- ऑस्ट्रेलिया के सिडनी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन।
- लेखिका सुनीता एरन ने अखिलेश यादव-‘बदलाव की लहर’ किताब में जिक्र किया कि वह फौज में जाना चाहते थे।
- अखिलेश की शादी 24 नवंबर 1999 को डिंपल के साथ हुई थी।
- उनके तीन बच्चे हैं। अदिति, टीना और अर्जुन।
- मुलायम सिंह यादव ने साल 2000 में इस्तीफा देकर कन्नौज सीट अखिलेश को सौंप दी थी।
- उप चुनाव में भी अखिलेश ने कन्नौज सीट से जीत दर्ज की।
- अखिलेश यादव साल 2000, 2004, 2009 में तीन बार सांसद रहे।
- उन्हें 2012 में मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था।
- अखिलेश के नाम पर सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड है।
- अखिलेश को सरकार में रहते हुए आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित करने पर आलोचना झेलनी पड़ी थी।
- मुजफ्फरपुर के दंगों पर काबू नहीं पाने पर भी वह निशाने पर आए थे।
- 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने 10 हजार किमी की यात्रा और 800 रैलियां की थीं।
- कांग्रेस गठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
- 2022 के विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी विजय रथ यात्रा के जरिए फिर एक बार मैदान में हैं।