यूपी के पूर्वांचल ने देश को दिए 5 प्रधानमंत्री …. इनमें से 3 के राज में युद्ध हुआ,.2 का कार्यकाल बहुत छोटा रहा

 

देश की सत्ता का रास्ता यूपी से और यूपी की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से होकर गुजरता है। 17 जिलों, 23 लोकसभा क्षेत्रों और 156 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस इलाके का मतदान पांचवें, छठे और सातवें चरण में पूरा होने जा रहा है। आइए इसी बीच आपको पूर्वांचल के उन 5 बड़े नेताओं से मिलवाते हैं जिन्होंने यहां से निकल कर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया…

जवाहर लाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पढ़ाई कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन से पूरी की और फिर वापस आकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करने लगे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी के साथ।
पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी के साथ।

इसके बाद पंडित नेहरू कांग्रेस में शामिल हो गए और स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पहला ड्राफ्ट 13 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की तीसरी मीटिंग में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही पेश किया था। देश आजाद होने के बाद नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने और 1964 तक प्रधानमंत्री रहे। पंडित नेहरू लगातार 3 बार फूलपुर लोकसभा से सांसद भी रहे। इनके कार्यकाल में 1962 में भारत का चीन से युद्ध हुआ था।

पंडित नेहरू का कार्यकाल अब तक के प्रधान मंत्रियों में सबसे लम्बा रहा। इनके शासनकाल में देश ने कई बुलंदियों को छूआ। 1964 में इनकी मृत्यु हो गई। इनके जन्मदिन को हर साल ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय में हुआ। अपनी पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही इन्होंने आजादी के आन्दोलन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। 1964 में पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद ये देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। इससे पहले ये नेहरू कैबिनेट में मंत्री थे।

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री।
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री।

शास्त्री जी 1957 और 1962 में इलाहाबाद से सांसद रहे। ‘श्वेत क्रांति’ और ‘हरित क्रांति’ को इन्होंने बहुत बढ़ावा दिया। इन्ही के कार्यकाल में 1965 में भारत का पाकिस्तान से युद्ध हुआ। इसी दौरान इन्होंने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया। 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में इनकी मृत्यु हो गई। 1966 में इनको मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इनकी पढ़ाई भारत के कई शहरों के अलावा से यूरोप से भी हुई। वे साल 1966 में शास्त्री जी की मौत के बाद भारत की तीसरी प्रधानमंत्री बनीं। 1966 से 1977 तक लगातार प्रधानमंत्री रहीं, फिर 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं। कई बार रायबरेली से सांसद भी रहीं।

देश की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। प्रेस वार्ता के दौरान की तस्वीर।
देश की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। प्रेस वार्ता के दौरान की तस्वीर।

इनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी कामयाबी साल 1971 की जंग में पाकिस्तान पर जीत हासिल करना और 1975 में सिक्किम का भारत में विलय करवाना थी। वहीं, इमरजेंसी उनके जीवन की सबसे बड़ी राजनीतिक गलती थी। हालांकि, इमरजेंसी के बाद भी 1980 में इंदिरा गांधी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना कर सत्ता में वापसी की। 1984 में इनकी हत्या कर दी गई।

विश्वनाथ प्रताप सिंह
भारत के सातवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म 25 जून, 1931 को इलाहाबाद में हुआ। इन्होंने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की और यहीं छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रहे।

चुनावी सभा को संबोधित करते हुए देश के सातवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह।
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए देश के सातवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह।

कांग्रेस से अलग होने के बाद 1998 में इन्होंने जनता दल का गठन किया और 1989 में सरकार बनाई। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान कश्मीरी पंडितों का विस्थापन हुआ था और मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हुई थी। साल 1990 में भाजपा ने इनकी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और इनकी सरकार अविश्वास प्रस्ताव में फेल हो गई। इसके बाद 7 नवंबर, 1990 को इन्होंने इस्तीफा दे दिया। वीपी सिंह फूलपुर, इलाहाबाद और फतेहपुर से सांसद भी रहे।

27 नवंबर, 2008 को 77 साल की उम्र में दिल्ली में इनका निधन हो गया। ये भारत के एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जो किसी राजपरिवार से थे।

चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का जन्म 1 जुलाई, 1927 को बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव में किसान परिवार में हुआ। चंद्रशेखर ने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की‌ और अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ की।

देश के आठवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर।
देश के आठवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर।

चंद्रशेखर कई बार बलिया से लोकसभा के सांसद रहे। साल 1990 में कांग्रेस से समर्थन से इन्होंने सरकार बनाई और भारत के आठवें प्रधानमंत्री बने, लेकिन इनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। जून,1991 में कांग्रेस ने इनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और इन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इनकी सरकार अपना बजट भी पेश नहीं कर सकी।

राजनीति में अपने देहाती अंदाज के लिए जाने जाने वाले चंद्रशेखर का 8 जुलाई, 2007 को दिल्ली में निधन हो गया।

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