ग्वालियर : हर हाइवे पर पनप रहीं अवैध कालोनियां ?
हर हाइवे पर पनप रहीं अवैध कालोनियां, चुनिंदा पर हो रही कार्रवाई
Gwalior Illegal Colonies News: ग्वालियर में अवैध कालोनियों का नेटवर्क जितना बड़ा है, कार्रवाई उतनी ही सुस्त है। जिला प्रशासन हो नगर निगम प्रशासन चुनिंदा कालोनियों पर कार्रवाई की जा रही है
- निगम चंद कालोनियों पर कर रहा कार्रवाई
- जिला प्रशासन अवैध कालोनियों से लेकर सरकारी जमीन मुक्त कराने में सुस्त
ग्वालियर। ग्वालियर में अवैध कालोनियों का नेटवर्क जितना बड़ा है, कार्रवाई उतनी ही सुस्त है। जिला प्रशासन हो नगर निगम प्रशासन चुनिंदा कालोनियों पर कार्रवाई की जा रही है, जबकि ग्वालियर के चारों ओर अवैध कालोनियों का मकड़जाल साफ देखा जा सकता है। अवैध कालोनियों की बसाहट से सबसे ज्यादा नुकसान आमजन का है जो अपनी गाढ़ी कमाई को इन अवैध कालोनाइजरों को सौंप देते हैं और बाद में सड़क, बिजली पानी के लिए परेशानी होने के साथ ठगी का शिकार हो जाते हैं। अवैध कालोनियों पर कार्रवाई करने के प्रशासन से लेकर निगम ने सूचियां तो बड़ी बड़ी तैयार कीं, लेकिन मैदान में ठोस कार्रवाई नहीं कीं। यही कारण है कि अवैध कालोनाइजर पनपते चले गए। कभी किसी बड़े हाइवे प्रोजेक्ट तो कभी नए एयरपोर्ट के आसपास प्राइम लोकेशन का लालच देकर लोगों को ठग रहे हैं। हर मंगलवार की जनसुनवाई हो या अफसरों के दफ्तर आए दिन शिकायतें पहुंच रहीं हैं। बता दें कि अवैध कालोनियों पर पहली बार कार्रवाई की शुरुआत नहीं की गई इससे पहले भी कार्रवाई तो हुईं लेकिन कभी ठोस कार्ययोजना के साथ काम नहीं किया गया। अब नगर निगम परिषद में अवैध कालोनियों का मुददा उठने पर पार्षदों द्वारा बताई कालोनियों पर कार्रवाई कर रहा है लेकिन पूरे शहर में सैकड़ों अवैध कालोनियों पर जिला प्रशासन से लेकर निगम चुप बैठा हुआ है।
अवैध कालोनी बसाने वालों को संरक्षण भी
अवैध कालोनी बसाने वालों को सरंक्षण भी है क्योंकि खुलेआम अवैध कालोनी बना ली जाए और किसी को पता न चले यह संभव नहीं है। नगर निगम का जोनल अधिकारी हो या प्रशासन का पटवारी सबको सब पता रहता है। इधर एसडीएम स्तर के अधिकारियों से लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार का पूरा नेटवर्क रहता है लेकिन अवैध कालोनी जब बस जाती है तभी क्यों पता चलता है। यह साफ है कि अवैध कालोनियों को लेकर सांठगांठ का खेल भी है।
अब देव रेसीडेंसी शिकायत कलेक्टर को पहुंची,चरनोई भूमि छिपाई
पुरानी छावनी में देव रेसीडेंसी शिकायत कलेक्टर को की गई है जिसमें शिकायतकर्ता ने चरनोई की जमीन की जानकारी छिपाकर खसरे में कांटछांट का आरोप लगाया है। शिकायत में आबोध तोमर ने बताया कि ग्राम पुरानी छावनी की भूमि सर्वे नं 131/1, लगभग 10 बीघा पर वर्तमान में भू-माफियाओं के द्वारा देव रेजीडेन्सी के नाम से अवैध कालोनी बनाई जा रही है और सर्वे क्रं 131/2 रकवा 0.6880 हेक्टेयर भूमि साडा काउन्टर मैगनेट सिटी ग्वालियर के नाम पर दर्ज है। पुरानी छावनी के सर्वे ने 131 में मिसिल बन्दोबस्त खसरा 1997 वर्ष 1940-41 के खाना नं. 29 के मुताबिक चरनाई गैर मुमकिन दर्ज है। उक्त खसरा में खाना नं. 8 मौरूसी की प्रविष्ट दर्ज नहीं है। उक्त भूमि गैर मुमकिन चरनोई से हटाकर सामूहिक जोत में दर्ज कर ली गई है इसके बाद दस्तावेजों में उक्त भूमि निजी दर्ज कर दी गई है। कार्यालय कलेक्टर नजूल जिला ग्वालियर में प्रकरण कमांक 0164/30-20 (4)/2019-20 आदेश दिनांक 30.10.2019 में सर्वे नंबर 131 का नजूल अनापत्ति का प्रमाण प्रत्र जारी कर दिया गया है। नजूल प्रमाण पत्र जारी करते समय पुरानी छावनी के सर्वे नं 131 में मिसिल बन्दोबस्त खसरा संवत् 1997 वर्ष 1940-41 के खाना नं. 29 के मुताबिक चरनोई गैर मुमकिन दर्ज होने की जानकारी को छिपाकर प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।