स्पोर्ट्स सिटी लोट्स ग्रीन प्रोजेक्ट से हट सकता है प्रतिबंध !

स्पोर्ट्स सिटी लोट्स ग्रीन प्रोजेक्ट से हट सकता है प्रतिबंध
प्राधिकरण 201वीं बोर्ड में लिए गए निर्णय को लेगा वापस, 10 हजार होम बायर्स को फायदा

ये चित्र नोएडा की स्पोट्र्स सिटी का है। जिसमें अभी रोक लगी हुई है। बोर्ड के बाद इस रोक हटाया जा सकता है।

इसमें स्पोर्ट्स सिटी के ब्रोशर के अनुसार खेल सुविधाओं के लिए 70% खेल 28, प्रतिशत आवासीय और 2 प्रतिशत कॉमर्शियल गतिविधियां शामिल है। प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में रखे जाने की संभावना है।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा, ”स्पोर्ट्स सिटी के इस मामले को बोर्ड बैठक लाने की योजना बना रहे है। डेवलपर का संशोधित नक्शा चर्चा के लिए रखा जाएगा। यही नहीं डेवलपर को निर्माण कार्य कर सके। इसके लिए सीएजी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद जनवरी 2021 में 201वीं बोर्ड बैठक के निर्णयों को वापस लेना होगा।

हाल ही में हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक का एक दृश्य
हाल ही में हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक का एक दृश्य

दरअसल, नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक ऑडिट रिपोर्ट के बाद 2021 से नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्पोर्ट्स सिटी की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी। जिसमें योजना के लिए भूमि आवंटन प्रक्रियाओं के बारे में आपत्तियां उठाई गई थीं।

ऐसे में प्राधिकरण ने तब तक किसी भी भवन की मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है, जब तक डेवलपर्स खेल सुविधाओं का निर्माण नहीं कर लेते और स्पोर्ट्स सिटी योजना के मानदंडों का पालन नहीं करते।

अनुमति मिली तो 10 हजार फ्लैट बायर्स को होगा फायदा
लोटस द्वारा संशोधित मानचित्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें 70% खेल की आवश्यकता के अनुपालन का दावा करता है। प्राधिकरण फिलहाल जमा किए गए मानचित्र का मूल्यांकन कर रहा है। सीईओ ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान पर कोई राहत नहीं मिलेगी।

प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, डेवलपर और उसके कंसोर्टियम भागीदारों को 1200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। जिसका भुगतान करना होगा। सेक्टर 150 में ये परियोजना (एससी-02) 330 एकड़ में फैली हुई है।

2014-15 में डेवलपर को आवंटित की गई थी। मुख्य सदस्य के रूप में लोटस ग्रीन्स ने एक संघ का गठन किया और भूमि को 24 भागों में विभाजित किया। इनमें से 13 परियोजनाओं के ले-आउट को प्राधिकरण से मंजूरी मिल गई है। निर्माण प्रतिबंध और फ्लैट रजिस्ट्री प्रतिबंध हटने पर, विभिन्न परियोजनाओं में आवंटित फ्लैटों के लगभग 10,000 घर खरीदारों को राहत मिलेगी।

बिल्डर संस्था क्रेडाई के साथ बैठक करते सीईओ लोकेश एम
बिल्डर संस्था क्रेडाई के साथ बैठक करते सीईओ लोकेश एम

पांच बार पीएसी की बैठक के बाद कहा जहां संभव हो प्रतिबंध हटाए जाए
पीएसी ने पिछले साल स्पोर्ट्स सिटी पर पांच बार बैठक की थी और अंत में प्राधिकरण को निर्देश दिया कि जहां भी पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो, स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाओं पर प्रतिबंध हटा दिया जाए।

समिति को अवगत कराया गया कि जिन चार स्पोर्ट्स सिटीज को जमीन आवंटित की गई है, उनमें से केवल एक सेक्टर 150 में परियोजना (एससी-02) है, जिस पर फिलहाल कुछ निर्णय लिया जा सकता है। दो स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाओं के दो प्रमुख डेवलपर्स – लॉजिक्स और थ्री सी दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं, जबकि एटीएस के पास पूरी जमीन नहीं है।

नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

क्या है स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट इसे समझे
सेक्टर 78, 79, और 101 में भूमि पार्सल और सेक्टर 150 में एक अन्य भूमि पार्सल क्रमशः थ्री सी और लॉजिक्स को आवंटित किए गए थे। सेक्टर 150 और सेक्टर 152 में एक-एक भूमि पार्सल क्रमशः लोटस ग्रीन्स और एटीएस होम्स को आवंटित किया गया था। चारों डेवलपर्स ने भूमि को 74 भूखंड में विभाजित किया और उन्हें सहायक कंपनियों को आवंटित कर दिया।

74 में से, 30000 इकाइयों वाली 45 परियोजनाओं के ले आउट को मंजूरी दी गई थी। लगभग 15,000 घर खरीदार इन इकाइयों में शिफ्ट हो चुके है। जबकि अन्य विभिन्न निर्माण चरणों में हैं। चूंकि डेवलपर्स ने योजना के मुख्य नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है और उन पर 8200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है, इसलिए प्राधिकरण फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दे रहा है।

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