टिकट मिला नहीं, इस्तीफा मंजूर… क्या अभिषेक सिंह की IAS की नौकरी बहाल होगी?
टिकट मिला नहीं, इस्तीफा मंजूर… क्या अभिषेक सिंह की IAS की नौकरी बहाल होगी? जानें क्या कहता है नियम
IAS Abhishek Singh: उत्तर प्रदेश कैडर के साल 2011 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर हो गया. सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि भाजपा उन्हें जौनपुर से टिकट दे सकती है, लेकिन यहां से कृपा शंकर सिंह को मैदान में उतारा गया. अब सवाल उठा कि एक बार इस्तीफा देने के बाद अभिषेक सिंह क्या दोबारा IAS बन पाएंगे?
उत्तर प्रदेश कैडर के साल 2011 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर हो गया. उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में निजी कारण बताते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद कई तरह के कयास लगाए गए. कहा जा रहा था वो लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ेंगे. उन्हें भाजपा से टिकट मिल सकता है. सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि भाजपा उन्हें जौनपुर से टिकट दे सकती है, लेकिन यहां से कृपा शंकर सिंह को मैदान में उतारा गया.
क्या है इस्तीफे का नियम और प्रक्रिया?
केंद्रीय कर्मचारियों में भी इस्तीफे को लेकर प्रावधान हैं. फिर चाहें IAS क्यों न हों. ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल 5(1) और 5(1)(A) में इस्तीफे से जुड़ा नियम कहता है कि अगर कोई ऑफिसर इस्तीफा देना चाहता है तो उसका इस्तीफा बिना शर्त होना चाहिए. आवेदन में साफ बताया जाना चाहिए कि इस्तीफे की वजह क्या है.
एक IAS अधिकारी की तैनाती जिस राज्य में होती है वो वहां के चीफ सेक्रेटरी को इस्तीफा भेजता है. जैसे- अभिषेक सिंह उत्तर प्रदेश के कैडर से हैं तो उन्होंने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को इस्तीफा सौंपा था. इसी तरह IPS राज्य के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी या DGP को इस्तीफा सौंपते हैं.
इस्तीफा मंजूर किया जाए या नहीं, ये दोनों अधिकारी अपनी मर्जी से यह तय नहीं कर सकते. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी. राज्य सरकार उस अधिकारी का इस्तीफा, विजिलेंस स्टेटस और उसकी ड्यू रिपोर्ट केंद्र तो भेजती है. एक आईएएस के इस्तीफे को मंजूरी DOPT यानी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग देता है. वहीं, आईपीएस के इस्तीफे को गृह मंत्रालय और आईएफएस के रेजिग्नेशन को पर्यावरण मंत्रालय मंजूरी देता है.
क्या होगी वापसी?
ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर जैसे IAS और IPS इस्तीफा वापस ले सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी नियम हैं. ऐसे ऑफिसर्स अगर वापसी करना चाहते हैं तो उन्हें 90 दिनों के अंदर इस्तीफा वापस लेना होगा. इसके लिए उन्हें बकायदा लिखिततौर पर आवेदन करना होगा.
कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जब इस्तीफा वापस नहीं हो सकता. ऑल इंडिया सर्विस रूल्स कहता है कि अगर किसी अधिकारी ने इस मंशा के साथ इस्तीफा दिया है कि वो राजनीतिक दल से जुड़ेगा या चुनाव में हिस्सा लेगा तो उसे इस्तीफा वापस लेने का भी अधिकार नहीं दिया जाएगा.
नियम कहता है कि इस्तीफा मंजूर होने और प्रॉसेस पूरी होने के बाद उसकी वापसी नहीं हो सकती. अगर उनका इस्तीफा मंजूर न हुआ तो संभावना थी कि उसे वापस ले सकें या रुकवा सकें. अब इस्तीफा मंजूर हो चुका है, इसलिए वापसी का सवाल नहीं उठता.