ग्वालियर : मिलावटखोरों से जुर्माने की वसूली में फिसड्डी अफसर

मिलावटखोरों से जुर्माने की वसूली में फिसड्डी अफसर
Gwalior News:मिलावटखोरी के खिलाफ कार्रवाई महज रस्म अदायगी तक रह गई है। इसका असर न तो मिलावटखोरों पर हो रहा है और न ही व्यवस्था में कोई सुधार नजर आ रहा है।
  1. जुर्माना एक करोड़ 30 लाख 40 हजार और वसूली महज उन्नीस लाख 95 हजार
  2. खाद्य एवं औषधि प्रशासन और राजस्व विभाग की अनदेखी से मिलावटखोरों की मनमानी जारी

 ग्वालियर । मिलावटखोरी के खिलाफ कार्रवाई महज रस्म अदायगी तक रह गई है। इसका असर न तो मिलावटखोरों पर हो रहा है और न ही व्यवस्था में कोई सुधार नजर आ रहा है। जांच के दौरान जो नमूने लिए जाते हैं, उनकी रिपोर्ट भी महीनों अटकी रहती है। साथ ही जो जुर्माना किया जाता है, प्रशासन उसे भी नहीं वसूल पाता है। हालत यह है कि जिले में अब तक लगाए गए जुर्माने की कुल राशि में से मात्र 15 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई है। जुर्मानों की वसूली का मामला खाद्य एवं औषधि प्रशासन और राजस्व विभाग के बीच झूल रहा है। अपराध का दंड नहीं मिल पाने से मिलावटखोरों की मनमानी नहीं थम रही है।

मिलावट के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन दुकानों का निरीक्षण कर सैंपल लेने की कार्रवाई कर रहा है। जांच रिपोर्ट मिथ्याछाप, अवमानक, असुरक्षित आने पर मिलावटखोरों के खिलाफ सक्षम न्यायालय में प्रकरण लगाया जाता है। जहां विभिन्न धाराओं के तहत मिलावटखोरों पर जुर्माना लगाया जाता है। पिछले तीन साल में मिलावटखोरों पर एक करोड़ तीस लाख चालीस हजार रुपए का जुर्माना सक्षम न्यायालय द्वारा अधिरोपित किया गया, लेकिन जिम्मेदारों ने 19 लाख 95 हजार की वसूली ही कर पाए। वसूली को लेकर न खाद्य एवं औषधि प्रशासन न ही राजस्व विभाग के अधिकारी गंभीर नजर आ रहे हैं।

उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद सैंपलिंग बढ़ी, वसूली नहीं

उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन का एक्शन देखने मिल रहा है। जिले में खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जाने की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन बीते तीन साल में की कई कार्रवाई में मिलावटखोरों पर अधिरोपित किए गए जुर्माने की वसूली तेज नहीं हो पाई है। कार्रवाई के बाद मिलावटखोरों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जरूर जा रहा है, पर वसूली के मामले में हाथ खाली हैं।

फैक्ट फाइल

    • जुर्माना: एक करोड़ 30 लाख 40 हजार रुपये
    • वसूली: 19 लाख 95 हजार रुपये
  • प्रकरण करीब: 167

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