फ्लोरिडा में बच्चों के लिए बैन हुआ सोशल मीडिया !

 फ्लोरिडा में बच्चों के लिए बैन हुआ सोशल मीडिया, माता-पिता से लेनी होगी अनुमति
Florida Governor Ron DeSantis: फ्लोरिडा के गवर्नर ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया को पूरी तरह से बैन कर दिया है. आइए हम आपको इस ख़बर से जुड़ी तमाम जानकारी बताते हैं.

Social Media Ban: आजकल सोशल मीडिया एक ऐसी चीज बन गई है, जिसकी जरूरत हर उम्र के इंसानों को है, फिर चाहे वो बच्चे हो, जवान हो या बूढे इंसान हो. सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया मौजूद रहती है और पूरी दुनिया में होने वाली अलग-अलग तरह की एक्टिविटीज़ भी मौजूद रहती है, जो कई बार बच्चों की मानसिक अवस्था के लिए अच्छी नहीं होती. आजकल सोशल मीडिया, इंटरनेट और मोबाइल फोन का इस्तेमाल छोटे बच्चे भी उतना ही करते हैं, जितना कि कोई युवक या युवती करती है.

बच्चे सोशल मीडिया पर अपनी उम्र से ज्यादा समझ वाली चीजों को देखते हैं, जिससे उनके मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बच्चों के बिगड़ने की संभावना रहती है. इस संभावना को खत्म करने के लिए अमेरिका के फ्लोरिडा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. दरअसल, फ्लोरिडा में 14 साल से कम के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. आइए हम आपको इस ख़बर के बारे में बताते हैं.

बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन

फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने 14 साल से कम उम्र के नाबालिगों के सोशल-मीडिया अकाउंट रखने पर प्रतिबंध लगाने वाले एक बिल पर हस्ताक्षर किए हैं. आपको बता दें दि अमेरिका के कई अन्य राज्यों में भी इसी तरह के प्रयास किए गए हैं, और उन प्रयासों को कोर्ट में चुनौती दी गई है, लेकिन फ्लोरिडा के गवर्नर ने इस बिल पर साइन कर दिए हैं. आइए हम आपको फ्लोरिडा के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन करने वाले नए नियमों के बारे में बताते हैं.

आपको बता दें कि फ्लोरिडा में 14-15 साल के बच्चों को मेटा के प्लेटफॉर्म्स और टिकटॉक पर भी अपना अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति लेनी जरूरी होती है. फ्लोरिडा का यह कानून राज्य के सभी बच्चों पर लागू होता है. उनकी उम्र को वेरीफाई करने के लिए पहचान दस्तावेज (Indefication Documents) की जरूरत होती है. हालांकि, बड़े बच्चों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

गवर्नर ने क्या कहा?

अब फ्लोरिडा में एक नया कानून बनाया गया है, जिसके तहत 14 साल से कम उम्र वाले हर बच्चे के लिए सोशल मीडिया का हर अकाउंट बैन कर दिया गया है. फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने सोमवार को इसके बारे में दिए गए एक बयान में कहा कि, “सोशल मीडिया बच्चों को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. उन्होंने कहा कि यह नया कानून हाउस बिल 3 के नाम से जाना जाता है, जो माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा करने में अधिक क्षमता प्रदान करता है.”

दरअसल, सोशल मीडिया पर मौजूद सैक्सुअल कंटेंट से युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर स्पष्ट रूप से बुरा प्रभाव पड़ रहा है और उन्हें इन्हीं बुरे प्रभावों से बचाने के लिए फ्लोरिडा में यह कानून बनाया गया है. अर्कांसस और ओहियो जैसे राज्यों ने ऐसे कानून बनाए हैं जिनके तहत नाबालिगों को सोशल मीडिया अकाउंट के लिए माता-पिता की मंजूरी लेने की आवश्यकता होती है. हालांकि, बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इन प्रतिबंधों को कानूनी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है, जैसा कि कैलिफ़ोर्निया में बच्चों के डिजिटल गोपनीयता कानून को करना पड़ा है.

कोर्ट में मेटा, टिकटॉक और अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल की ओर से नेटचॉइस नाम की एक ग्रुप पैरवी कर रही है. इस दौरान नेटचॉइस ने कोर्ट में फ्लोरिडा के गवर्नर डेसेंटिस को अपने बिल को वीटो करने का आग्रह किया था. मेटा, टिकटॉक और गूगल के अधिवक्ता समूह का कहना था कि यह असंवैधानिक है और फ्लोरिडियन की सुरक्षा में अप्रभावी साबित होगा.

फ्लोरिडा के इस बिल की मुख्य बातें
  • गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने बच्चों के लिए बनाए गए इस नए कानून को वीटो करने के बाद ऐलान किया कि, फ्लोरिडा में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अब 1 जनवरी, 2025 से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • नए कानून (HB3) के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के मौजूदा खातों को हटाना होगा. हालांकि, अकाउंट होल्डर्स के लिए अकाउंट को डिलीट करने के लिए 90 दिनों का वक्त होगा.
  • 14 और 15 वर्ष की आयु के बच्चे माता-पिता की सहमति से सोशल मीडिया अकाउंट बना सकते हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगेगा बड़ा जुर्माना
  • यदि कोई प्लेटफ़ॉर्म माता-पिता या अभिभावक के अनुरोध पर किसी खाते को नहीं हटाता है, तो प्रति उल्लंघन के मामले में उस पर 10,000 यूएस डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है.
  • माता-पिता या अभिभावक किसी भी अकाउंट को हटाने का अनुरोध कर सकते हैं, जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए पांच व्यावसायिक दिनों के भीतर स्वीकार किया जाना अनिवार्य होगा.
  • यदि कोई प्लेटफॉर्म कानून के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहता है, तो फ्लोरिडा का कानूनी मामलों का विभाग प्रति उल्लंघन $50,000 तक नागरिक दंड वसूल कर सकता है.

इस बिल में यह नहीं बताया गया है कि इस कानून से कौन से प्लेटफ़ॉर्म प्रभावित होंगे, लेकिन सोशल मीडिया अकाउंट के लिए कुछ क्रिटिरिया सेट करता है. इसमें यूज़र्स के लिए अन्य यूज़र्स के कंटेंट और एक्टिविटी को देखना, पर्सनलाइज़्ड एग्लोरिद्म और एडेक्टिव फीचर्स जैसे इनफिनिट स्क्रॉलिंग और पुश नोटिफिकेशन्स शामिल हैं.

यूरोप में भी बना कानून

हालांकि, अमेरिका दुनिया का ऐसा पहला देश नहीं है, जिसने सोशल मीडिया पर बच्चों की मौजूदगी पर प्रतिबंध लगाए हो या कड़े नियम बनाए हैं. अमेरिका के राज्यों से पहले यूरोपीय संघ ने 2015 में एक कानून पारित किया था जिसके तहत बच्चे को सोशल मीडिया तक पहुंचने के लिए माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होती है.

भारत में क्या हुआ?

भारत की बात करें तो भारत में भी सोशल मीडिया से बच्चों पर पड़ रहे बुरे प्रभावों से बचने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. 2020 में भारत ने टिकटॉक और पबजी जैसे सैकड़ों ऐप्स को बैन किया था, जिनसे बच्चों की मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ रहा था. उसके बाद हाल ही में भारत सरकार ने अश्लील कंटेंट दिखाने वाले कई ओटीटी ऐप्स को भी बैन किया है. गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर को एक लिस्ट दी है, जिनमें दिए गए ऐप्स को बैन करने का निर्देष दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद अश्लील ओटीटी ऐप के पेज, अकाउंट और सेक्सुअल कंटेंट को हटाने का आदेश भी दिया था.

इससे पहले सितंबर 2023 में कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी बच्चों और युवाओं पर लगातार पड़ रहे सोशल मीडिया के बुरे प्रभावों पर चिंता जाहिर की थी. हाई कोर्ट ने खासतौर पर स्कूली बच्चों के लिए चिंता व्यक्त की थी और सरकार को सलाह दी थी कि राष्ट्र के लिए यह सबसे अच्छी बात होगी कि बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन कर दिया जाए. कोर्ट ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए 21 या 18 साल की न्यूनतम उम्र सीमा तय करने की सलाह दी थी, जब उन्हें वोट देने का अधिकार मिलता है.

बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करना सही या गलत?

हालांकि, अभी तक भारत में बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर कोई आधिकारिक बैन नहीं लगाया गया है, लेकिन आने वाले वक्त में ऐसा हो सकता है कि सरकार इसके लिए कोई दिशानिर्देषय या नया कानून लेकर आए. बहरहाल, दुनियाभर के कई विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन करना सही नहीं है और ना ही इससे उनके मानसिक विकास पर पड़ रहे बुरे प्रभाव रुकेंगे. अब यह एक बड़ी चर्चा का विषय है कि बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन करना ठीक है या नहीं.

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