ग्वालियर : नियमों का उल्लंघन कर तैयार की गई पाश टाउनशिप यशोदा रेजीडेंसी ?
नियमों का उल्लंघन कर तैयार की गई पाश टाउनशिप यशोदा रेजीडेंसी का मामला फिर से तूल पकड़ गया है।
- तीन विकास अनुज्ञाएं फिर निरस्त
- टीएंडसीपी ने पुराना आदेश सही माना
हां बिल्डर ने 100 फ्लैट की हाईराइज बिल्डिंग बनाकर फ्लैट बेच दिए। इसी प्रोजेक्ट में तीसरी विकास अनुज्ञा 28 सितंबर को ली गई, जिसमें प्लाटिंग की परमिशन मांगी गई। जिस जमीन पर ये प्लाट दर्शाए गए, वे पहले ले-आउट में ईडब्ल्यूएस भवनों के लिए प्रस्तावित भूमि थी। यहां बेचे गए सभी मकानों की रजिस्ट्री प्लाट दर्शाकर की गई। इन सारी गड़बड़ियों को लेकर टाउनशिप निवासी बीसी मिश्रा ने नगर निगम और टीएंडसीपी में शिकायतें कीं। निगम की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी साबित होने पर भी कोई विशेष एक्शन नहीं हुआ, लेकिन गत नौ दिसंबर 2021, 16 दिसंबर 2021 और चार जनवरी 2022 को टीएंडसीपी ने क्रमश: तीनों विकास अनुज्ञा रिवाक कर लीं। सितंबर 2022 में नगर निगम ने भी टाउनशिप के लिए जारी सभी भवन निर्माण अनुमतियां निरस्त कर दी थीं, जिसके बाद कालोनाइजर ने संभागायुक्त न्यायालय में अपील की थी।
संभागायुक्त न्यायालय में दलील, सुनवाई का मौका नहीं दिया
तीन विकास अनुज्ञा निरस्त होने के बाद यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी ने संभागायुक्त न्यायालय में तीन अपील दायर की थीं। इसमें हवाला दिया गया कि टीएंडसीपी की ओर से एकतरफा कार्रवाई की गई और समिति को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। तत्कालीन संभागायुक्त दीपक सिंह ने मामलों की सुनवाई करते हुए टीएंडसीपी द्वारा विकास अनुज्ञा निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए विस्तृत जांच करने और स्पीकिंग आदेश पारित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गत 28 मार्च को टीएंडसीपी के संयुक्त संचालक कृष्णकांत कुशवाह ने स्पीकिंग आदेश जारी कर विकास अनुज्ञा निरस्त करने की कार्रवाई को सही बताया है।
ये निकली हैं गड़बड़ियां
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- ईडब्ल्यूएस के लिए गलत सर्वे नंबर की भूमि चिह्नित की गई। विकास कार्य भी नहीं कराए गए हैं।
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- आवासीय ग्रुप हाउसिंग यूनिट नहीं बनाई गई हैं। स्वीकृत ले-आउट में छह ट्रिपलेक्स दर्शाए गए, लेकिन मौके पर सात बनाए गए हैं।
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- 10 प्रतिशत ओपन स्पेस नहीं छोड़ा गया।
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- तय सर्वे नंबरों से अधिक पर निर्माण कार्य कराया गया।
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- फ्रंट एमओएस में सामुदायिक भवन बना लिया गया है।
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- हाइराइज बिल्डिंग में रोड से 30 मीटर एमओएस के बजाय सिर्फ 18.58 मीटर छोड़ा गया है। 15 मीटर के फ्रंट एमओएस के बजाय 10.33 मीटर ही छोड़ा है।
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- सीढ़ियों और लिफ्ट की स्थिति भी ठीक नहीं है। पोडियम गार्डन भी नहीं बना है।
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- सात के बजाय पांच ओपन डक्ट छोड़े।
- ओपन पार्किंग नहीं छोड़ी गई है।
पुरानी कार्रवाई ठीक की गई संभागायुक्त न्यायालय ने गत सितंबर 2023 में यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के मामले में विस्तृत जांच कर स्पीकिंग आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे। दोबारा जांच के बाद भी पुरानी कार्रवाई यानी विकास अनुज्ञाएं निरस्त करना सही पाया गया है। इसी आधार पर स्पीकिंग आदेश जारी किया है।
-कृष्णकांत कुशवाह, प्रभारी संयुक्त संचालक टीएंडसीपी।