प्लेसमेंट की जानकारी दें कालेज नहीं तो होगी कार्रवाई !

 
प्लेसमेंट की जानकारी दें कालेज नहीं तो होगी कार्रवाई
जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त ग्वालियर चंबल संभाग के 400 से अधिक कालेज संचालकों की चिंता एक आदेश ने बढ़ा दी है। जेयू ने उनसे शैक्षणिक पद्धति से लेकर कालेज में गणवेश यानि ड्रेस कोड का ब्यौरा मांगा है
  1. जीवाजी विवि से संबद्धता प्राप्त ग्वालियर चंबल संभाग के 400 से अधिक कालेजों की बढ़ी चिंता
  2. जेयू ने उनसे शैक्षणिक पद्धति से लेकर कालेज में गणवेश यानि ड्रेस कोड का ब्यौरा मांगा है

 ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त ग्वालियर चंबल संभाग के 400 से अधिक कालेज संचालकों की चिंता एक आदेश ने बढ़ा दी है। जेयू ने उनसे शैक्षणिक पद्धति से लेकर कालेज में गणवेश यानि ड्रेस कोड का ब्यौरा मांगा है, ऐसा उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों पर किया है। जेयू ने पूछा है कि ग्वालियर चंबल संभाग के कितने कालेज हैं जो विधिवत रूप से कालेज में ड्रेसकोड लागू किए हुए हैं। इसके साथ ही कालेजों में प्लेसमेंट से जुड़ी जानकारी भी मांगी गई है। इसके लिए अंचल के सभी कालेजों को नोटिफिकेशन जारी कर सूचित तो कर दिया था, लेकिन कोई भी कालेज यह जानकारी जेयू के साथ साझा करने में रुचि नहीं दिखा रहा है। चार अप्रैल को जेयू ने एक नोटिफिकेशन के माध्यम से कालेज संचालकों को वांछित ब्यौरा भेजने के लिए कहा था, जिसके लिए उन्हें दो दिन की मोहलत भी दी गई थी, लेकिन कालेज संचालकों ने इस बारे में कोई जानकारी जेयू को नहीं भेजी है। जेयू के अधिकारियों का कहना है कि जो कालेज मांगी हुई जानकारी नहीं दे रहे हैं उन्हें दोबारा चेताया जाएगा। अगर फिर भी लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

10 प्रतिशत कालेज में भी ड्रेसकोड नहीं, प्लेसमेंट भी बदहाल

जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त 400 से अधिक शासकीय और निजी कालेजों में से 10 प्रतिशत कालेज ही ऐसे हैं जिनमें ड्रेस कोड लागू होता दिखता है, जिसमें ग्वालियर से प्रेस्टीज कालेज में यह माहौल देखा जा सकता है। शेष कालेजों में छात्र सामान्य कपड़े पहनकर आते हैं। ठीक ऐसा ही हाल इन कालेजों में प्लेसमेंट का है। आधे से अधिक कालेजों में प्लेसमेट ड्राइव आयोजित नहीं होती हैं, वहीं जिनमें होती है वहां से वांछित परिणाम नहीं आते हैं। जेयू ने इस पर चिंता जताते हुए सुधार करवाने की बात कही है। यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि कालेज संचालक इसी कारण से उच्च शिक्षा विभाग और जेयू के आदेश का पालन करने में आनाकानी कर रहे हैं।

बेरोजगार खड़ा करने का केंद्र न बने संस्थान

बेरोजगार खड़ा करने का केंद्र न बने संस्थान उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में प्रदेश के प्रत्येक कालेज को इंगित करते हुए एक तल्ख टिप्पणी का भी जिक्र किया गया है। दरअसल, बैठक में रोजगार के बिंदु पर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालयों को बेरोजगार खड़ा करने का केंद्र न बनाया जाए। रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर ध्यान दिया जाए। महाविद्यालय में भी ऐसी परंपरा को स्थापित किया जाए जिससे छात्रों का बहुमुखी विकास हो।

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में दिए थे निर्देश

यह निर्देश जो उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं यह बीते दिनों भोपाल में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान तय किए गए बिंदुओं के परिपालन में जारी किए गए हैं। इस समीक्षा बैठक में विशेष रूप में मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भी सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए अपनी सहमति जताई थी।

जेयू में लगातार छात्रों को रोजगार दिए जाने के लिए प्लेसमेंट ड्राइव चलाई जा रही है। इसे गति प्रदान करने के साथ महाविद्यालयों में भी प्लेसमेंट ड्राइव की व्यवस्था शुरू करवाना सुनिश्चित करेंगे।

 कुलसचिव, जेयू

कालेजों को दो दिन का समय दिया गया था, बीच में अवकाश पड़ जाने से मेल चैक नहीं हुए हैं। शुक्रवार को मेल चैक करने के बाद जिन कालेजों से जानकारी प्राप्त नहीं होगी उन्हें दोबारा रिमाइंडर भेजा जाएगा।

, डीसीडीसी, जेयू

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