जायका नहीं जहर है चीनी, ले सकती है जान …
जायका नहीं जहर है चीनी, ले सकती है जान …
दिल, दिमाग, दांत सब खतरे में, कैंसर सेल्स की फेवरेट है चीनी
इंसान की जीभ में पांच तरह के टेस्ट बड्स होते हैं। इनसे ही हमें मीठे, नमकीन, खट्टे, कड़वे और तीखे का अहसास होता है। इनमें सबसे शक्तिशाली है मीठे का स्वाद। इतना शक्तिशाली कि दुनिया की सबसे बेस्वाद और कड़वी चीजें भी शक्कर में लिपटी हों तो स्वादिष्ट लगने लगती हैं।
दुनिया में अनगिनत लोग इसी मीठे के नशे में डूबे हुए हैं। इन लोगों को चीनी के स्वाद से मुहब्बत है। लेकिन शायद ये लोग नहीं जानते कि यह चीनी ही उनकी असली दुश्मन है। चीनी दुनिया का सबसे खतरनाक और एडिक्टिव ड्रग है, मेथ, कोकेन और एमडीएमए की तरह। यह हम नहीं कह रहे, यह न्यूरोसाइंस एंड बिहेवियरल जरनल में पब्लिश एक रिपोर्ट का कहना है।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक चीनी इंसान के लिए किसी बंदूक से ज्यादा घातक है। ज्यादा चीनी खाने से हर तरह की बीमारी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, अल्जाइमर्स जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ये हेल्थ कंडीशन हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकती हैं।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे चीनी की। साथ ही जानेंगे कि-
- यह कैसे हमारे शरीर को खोखला कर रही है?
- इससे किन-किन बीमारियों का खतरा है?
- किन हेल्थ कंडीशंस में हो जाएं सावधान?
अधिकतम कितनी चीनी खा सकते हैं?
साल 2015 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी थी कि लोगों को अपना डाइट प्लान इस तरह बनाना चाहिए कि एक दिन के टोटल कैलोरी इंटेक का 5% से ज्यादा ऐडेड शुगर से न आए। यानी अगर आप दिनभर में 2,000 कैलोरीज ले रहे हैं तो अधिकतम 100 कैलोरी ही ऐडेड शुगर से आए। यह लगभग 6 चम्मच चीनी खाने के बराबर होगा।
ज्यादा चीनी खाने से क्या होता है?
अधिक चीनी खाने से कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, कुछ असर तुरंत नजर आ सकते हैं।
थकान महसूस होती है: साइंस डायरेक्ट में साल 2019 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक चीनी खाने के 1 घंटे बाद थकान हावी होने लगती है और अलर्टनेस भी कम हो जाती है।
मूड खराब हो जाता है: नेचर में पब्लिश साल 2017 की एक स्डटी के मुताबिक ज्यादा चीनी खाने से डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर की आशंका बढ़ जाती है।
पेट में आती सूजन: जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्या है, उन्हें गैस बन सकती है और पेट में सूजन भी आ सकती है।
ज्यादा भूख लगती है: चीनी खाने से भूख भी ज्यादा लगती है क्योंकि शुगर से जितनी तेजी से इंसुलिन बढ़ता है, उतनी ही तेजी से ड्रॉप भी होता है। शुगर लेवल नीचे जाते ही तुरंत दोबारा भूख लग जाती है।
ज्यादा चीनी खाने से लंबे समय में होने वाले नुकसान बेहद खतरनाक हैं। इसे विस्तार से समझेंगे। पहले इन्हें ग्राफिक में देखते हैं।
दांत सड़ सकते हैं
चीनी मुंह में रहने वाले बैक्टीरिया का प्रिय भोजन है। ये बैक्टीरिया जब चीनी को पचाते हैं तो वे अपशिष्ट के रूप में एसिड बनाते हैं। यह एसिड दांतों की रक्षा कर रही सबसे ऊपरी परत इनेमल को नष्ट कर सकता है। इससे सड़न पैदा हो सकती है और दांतों में छेद हो सकते हैं। इसे टूथ कैविटी कहते हैं।
मुंहासे हो सकते हैं
जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स में साल 2018 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक जो लोग ज्यादा मीठा खाते हैं, उन्हें मुंहासे की गंभीर समस्या हो सकती है।
बढ़ सकता है वजन और मोटापा
ज्यादा चीनी खाने से हमारे वजन को कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन्स को नुकसान होता है। लेप्टिन नाम का हॉर्मोन हमें बताता है कि हमने पर्याप्त खाना खा लिया है। साल 2008 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक ज्यादा चीनी खाने से लेप्टिन बनना बंद हो जाता है। इसके कारण हम ओवर ईटिंग करने लगते हैं, जो हमें ओवरवेट बनाता है।
टाइप-2 डायबिटीज का खतरा
लंबे समय तक ज्यादा चीनी खाने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के मुताबिक चीनी मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण है। ये दोनों ही हेल्थ कंडीशन टाइप-2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं।
ब्लड प्रेशर बढ़ता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में साल 2012 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक ज्यादा मीठा खाने से ब्लड शुगर के साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। हाई ब्लड प्रेशर दिल की बीमारियों के लिए खतरनाक है यानी इससे दो समस्याएं एक साथ हो रही हैं।
कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा
हेल्थ जर्नल JAMA इंटरनेशनल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक जो लोग अपनी डेली कैलोरीज का 17 से 21% हिस्सा चीनी से प्राप्त करते हैं, उन्हें दिल की बीमारियों से मौत का खतरा 38% ज्यादा होता है। असल में चीनी हमारे दिल की ब्लड वेसल्स की भीतरी परत को डैमेज कर देती है, जो हार्ट डिजीज या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
कैंसर का खतरा
ज्यादा चीनी खाने से इंफ्लेमेशन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मोटापा बढ़ता है। ये तीनों हेल्थ कंडीशन कैंसर का कारण बन सकती हैं।
न्यूट्रीशन के एनुअल सर्वे के रिव्यू में पता चला कि स्वीट ब्रेवरेज पीने से कैंसर का खतरा 200% तक बढ़ जाता है। वहीं एक दूसरी स्टडी के मुताबिक स्वीट ब्रेवरेज पीने से पेट की चर्बी बढ़ जाती है और कैंसर का खतरा 59% तक बढ़ जाता है।
जल्दी आता है बुढ़ापा
ज्यादा चीनी खाने से हमारी स्किन में कोलोजेन फॉर्मेशन नहीं हो पाता है। इससे स्किन में जल्दी झुर्रियां आ जाती हैं और व्यक्ति जल्दी बूढ़ा दिखने लगता है।
चीनी खाने से बाज क्यों नहीं आते हैं लोग?
डॉक्टर शुभंकर चौधरी के मुताबिक हमें जिस तरह सिगरेट और शराब की लत लग जाती है, बार-बार उसकी तलब होती है और वह तभी शांत होती है, जब सिगरेट या शराब पी ली जाए। ठीक उसी तरह चीनी की भी लत पड़ जाती है।
चीनी एक एडिक्टिव सब्सटेंस है। फर्ज करिए कि आप एक महीने तक रोज एक सेब खाएं। तो क्या 31वें दिन आपको सेब की तलब होगी। दिमाग सेब ढूंढेगा, सेब के लिए परेशान होगा। नहीं, लेकिन चीनी की तलब होती है। बिलकुल सिगरेट और शराब की तरह।
चीनी हमारे दिमाग के कई न्यूरोट्रांसमीटर केमिकल्स जैसे लेप्टिन, डोपामिन के मैसेज को झुठलाकर दिमाग को सिर्फ यह बताती है कि खाओ। शक्कर का यह नशा लोगों को मोटा और सुस्त बना रहा है। उनकी प्रोडक्टिविटी कम कर रहा है और बीमार भी कर रहा है।
डॉक्टर से मिलना कब जरूरी है?
अगर आप ज्यादा चीनी खाते हैं तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का जोखिम बना रहता है। अगर नीचे ग्राफिक में दी गई हेल्थ कंडीशन दिखाई दें तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से मिलें।
ऐसी हेल्थ कंडीशन होने पर इस बात की बहुत आशंका है कि हमें डायबिटीज हो गई है। अगर ब्लड शुगर बहुत ज्यादा हो गया है तो डॉक्टर इसे कंट्रोल करके हमें बड़े खतरों से बचा सकते हैं।