दुष्कर्म की एफआइआर के जरिये सौदेबाजी !

दुष्कर्म की एफआइआर के जरिये सौदेबाजी, टारगेट पर अमीर बुजुर्ग, कारोबारी और नौकरीपेशा
दुष्कर्म जैसा सनसनीखेज अपराध अब मोटी कमाई का जरिया बन गया है। बिलकुल सही पढ़ा आपने। टारगेट पर हैं- शहर के अमीर बुजुर्ग, कारोबारी और नौकरीपेशा।
Honeytrap in Gwalior: दुष्कर्म की एफआइआर के जरिये सौदेबाजी, टारगेट पर अमीर बुजुर्ग, कारोबारी और नौकरीपेशा
  1. सिर्फ रुपये की ही मांग नहीं बल्कि आपराधिक प्रकरणों में राजीनामा से लेकर जमीनों के विवाद में निपटारे के लिए भी फंसाया जा रहा है
  2. बदनामी का डर बढाता है ऐसी गैंग का हौसला

ग्वालियर। दुष्कर्म जैसा सनसनीखेज अपराध अब मोटी कमाई का जरिया बन गया है। बिलकुल सही पढ़ा आपने। टारगेट पर हैं- शहर के अमीर बुजुर्ग, कारोबारी और नौकरीपेशा। बाकायदा इन्हें महिला, युवतियों के जरिये जाल में फंसाया जाता है, इनसे बात फोन पर शुरू होती है और जब इनसे मुलाकात होती है तब शुरू होता है- डरा धमकाकर लाखों रुपये वसूलने का असली खेल। बदनामी का डर सताता है तो इस जाल में फंसे लोग पैसा देने को मजबूर हो जाते हैं। हाल ही में कंपू और झांसी रोड थाना पुलिस ने ऐसी गैंग पकड़ी, जिसमें तीन पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। पनिहार के पैसे वाले बुजुर्ग को फोन के जरिये फंसाया और जब वह जाल में फंस गए तो एफआइआर की धमकी देकर 10 लाख रुपये की मांग की गई। यह सिर्फ एक गैंग है, लेकिन शहर में ऐसी कई गैंग सक्रिय हैं। यह मामला तो सामने आ गया, लेकिन कई लोग बदनामी के डर से इस तरह की गैंग का शिकार होकर लाखों रुपये गंवा देते हैं। फिर भी मुंह नहीं खोलते।

दुष्कर्म की एफआइआर के बदले ऐसे की जा रही है सौदेबाजी, यहां पढ़िए इससे जुड़े कुछ मामले
  • ग्वालियर के पनिहार इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग को महिला ने फोन कर फंसाया। ग्वालियर में मिलने बुलाया और कंपू के विजय नगर इलाके में
  • कमरे पर ले गई। यहां पहले से उसके दो साथी मौजूद थे, जिनके पास कैमरा था। कमरे में घुसते ही महिला ने कपड़े उतार दिए, बुजुर्ग ने गलत काम नहीं किया फिर भी वीडियो बनाकर 10 लाख रुपये की मांग की गई। महिला झांसी रोड थाने पहुंची और दुष्कर्म की शिकायत कर दी। पड़ताल में खुलासा हुआ तब महिला सहित इस हनीट्रैप गैंग के पांच सदस्य पकड़े गए।
  • शिवपुरी के प्रतिष्ठित डाक्टर के अस्पताल में काम करने वाली नर्स ने डाक्टर के बेटे को प्रेम जाल में फंसाया। दोनों के बीच फोन पर बात होती थी। फोन पर बातचीत की रिकार्डिंग नर्स ने कर ली। जब डाक्टर को पता लगा तो उन्होंने नर्स को नौकरी से निकाल दिया। अगले ही दिन से नर्स ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। अपने एक साथी से मिलकर रिकार्डिंग के आधार पर डाक्टर के बेटे पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने की धमकी दी। पहले पांच लाख रुपये लिए, फिर एक चेक लिया और इसके बाद फिर मांग की। तब डाक्टर ने एफआइआर कराई, आखिर नर्स और उसका साथी पकड़ा गया।
  • ग्वालियर के गोला का मंदिर इलाके में रहने वाला रिटायर्ड फौजी अनजान काल के जरिये ऐसी एक गैंग के जाल में फंस गया था। युवती ने दोस्ती की, मिलने के लिए मेला ग्राउंड में बुलाया और सेल्फी ले ली। चेटिंग, वाइस काल और सेल्फी के जरिये दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज कराने की धमकी दी। दो युवक भी इसमें उसका साथ दे रहे थे। इस गैंग को पुलिस ने पकड़ा था। रिटायर्ड फौजी के साथ 1.20 लाख रुपये की ठगी हुई थी।
बदनामी का डर बढाता है ऐसी गैंग का हौसला

दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मामलों का इस्तेमाल अब सिर्फ पैसों के लिए ही नहीं बल्कि आपराधिक प्रकरणों में फरियादी पर राजीनामा के लिए दबाव बनाने, जमीनों के विवाद में निपटारे के लिए भी किया जा रहा है। ग्वालियर में ऐसे मामले सामने आए, लेकिन पुलिस को मजबूरी में एफआइआर करनी पड़ी। कई ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें दुष्कर्म की क्रास एफआइआर तक हुई। बाद में ऐसे मामलों में कोर्ट से दुष्कर्म की एफआइआर रद्द भी हुईं। अक्सर जब लोग इस तरह की गैंग के झांसे में आते हैं तो बदनामी का डर सताता है। इसलिए लोग फंसते चले जाते हैं। पैसे दे देते हैं, इसके बाद मांग बढ़ती ही जाती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है- ऐसे मामलों में डरना नहीं चाहिए, बल्कि पुलिस के पास आना चाहिए।

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