भोपाल स्टेशन…:4 साल प्लानिंग के बाद स्टेशन की ‘हिफाजत’ ठंडे बस्ते में

भोपाल स्टेशन…:4 साल प्लानिंग के बाद स्टेशन की ‘हिफाजत’ ठंडे बस्ते में; न कैमरे लगे, न ही बाउंड्री बनी

भोपाल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट हिफाजत से रेल प्रशासन, आरपीएफ ने हाथ खींच लिए हैं। साथ ही दावा किया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए अन्य प्रोग्राम चल रहे हैं। इस कारण प्रोजेक्ट हिफाजत को अलग से करने की जरूरत नहीं हैं।

करीब चार साल पहले आरपीएफ, जीआरपी, रेल प्रशासन व संबंधित एजेंसियों ने मिलकर प्रोजेक्ट हिफाजत बनाने से लेकर लागू करने की प्लानिंग की थी। लेकिन आरपीएफ सहित संबंधित विभागों के अफसरों के बदलने के कारण इसकी फाइल ठंडे बस्ते में रही। जब पिछले दिनों इस प्रोजेक्ट के बारे में आरपीएफ के वरिष्ठ अफसरों से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बजट की कमी बताते हुए इससे हाथ खींचने की बात कही।

ये काम होने थे, जो नहीं हुए

  • कैमरों की संख्या दो गुनी यानी 90 से बढ़ाकर 200 से अधिक की जाना थी।
  • रेलवे स्टेशन परिसर में काम करने वाले स्टॉफ का वेरिफिकेशन करना था।
  • स्टेशन के दोनों ओर करीब 800 मीटर की बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाना था।
  • बड़ा कंट्रोल रूम बनाने और उनमें स्टॉफ की 24 घंटे 7 दिन के लिहाज से तैनाती की जाना प्रस्तावित रही।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इस तरह डिजाइन करना कि स्टेशन के बाहर ट्रैफिक आसानी से कंट्रोल किया जा सके।

बिग ​रिडेवलपमेंट होगा… भोपाल स्टेशन के बिग रिडेवलपमेंट के दौरान बड़े काम हो सकेंगे। इनमें कैमरों की संख्या बढ़ने से लेकर बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी दोनों और किया जा सकेगा। गौरतलब है कि भोपाल स्टेशन को भी अमृत स्टेशन योजना के तहत बिग रिडेवलपमेंट के लिए प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।

यह भी थी योजना…
स्टेशन के छोटे साइज वाले प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाकर आउटर तरफ बाउंड्रीवॉल और फेंसिंग करवाई जाना प्रोजेक्ट का हिस्सा था। साथ ही आउटर पर हाई क्वालिटी विजन कैमरा-लाइटिंग, नजदीक लगी हुई रेलवे कॉलोनी में अवैध तरीके से होने वाली एंट्री रोकना और महिला यात्रियों के लिए टॉयलेट की संख्या बढ़ाई जाना भी प्रोजेक्ट के तहत होना था।

अन्य प्रोजेक्ट लागू हैं
इस मामले में आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट प्रशांत यादव का कहना है कि फिलहाल हमारा पूरा ध्यान महिला यात्रियों सहित अन्य के लिए जो प्रोजेक्ट लागू किए गए हैं, उन पर है। साथ ही इंफ्रा स्ट्रक्चर पर भी खासा काम हुआ है, इसलिए उसके अनुसार काम किया जा रहा है।

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