12वीं में पास स्टूडेंट्स के हिसाब से देश में कितने IIT और मेडिकल कॉलेज !
12वीं में पास स्टूडेंट्स के हिसाब से देश में कितने IIT और मेडिकल कॉलेज, जानें इनके अलावा क्या ऑप्शन?
साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए करियर के कई दूसरे और बेहतर विकल्प भी मौजूद हैं. इनके अलावा भी बहुत से करियर में अच्छा मुकाम और अलग पहचान मिलती है.
आईआईटी में दाखिला बेहद मुश्किल
हमारे देश में टैलेंट की कमी नहीं है लेकिन 12 वीं पास करने वाले युवाओं की बड़ी संख्या आईआईटी और एमबीबीएस में दाखिले को काफी मुश्किल बना देती है. आईआईटी से इंजीनियरिंग करने वालों की देश-विदेश में डिमांड रहती है. हर आस्पिरेंट आईआईटी में एडमिशन के लिए दिन-रात एक कर देता है लेकिन एडमिशन कुछ स्टूडेंट्स को ही नसीब हो पाता है. इसके पीछे वजह यह है कि आईआईटी में केवल आठ हजार सीटें हैं. जिन्हें आईआईटी नसीब नहीं होता. उनमें से बहुत से एनआईटी को चुनते हैं लेकिन एनआईटी में भी केवल 24 हजार सीटें ही हैं. यानी 32 हजार स्टूडेंट्स को ही देश के इन बेहतरीन संस्थानों से इंजीनियरिंग का मौका मिल पाता है. जबकि हर साल जनवरी और अप्रैल सत्रों में जेईई मेन्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 20 लाख से ज्यादा होती है.
एमबीबीएस की राह भी आसान नहीं
डॉक्टरी के पेशे को हमेशा से बहुत सम्मान की नजरों से देखा जाता रहा है. ज्यादातर मां-बाप की चाहत होती है कि उनकी संतान डॉक्टर बन उनका नाम रोशन करे. पिछले कुछ सालों में सरकार ने कई नए मेडिकल कॉलेज खोले हैं. इससे सीटों में तो बढ़ोतरी हुई है लेकिन यह भी स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए नाकाफी है. इसमें भी सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पहले की तरह ही काफी मुश्किल बना हुआ है. नीट की परीक्षा में बेहतर रैंक लाने वालों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल पाता है. इन कॉलेजों से जहां फीस काफी कम है वहीं यहां से पढ़ाई की प्रतिष्ठा निजी कॉलेजों की तुलना में कहीं ज्यादा है. देश में एमबीबीएस की 1.10 लाख सीटें हैं. इनमें से आधी ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पास हैं यानी केवल 55 हजार जबकि नीट की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बीते साल 21 लाख के करीब थी.
ये करियर ऑप्शन भी किसी से कम नहीं
12वीं बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिला न होने पर निराश होने की जगह दूसरे करियर विकल्पों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है. देश-विदेश में ऐसे बहुत से करियर विकल्प हैं जो आपकी इच्छा, रुचि, बजट और परिस्थितियों के अनुरूप हो सकते हैं. यहां हम आपको इनमें से कुछ करियर ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं.
एनवायरमेंटल साइंटिस्ट
जैसे-जैसे दुनिया में पर्यावरण के महत्व को समझा जाने लगा है, वैसे-वैसे इस करियर में नई संभावनाएं पैदा होने लगी हैं. आज के समय में जलवायु परिवर्तन, मानव और पर्यावरण के बीच होने वाली अंतक्रियाएं, मानवीय हस्तक्षेप, ग्रीन हाउस इफैक्ट, ग्लोबल वार्मिंग आदि विषयों को लेकर सामान्य जागरूकता बढ़ी है और एनवायरमेंटल साइंटिस्ट की मांग भी.
फॉरेंसिक एक्सपर्ट
आज के आधुनिक युग में सुबूतों को इकट्ठा करने, उनका विश्लेषण करने के तौर-तरीकों में काफी बदलाव आ चुका है. साइंस की मदद से सही अपराधियों तक पहुंचने और उन्हें सजा दिलाने में कामयाबी मिलने लगी है. यही वजह है कि फॉरेंसिक साइंस का महत्व अपराध नियंत्रण ओर न्याय की दुनिया से जुड़े लोग समझने लगे हैं. पहले विकसित देशों में ही फोरेसिंक एक्सपर्ट की मांग हुआ करती थी लेकिन अब हमारे देश में भी फोरेंसिक लैब की संख्या बढ़ती जा रही है. इसी के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मांग और महत्व में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.
डेटा साइंटिस्ट
आज की दुनिया डेटा एनालिसिस पर चलती है. कारोबार हो या विज्ञान या फिर राजनीति सभी जगह डेटा अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है. डेटा एनालिसिस के आधार पर प्रोजेक्ट्स की सफलता और असफलता की भविष्यवाणियां होने लगी हैं. एक अच्छे डेटा एनालिस्ट की जरूरत आज के समय में हर बड़ी कंपनी को है. इसके लिए स्टैटिक्स के अलावा प्रोग्रामिंग की जानकारी भी जरूरी होती है.
रिसर्च साइंटिस्ट
आज के युग की आधुनिकता में बहुत से रिसर्च साइंटिस्ट की भूमिका है. इनके खोज, विश्लेषण और आविष्कार की बदौलत ही मानव जीवन खुशहाल बन सका है. रिसर्च सांइटिस्ट मानव जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर डाटा कलैक्शन करते हैं और फिर शोध करते हैं. इनके शोध के निष्कर्ष मानव जीवन के लिए तो महत्वपूर्ण साबित होते ही हैं, उन संस्थाओं और कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होते हैं जिनसे यह जुड़े होते हैं. विदेशों में अच्छे रिसर्च साइंटिस्ट की डिमांड हमेशा से रही है. हमारे देश में भी इसरो, डीआरडीओ और आईसीएआर जैसे कई संस्थान रिसर्च साइंटिस्ट की तलाश में रहते हैं.
असिस्टेंट प्रोफेसर
साइंस टीचर बनना भी एक अच्छा विकल्प होता है. टीचर बनकर हम हजारों बच्चों को न केवल जीने की सही राह दिखा सकते हैं बल्कि उनके कौशल में वृद्धि कर उनके भविष्य को खुशियों से भर सकते हैं. साइंस स्ट्रीम में अच्छे शिक्षकों की हमेशा डिमांड रहती है. आप पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद नेट और पीएचडी पास कर किसी डिग्री कॉलेज या यूनीवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो सकते हैं. इसके अलावा यू-ट्यूब पर अपना चैनल बनाकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. बीते कुछ सालों में यू्-ट्यूब पर पढ़ाने वाले कई टीचर्स आज बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं.