भारत में सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं है …

 भारत में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना कितना आसान है?
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 करोड़ से ज्यादा लोग भारत में सरकारी नौकरी के अभ्यर्थी हैं.

भारत के आम चुनाव 2024 में सरकारी नौकरी का मुद्दा सुर्खियों में है. कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र के पहले पन्ने पर 30 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. सत्तारूढ़ बीजेपी भी आंकड़ों के जरिए अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा नौकरी देने का दावा कर रही है. 

इस सबके बीच अहम सवाल यह है कि भारत में सरकारी नौकरी पाने में कितना वक्त लग सकता है?

जानकारों और अभ्यर्थियों की इस पर अलग-अलग राय है, लेकिन पिछले 5 सालों में सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया का जो पैटर्न सामने आया है, वो काफी चौंकाने वाला है. 

केंद्र और राज्य की नियुक्ति प्रक्रिया में जो लूपहोल है, उसने देश में बेरोजगारों की संख्या को भी काफी बढ़ा दिया है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 22 करोड़ से ज्यादा लोग भारत में सरकारी नौकरी के अभ्यर्थी हैं.

सरकारी नौकरी पाना आसान क्यों नहीं?

1. भर्ती की रफ्तार सुस्त- 2014 के बाद से कई क्षेत्रों में नई भर्तियां रुकी हुई हैं. 2023 में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि पिछले 5 साल में 4.63 लाख लोग नियुक्त हुए. ये सभी भर्तियां यूपीएससी, एसएससी और आरआरबी बोर्ड द्वारा की गई थी.

केंद्र के मुताबिक मोदी सरकार के पूरे 9 साल के कार्यकाल में 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दी गईं. सबसे ज्यादा नौकरी रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से दी गई हैं. रेलवे ने इन सालों में 4 लाख 30 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र दिया. 

कांग्रेस पार्टी के मुताबिक वर्तमान मे केंद्रीय स्तर पर करीब 30 लाख पद रिक्त हैं. पार्टी का यह भी कहना है कि कई पद इसलिए नहीं भरे गए, क्योंकि उन क्षेत्रों को प्राइवेट सेक्टर को दे दिया गया.

सरकारी नौकरी में भर्ती का यह आंकड़ा उस वक्त का है, जब भारत में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है. 

भारत में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना कितना आसान है?

हाल ही में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) ने एक रिपोर्ट के जरिए दावा किया कि भारत के 100 में से 83 बेरोजगार युवा हैं.

इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. साल 2000 में कुल बेरोजगार में से 35 प्रतिशत पढ़े-लिखे बेरोजगार थे, जो 2022  में बढ़कर 65 प्रतिशत के पार पहुंच गए हैं.

2. समय पर नहीं हो रहे पेपर- भारत में एकाध नौकरी छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश भर्ती परीक्षा समय पर पूर्ण नहीं हो पा रहा है. 2016 में केंद्र सरकार ने कहा था कि नोटिफिकेशन निकलने के 6 महीने के भीतर भर्ती परिक्षाएं पूर्ण करा ली जाएगी.

लेकिन अब तक ऐसा कोई सिस्टम नहीं बन पाया है. समय पर भर्ती परीक्षा पूर्ण न हो पाने की एक बड़ी वजह पेपर लीक है. देश में 2017-2023 तक सात सालों में अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के 70 से ज्यादा मामले सामने आए और 1.5 करोड़ से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं.

पिछले 5 साल में 15 राज्यों ने जो परीक्षा आयोजित करायी गई, उससे 1.4 लाख लोगों को नौकरी मिल सकती थी, लेकिन पेपर लीक की वजह से ये नौकरियां अभ्यर्थियों को नहीं मिल पाई.

पेपरलीक 2024 चुनाव का एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इसे शामिल किया है और सरकार आने पर इस पर सख्त कानून बनाने की बात कही है.

भारत में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना कितना आसान है?

3. रिजल्ट का मामला हाईकोर्ट पहुंच रहा- भर्ती परीक्षा का रिजल्ट निकले या न निकले, मामला पहले ही कोर्ट पहुंच जा रहा है. यहां तक की कई परिक्षाओं और उसके रिजल्ट पर कोर्ट का स्टे भी लग चुका है. 

2019 में उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला हाईकोर्ट गया था. अभी भी यह मामला पूरी तरह से नहीं सुलझा है. इसी तरह पश्चिम बंगाल में 24 हजार शिक्षक भर्ती का मामला 2019 में कोलकाता हाईकोर्ट गया था. 

हाईकोर्ट ने हाल ही में सभी इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई प्रस्तावित है. उत्तर प्रदेश में 60 हजार कांस्टेबर भर्ती का मामला भी 2023 में हाईकोर्ट में गया था. छत्तीसगढ़ में भी 14 हजार शिक्षक भर्ती का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था.

भारत में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना कितना आसान है?

4. लगातार बढ़ रही है अभ्यर्थियों की संख्या- सरकारी नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. केंद्र सरकार के मुताबिक 2014 से लेकर 2022 तक 22 करोड़ अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया. 

सरकार के मुताबिक इन 22 करोड़ आवेदन में से सिर्फ 7 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई. अगर आंकड़ों को प्रतिशत में देखा जाए तो आवेदन करने के मुकाबले 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को सरकारी नौकरी मिली. 

सीएसडीएस के हालिया प्री-पोल ओपिनियन में 62 प्रतिशत लोगों ने यह कहा कि पहले की तुलना में अब नौकरी मिलना मुश्किल है. सर्वे में शामिल 27 प्रतिशत लोगों का कहना था कि देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है.

भारत में सरकारी नौकरी का क्रेज क्यों है?
बड़ा सवाल सरकारी नौकरी के क्रेज को लेकर भी है. भारत में सरकारी नौकरी के एक-एक पद पर हजारों आवेदन आ जाते हैं. हाल ही में यूपी में 60 हजार कांस्टेबल पद के लिए 50 लाख युवाओं ने आवेदन किया है.

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर भारत में सरकारी नौकरी को लेकर इतना क्रेज क्यों हैं?

1. क्रेज के पीछे की बड़ी वजह जॉब सुरक्षा है. सरकारी नौकरी में इसके जाने का खतरा कम रहता है, इसलिए युवा इसे तरजीह देते हैं.

2. सरकारी नौकरी में हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ ज्यादा मिलता है, इसलिए लोग इधर का रूख करते हैं.

3. सरकारी नौकरी के क्षेत्र में कामकाज को लेकर ज्यादा उथल-पुथल नहीं होता है. यह भी पसंदीदा होने की एक मुख्य वजह है.

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