मुठ्ठी भर स्कूलों में 15 लाख की ‘ ठगी ‘ पूरे 1370 की जांच कब होगी

मुठ्ठी भर स्कूलों में 15 लाख की ‘ ठगी ‘ पूरे 1370 की जांच कब होगी
स्कूल को लौटाने होंगे “ठगी” के 15.21 लाख
जिला शिक्षा विभाग इनकी मनमानी की ओर से आंखें बंदकर बैठा है। यही कारण है कि स्कूल संचालकों, अभिभावकों से मनमानी ट्यूशन फीस वसूली से लेकर निर्धारित दुकानों से सामान खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। इसको लेकर अभिभावक कई बार शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से कर चुके हैं
Gwalior News: मुठ्ठी भर स्कूलों में 15 लाख की ' ठगी ' पूरे 1370 की जांच कब होगी

ग्वालियर। मुठ्ठीभर स्कूलों की जांच में 15 लाख की ‘ठगी’ उजागर हुई। यदि जिले में सभी स्कूलों की जांच की गई तो गड़बड़ करोड़ों की निकलेगी। शहर में 1370 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 70 फीसद स्कूल सरकारी नियमों को खूंटी पर टांगकर संचालित किए जा रहे हैं।

जिला शिक्षा विभाग इनकी मनमानी की ओर से आंखें बंदकर बैठा है। यही कारण है कि स्कूल संचालकों, अभिभावकों से मनमानी ट्यूशन फीस वसूली से लेकर निर्धारित दुकानों से सामान खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।

इसको लेकर अभिभावक कई बार शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई सब गोलमाल रही। पहली बार तीन निजी बड़े स्कूलों पर प्रशासन का हंटर चला है।

गौरतलब है कि स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कलेक्टर रुचिका चौहान ने एसडीएम स्तर के अधिकारी नियुक्त कर जांच कराई। 35 स्कूलों की जांच में कई गड़बड़ी सामने आई। इसके आधार पर जब पड़ताल की गई तो रामश्री, सेंट जोसफ और कार्मल कान्वेंट स्कूल द्वारा 10 फीसद से अधिक 15 लाख ट्यूशन फीस वसूलने का मामला पकड़ में आया, लेकिन इन स्कूलों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा, इसके लिए मार्गदर्शन भोपाल से मांगा जा रहा है।

35 की जांच अब 1370 की कौन करेगा

जिला प्रशासन के सख्त रुख के चलते 35 स्कूलों को नोटिस जारी कर जांच भी हो गई। लेकिन शहर में इस तरह से नियमों का ताक पर रखकर डेवलपमेंट के नाम पर फीस वसूलने वाले स्कूलों की गिनती 100-200 नहीं, बल्कि पूरी 1300 है। इनमें से कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां चंद कमरों में सैंकड़ा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं जिनके पास न छात्र बैठाने की जगह और न ही ग्राउंड उपलब्ध है।

लेकिन फिर भी यह स्कूल जिला शिक्षा विभाग नजरों के सामने चल रहे हैं। इससे साफ है कि निजी स्कूल और शिक्षा विभाग के अफसरों का गठजोड़ तगड़ा है।

नाम के अल्पसंख्यक, छात्र नहीं

जिले के 13 स्कूल अल्पसंख्यक वर्ग संस्थान के तौर पर दर्ज है, लेकिन इनमें अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या महज दो से तीन फीसद ही होने को लेकर चर्चा है। बाकी तो सामान्य छात्र ही पढ़ाई कर रहे हैं।

इसके बाद भी सरकार इस बात पर ध्यान नहीं दे रही है जिस उद्देश्य के साथ स्कूल खोला गया, जब वही पूरा नहीं हो रहा तो इन अल्पसंख्यक स्कूलों में राइट टूट एजुकेशन के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश क्यों नहीं दिलाया जाता? अब तक जिला सरकार ने कोई एक्शन इन स्कूलों पर नहीं लिया।

इन बिंदुओं पर कब होगी जांच

डेवलपमेंट के नाम पर फीस बढ़ाई तो उसके एवज में सुविधा क्या बढ़ाई गई।

स्कूल समिति द्वारा कितनी संपत्ति अर्जित की और उसकी सूचना स्कूल शिक्षा विभाग को क्यों नहीं दी।

फीस किन किन मदों में ली जाती है उसकी जानकारी प्रदर्शित नहीं की जाती।

स्कूल बार्ड पर स्कूल संबंधी समस्त जानकारी चस्पा क्यों नहीं होती।

बिना मैदान के दसवीं और बारहवीं के स्कूल सांठगांठ से संचालित क्यों किए जा रहे, इनके खिलाफ शिक्षा विभाग ने अबतक एक्शन क्यों नहीं लिया।

इनका कहना है

मामले की जांच चल रही है, धीरे धीरे शहर में संचालित हो रहे सभी स्कूलों की जांच की जाएगी। क्योंकि नियमानुसार ही बढ़ी हुई फीस ली जा सकती है, यदि उससे अधिक कोई भी स्कूल बिना सूचना और अनुमति लिए ले रहा है तो उसे वापस करनी ही होगी। -अजय कटियार, जिला शिक्षा अधिकारी।

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सेंट जोसफ, कार्मल कान्वेंट और रामश्री किड्स स्कूल को लौटाने होंगे “ठगी” के 15.21 लाख
बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने का दावा करने वाले निजी स्कूल खुलेआम सरकार के नियमों को कचरादान में डालकर मनमानी कर रहे थे। नियम से स्कूल 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ाकर वसूल सकते हैं लेकिन मुनाफे के लालच में शहर के बड़े नामी गिरामी स्कूल इस हद को पार कर गए।
Gwalior News: सेंट जोसफ, कार्मल कान्वेंट और रामश्री किड्स स्कूल को लौटाने होंगे "ठगी" के 15.21 लाख
  1. अभिभावकों को 30 दिन में लौटानी होगी 10 प्रतिशत से अधिक वसूली गई फीस
  2. फीस न बढ़ाने का दावा करने वालें स्कूलों की होगी क्रास चेकिंग
ग्वालियर। बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने का दावा करने वाले निजी स्कूल खुलेआम सरकार के नियमों को कचरादान में डालकर मनमानी कर रहे थे। नियम से स्कूल 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ाकर वसूल सकते हैं लेकिन मुनाफे के लालच में शहर के बड़े नामी गिरामी स्कूल इस हद को पार कर गए। स्कूलों की जांच रिपोर्ट में यह राजपाश हुआ कि सेंट जोसेफ, कार्मल कान्वेंट और रामश्री किड्स स्कूल ऐसा कर रहे थे जिन्हें जिला प्रशासन ने सबक सिखाया है। तीनों स्कूलों को अभिभावकों के खातों में अवैध ढंग से वसूली फीस तीस दिन के अंदर लौटाना होगा।
फीस न बढ़ाने का दावा करने वालें स्कूलों की होगी क्रास चेकिंग

इसके साथ ही शहर के 11 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने फीस नहीं बढ़ाने का दावा लिखित में किया है अब इसकी क्रास जांच होगी कि यह सच बोल रहे हैं या झूठ। स्कूलों की मनमानी पर पहली बार ऐसी कार्रवाई की गई है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने फीस लौटाने का आदेश भी जारी कर दिया है। यह बता दें कि नईदुनिया ने सबसे पहले स्कूलों में फीस को लेकर मनमानी से लेकर किताब-ड्रेस में मनमानी का खुलासा किया था जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद खुली और बड़े स्तर पर पड़ताल कराना पड़ी। प्रशासन ने एसडीएम स्तर के अधिकारियों को मैदान में उतारा, जिसके बाद स्कूलों की परतें खुलती चलीं गईं। प्राथमिक पड़ताल के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टर के आदेश पर 35 स्कूलों को नोटिस जारी कर खामियों पर जवाब देने के लिए कहा था। स्कूलों की ओर से जवाब आया और फाइनल रिपोर्ट बनी। रिपोर्ट दबा दी गई, इसके बाद नईदुनिया ने 19 मई रविवार के अंक में “स्कूलों की मनमानी जारी, जांच की निकली हवाज् नाम शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसको लेकर कलेक्टर रुचिका चौहान ने संज्ञान लिया और कार्रवाई आदेश जारी किया।

इनकी होगी जांच: मनमानी वसूली की या नहीं

    • देहली पब्लिक स्कूल रायरू।
    • जीडी गाोनका पब्लिक स्कूल शिवपुरी लिंक रोड।
    • मार्निंग स्टार बड़ागांव।
    • माउंट लिटरा जी रायरू।
    • किडीज कार्नर स्कूल शिवपुरी लिंक रोड।
    • मानवेन्द्र ग्लोबल स्कूल बहोड़ापुर।
    • सिल्वर वैल्स पब्लिक स्कूल शिवपुरी लिंक रोड।
    • ऋषिकुल विद्या निकेतन शिवपुरी लिंक रोड।
    • सेवन आई वर्ल्ड स्कूल शिवपुरी लिंक रोड।
    • अशोका इंटरनेशनल स्कूल पिपरौली।
    • राइज इंटरनेशनल स्कूल नैनागिरी ग्वालियर।
ये तीन स्कूल 10 प्रतिशत बढ़ोतरी को भी पार कर गए

कार्मल कान्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल फालका बाजार ने नर्सरी में 20.8 फीसद अधिक और एलकेजी यूकेजी में 10.3 फीसद फीस वृद्धि की। स्कूल को अब नौ लाख 9 हजार 600 रुपये लौटाने होंगे। द्यसेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल पिपरोली ने कक्षा पांचवीं में 10.19 फीसद फीस वृद्धि की। स्कूल को दो लाख 64 हजार 82 रुपये लौटाने होंगे। द्यरामश्री किड्स स्कूल हरीशंकरपुरम ने नर्सरी से कक्षा दो तक 10.29 फीसद फीस वृद्धि की। स्कूल को तीन लाख 47 हजार 553 रुपये लौटाने होंगे।

यह है फीस बढ़ाने का नियम

स्कूल डेवलपमेंट के नाम पर निजी स्कूल संचालक हर साल 10 फीसद तक फीस बढ़ा सकते हैं। यदि इससे अधिक फीस बढ़ाना है जो जिला शिक्षा कमेटी से अनुमति लेनी पड़ती है और यदि 15 फीसद से अधिक फीस बढ़ानी होती है तो भोपाल से अनुमति लेनी होती है। दस फीसद तक फीस बढ़ाने पर उसकी सूचना जिला शिक्षा विभाग को देना जरूरी है। लेकिन जिन स्कूलों ने दस फीसद से अधिक फीस बढ़ाई। उन्होंने जिला शिक्षा कमेटी से कोई अनुमति नहीं ली और ना ही फीस बढ़ाने वाले स्कूलों ने शिक्षा विभाग को सूचना दी।

शेष स्कूलों की भी जांच की जाएगी शहर के 35 स्कूलों की जांच अधिकारियों की टीम ने की थी जिसमें पाया गया कि स्कूलों ने 10 प्रतिशत से अधिक फीस वसूली है। इन स्कूलों को अभिभावकों को फीस तीस दिन में लौटानी होगी। शेष स्कूलों की भी जांच की जा रही है।

कलेक्टर,ग्वालियर

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