मौत की मेडिसिन! आगरा में बेची जा रही थी नकली दवाएं ?
मौत की मेडिसिन! आगरा में बेची जा रही थी नकली दवाएं, जांच में 39 सैंपल फेल
असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर ने बताया कि पिछले साल अप्रैल से लेकर मार्च 2024 तक लगभग 275 विभिन्न दवाओं के नमूने ड्रग विभाग की ओर से लिए गए थे. इन्हें जांच के लिए लखनऊ स्थित सरकारी लैब में भेजा गया . रिपोर्ट में 39 सैंपल नकली पाए गए हैं.
सिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया कि पिछले साल अप्रैल से लेकर मार्च 2024 तक लगभग 275 विभिन्न दवाओं के नमूने ड्रग विभाग की ओर से लिए गए थे. इन्हें जांच के लिए लखनऊ स्थित सरकारी लैब में भेजा गया. रिपोर्ट में 39 सैंपल नकली और निम्न गुणवत्ता के पाए गए हैं. इन नकली दवाओं में एंटीबायोटिक टैबलेट, दर्द निवारक टैबलेट, गैस के कैप्सूल , खांसी के सिरप आदि शामिल हैं.
नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाइयां बनाईं
दवा तस्करों ने प्योर एंड क्योर हैल्थ केयर, हिमालया मेडिटेक, अल्फा प्रोडक्ट, केडला हेल्थकेयर, एकम्स, स्माइलेक्स हेल्थकेयर, वीके लाइफ साइंसेज, अबॉर्ट हेल्थकेयर, रैक्क्सत्यूस, विंग्स सहित कई नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाइयां बनाईं. अभी तक 12 से अधिक फर्म और कंपनियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
आगरा में साल 2023 में जुलाई और सितंबर में ड्रग विभाग ने छापा मारा था. तीन फैक्ट्रियों से करोड़ों रुपए की नकली दवाएं बरामद की थीं. इन फैक्ट्रियों में अधिकतर नकली कफ सिरप और दर्द निवारक दवाइयां बनाई जाती थीं.
अधिकारियों ने फैंसी ड्रिल, वैलीटैक्स, कोडी स्टार, कफ केयर, कोरेक्स, अल्जोसेल, अप्रसेफ के नाम से नकली दवाइयां बरामद की थीं. इनमें अभी तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. जांच चल रही है. ड्रग विभाग ने दवा बिक्री में अनियमितताओं के चलते पूरे वित्तीय वर्ष में 45 से अधिक दवा विक्रेताओं के लाइसेंस भी रद्द किए हैं.