जिनके संचालक फर्जीवाड़े में गिरफ्तार, वे नर्सिंग कॉलेज भी नामांकन सूची में !
मप्र नर्सिंग काउंसिल ने जारी की कॉलेजों की सूची …
जिनके संचालक फर्जीवाड़े में गिरफ्तार, वे नर्सिंग कॉलेज भी नामांकन सूची में
रिश्वत देकर कॉलेजों को सुटेबल (उपयुक्त) सूची में जगह दिलाने के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद भी मप्र नर्सिंग काउंसिल ने वर्ष 2022-23 की परीक्षाओं के लिए सुटेबल कॉलेजों की सूची में उन कॉलेजों को जगह दी है, जिनके संचालक और पदाधिकारी रिश्वतकांड में पकड़े गए हैं। यह सूची उन कॉलेजों की है जहां परीक्षा के लिए छात्रों को नामांकन कराना है। 20 मई को जारी सूची में 132 कॉलेजों का नाम है।
काउंसिल ने भोपाल के मलय नर्सिंग कॉलेज, अरविंदो नर्सिंग कॉलेज, मेहको कॉलेज, एपीएस नर्सिंग कॉलेज के साथ इंदौर के आरडी मेमोरियल कॉलेज, प्रत्यांश नर्सिंग कॉलेज के साथ ही रतलाम के आधार नर्सिंग कॉलेज, डॉ. एमबी शर्मा नर्सिंग कॉलेज, धार कॉलेज ऑफ नर्सिंग को भी सूची में है। बता दें कि सीबीआई की कार्रवाई में प्रत्यांश कॉलेज ऑफ नर्सिंग इंदौर के ओम गोस्वामी और गौरव शर्मा को गिरफ्त में लिया है। इसी तरह मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन को भी पकड़ा है।
एक और सीबीआई इंस्पेक्टर गिरफ्तार
नर्सिंग कॉलेजों को उपयुक्त सर्टिफिकेट देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई दिल्ली की टीम ने एक और इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाथे और बिचौलिये आशीष चौहान को धार से पकड़ा है। हालांकि, अभी अधिकारियों ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। असाथे मप्र पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में पदस्थ है।
इससे पहले पुलिस ने एक और इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका को भी रतलाम से और राहुल राज को भी गिरफ्तार किया था। राहुल राज रिश्वत के पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसे बर्खास्त किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक जल्द मामले में सीबीआई भोपाल के और भी अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।
पैसा न दे पाए तो बिचौलिये ठेके पर ले लेते थे कॉलेज
घूसखोर सीबीआई अफसरों ने जिन बिचौलियों को लगा रखा था, वे अनफिट कॉलेजों के संचालकों से मिलने के साथ कमियों के आधार पर रिश्वत की रकम तय करते थे। जो कॉलेज संचालक पैसा देने से इनकार करते बिचौलिए कॉलेजों को ठेके पर लेकर पूरा काम खुद अपने हाथ में लेने का ऑफर तक देते थे। जांच में पता चला है कि इन बिचौलियों ने इंदौर और आसपास के 6 कॉलेजों को ठेके पर लिया था।
एक बिचौलिये को 4 जिलों का जिम्मा सौंप रखा था
भास्कर कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के संचालक जुगल किशोर शर्मा को ग्वालियर, रतलाम, मंदसौर और उज्जैन जिले के कॉलेजों का जिम्मा सौंपा गया था। शर्मा ने रिश्वत की रकम वसूलने और सीबीआई अफसरों तक पहुंचाने के लिए झालावाड़ (राजस्थान) निवासी अशोक नागर, ग्वालियर निवासी रोहित शर्मा, ग्वालियर निवासी राधारमण शर्मा को लगा रखा था। इसी तरह प्रत्यांश कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल इंदौर का ओम गोस्वामी इंदौर, धार, खरगोन के अलावा रतलाम और मंदसौर जिलों के नर्सिंग कॉलेजों का काम देख रहा था।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक ओम गोस्वामी ने ऐसे कॉलेजों को भी ठेके पर लिया, जिनके संचालकों ने नर्सिंग कॉलेजों में तय मानकों के हिसाब से बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में असमर्थता जताई। इन कॉलेजों में पार्टनरशिप भी गोस्वामी ने ली। कॉलेज संचालकों से उगाही और इसे सीबीआई अफसरों तक पहुंचाने में आरडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड फार्मेसी का चेयरमैन रवि भदौरिया, सांई बाबा कॉलेज इंदौर का कमल हिरानी, धार कॉलेज ऑफ एजुकेशन, धार का डायरेक्टर आशीष चौहान, शुभदीप कॉलेज ऑफ नर्सिंग इंदौर का डायरेक्टर मुकेश गिरी, खरगोन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का डायरेक्टर मोहित निरोगे, प्रत्यांश कॉलेज ऑफ नर्सिंग इंदौर का गौरव शर्मा, वेद शर्मा, जुबेर खान, प्रीति तिलकवार और तनवीर खान मदद करते थे।
भोपाल और इसके आसपास के जिलों के नर्सिंग कॉलेजों से उगाही का काम मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल का चेयरमैन अनिल भास्करन उसकी पत्नी और मलय कॉलेज की प्रिंसिपल सुमो भास्करन, दलाल सचिन जैन और भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल की प्रिंसिपल जलपना अधिकारी संभालती थी।