सुनवाई स्थगित होने के बाद रोने लगीं निर्भया की मां, बोलीं- हमारे अधिकारों का क्या

दिल्ली के सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में चार दोषियों के खिलाफ मौत का फरमान जारी करने के विषय पर सुनवाई को अदालत द्वारा सात जनवरी के लिए स्थगित किये जाने के बाद निर्भया की मां बुधवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर अत्यंत भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले से ‘निराश’ हैं। उन्होंने कहा, ‘दोषियों को एक और मौका दिया गया। उनके अधिकारियों पर इतना क्यों विचार किया जा रहा है? हमारे अधिकारों का क्या?’ इससे पहले दोपहर में उन्होंने चार में से एक दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया था। इस मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने चार दोषियों को फांसी पर लटकाने का फरमान सुनाने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई शुरू की। अदालत ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति का इंतजार करेगी और फिर मामले में अगली सुनवाई की तारीख सात जनवरी, 2020 तय कर दी।

भावुक हुईं निर्भया की मां ने सुनवाई अगली तारीख के लिए टाले जाने पर निराशा जाहिर की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम सात साल से लड़ रहे हैं और अदालत ने अपना फैसला देते वक्त हमारे अधिकारों पर विचार नहीं किया। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगली सुनवाई में भी अंतिम फैसला सुना दिया जाएगा।’

वह अदालत के भीतर भी भावुक हो गईं थीं। उन्हें ढाढस बंधाते हुए, न्यायाधीश ने कहा, ‘मेरी आपके साथ पूरी सहानुभूति है। मैं जानता हूं कि किसी की जान गई है लेकिन उनके अधिकार भी हैं। हम यहां आपको सुनने के लिए हैं लेकिन हम कानून से भी बंधे हुए हैं।’

पटियाला हाउस अदालत द्वारा तिहाड़ जेल के अधिकारियों को चार सजायाफ्ता दोषियों से यह जानने का निर्देश देने से पहले कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी फांसी की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं, शीर्ष अदालत ने अक्षय कुमार सिंह की मौत की सजा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला विचार योग्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी गई प्रतिक्रिया में निर्भया की मां ने कहा था, ‘मैं इससे बहुत खुश हूं। दोषियों को मृत्युदंड का फरमान जारी किये जाने के संबंध में पटियाला हाउस अदालत में एक सुनवाई होनी है और हमें उम्मीद है कि वह फैसला हमारे पक्ष में आएगा।’

हालांकि निर्भया के पिता ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत से ‘डेथ वारंट जारी होने तक वह संतुष्ट नहीं होंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा बहुत दुखदायी सफर रहा है। उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी लेकिन जब तक पटियाला हाउस अदालत मौत का फरमान जारी नहीं करती, तब तक हम खुश नहीं होंगे। समूचा देश आरोपियों के लिए फांसी चाहता है।’

गौरतलब है कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए। इस घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था।

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