UP Elections 2022 … चुनाव के बीच लोकसभा से आई बड़ी खबर, महिला हिंसा में यूपी सबसे आगे
Budget Session 2022: 1 से 25 जनवरी 2022 के के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को देशभर से मिली कुल 1866 शिकायतें, अकेले UP की 986 शिकायतें, लगातार चौथे साल यह हाल
नई दिल्ली
Assembly Elections 2022: राज्यों के विधानसभा चुनाव में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इस बीच संसद के बजट सत्र के दौरान केन्द्र सरकार ने माना है कि पिछले चार साल से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक महिला हिंसा के मामले हुए हैं। यहां तक कि 1 से 25 जनवरी 2022 के बीच देशभर से राष्ट्रीय महिला आयोगको कुल 1866 शिकायतें मिली है, जिनमें से 52 फीसदी यानी 986 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से आई है। वहीं महिला हिंसा वाले टॉप दस राज्यों में राजस्थान व मध्यप्रदेश भी शामिल है।
विधानसभा चुनाव में महिला अत्याचार और सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना हुआ है। खासतौर पर यूपी में कई नेताओं पर महिला हिंसा के आरोप लग चुके हैं। इस बीच बजट सत्र के दौरान पानीपत से भाजपा सांसद संदीप भाटिया ने राष्ट्रीय महिला आयोग के कामकाज और महिला हिंसा से जुड़े मामलों की जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में सरकार ने माना है कि देशभर में महिला हिंसा के मामले बड़े हैं। महिला हिंसा की शिकायतों के मामले यूपी टॉप पर है, वहीं दिल्ली दूसरे नंबर पर है।
छेड़छाड़, बलात्कार की शिकायतें
महिला आयोग को छेड़छाड़, बलात्कार या इसकी कोशिश, पुलिस की उदासीनता और साइबर क्राइम की शिकायतें मिली है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ने मुद्दा बना रखा है। कांग्रेस ने कई पीडि़ताओं को चुनाव में उतारा है। इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लडक़ी हूं लड़ सकती हूं का नारा भी दे रखा है। वहीं सपा भी लगातार महिला अपराधों को लेकर भाजपा को घेर रही है।
महिला आयोग को छेड़छाड़, बलात्कार या इसकी कोशिश, पुलिस की उदासीनता और साइबर क्राइम की शिकायतें मिली है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ने मुद्दा बना रखा है। कांग्रेस ने कई पीडि़ताओं को चुनाव में उतारा है। इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लडक़ी हूं लड़ सकती हूं का नारा भी दे रखा है। वहीं सपा भी लगातार महिला अपराधों को लेकर भाजपा को घेर रही है।