ट्रम्प पर अदालत का फैसला अमेरिकी चुनाव पर असर डालेगा !

ट्रम्प पर अदालत का फैसला अमेरिकी चुनाव पर असर डालेगा

वास्तविक आरोप बिजनेस रिकॉर्ड में घालमेल का है। यहां यह गौरतलब है कि जूरी को आरोपों पर फैसला करने में केवल 10 घंटे लगे। इससे फुर्तीली न्याय-प्रणाली और क्या होगी? भारत में प्रवर्तन निदेशालय के अभियोजकों को इस पर ध्यान देना चाहिए। जूरी का यह फैसला अपेक्षित था, लेकिन यह अप्रत्याशित है कि उसने 34 आरोपों में ट्रम्प को दोषी ठहराया है।

आश्चर्यजनक यह है कि किस तरह से अभियोजकों ने लेनदेन के खातों में गड़बड़ी के लिए उचित प्रतीत होने वाले आरोपों को 2016 के राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने के लिए एक आपराधिक साजिश में बदल दिया। अमेरिकी संविधान एक दोषी अपराधी को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने या राष्ट्रपति बनने से नहीं रोकता है।

लेकिन सवाल यह है कि क्या जूरी का फैसला आगामी राष्ट्रपति चुनावों में मतदाताओं के फैसले को प्रभावित करेगा? ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। यह बहुत करीबी चुनाव होने जा रहे हैं, और इसमें मामूली-सा नुकसान भी उलटफेर कर सकता है। हालांकि अब तक इस बात के बहुत कम सबूत मिले हैं कि किसी नेता पर दोषसिद्धि से किसी भी पार्टी को मदद मिली हो।

ट्रम्प बाइडेन पर लगभग एक अंक की बढ़त बनाए हुए हैं, जो जरा-सी चूक से गंवाई जा सकती है। हालांकि अदालत का फैसला पूर्व राष्ट्रपति के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि उनके धुर समर्थकों ने दोषसिद्धि के 24 घंटे के भीतर ही ट्रम्प के कैम्पेन-फंड में 5.3 करोड़ डॉलर का डोनेशन दे दिया। ट्रम्प लीक से हटकर राजनेता हैं।

उन्होंने राजनीतिक रूप से अपने को कायम रखने की बहुत क्षमता दिखाई है। उन पर अमेरिकी सीनेट ने महाभियोग भी चलाया था, लेकिन उनके समर्थक उनके साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। ताजा आरोपों के बावजूद कई मतदाता ट्रम्प के नए समर्थक बने हैं। उन्हें लगता है कि ट्रम्प पर निशाना साधा जा रहा है। वे कहते हैं कि अदालतें ट्रम्प की 2016 की जीत को अमान्य करने की कोशिश कर रही हैं।

हालांकि अधिकांश अमेरिकियों के लिए इस अदालती मामले ने कुछ भी नया खुलासा नहीं किया है। वास्तव में ट्रम्प के समर्थकों की एक बड़ी संख्या तो उन्हें उनके ठीक इन्हीं गुणों के लिए पसंद करती है। ट्रम्प की दोषसिद्धि से पहले किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार उनके लगभग 11% समर्थकों ने कहा था कि यदि जूरी उन्हें दोषी ठहराती है तो वे ट्रम्प को वोट नहीं देंगे।

कशमकश वाले चुनाव के लिए यह एक बड़ी संख्या है। लेकिन इससे कई परिदृश्य सामने आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, चुनाव से पांच महीने पहले की किसी घटना का प्रभाव कम हो सकता है। या फिर ट्रम्प के समर्थक उन्हें छोड़ने का फैसला तो कर सकते हैं, लेकिन बाइडेन का समर्थन नहीं कर सकते हैं, इस प्रकार ट्रम्प के जाने का झटका कम हो सकता है।

ट्रम्प निश्चित रूप से अपील करेंगे और उनकी अपील खारिज हो सकती है। वैसी स्थिति में 11 जून को जज तय करेंगे कि ट्रम्प को कुछ दिनों की जेल की सजा सुनाई जानी चाहिए या उन्हें प्रोबेशन पर अपनी सजा काटनी चाहिए। अमेरिकी राजनीति के चतुर पर्यवेक्षकों का मानना है कि ट्रम्प के साथ-साथ उनके सुरक्षाकर्मियों को भी जेल में डाला जा सकता है।

राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार को जेल में देखना कुछ मतदाताओं को उनके खिलाफ कर सकता है, लेकिन उनके कट्टर समर्थक और स्वतंत्र मतदाता सोच सकते हैं कि ट्रम्प के साथ ज्यादती की जा रही है और वे अपनी वफादारी का निवेश बाइडेन के बजाय ट्रम्प में कर सकते हैं।

  • ज्यादातर जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि 56% अमेरिकी जो बाइडेन को नापसंद करते हैं और 54% डोनाल्ड ट्रम्प को। यानी चुनावों में वे किसी के पक्ष में नहीं, बल्कि किसी और के विपक्ष में वोट डालने जा रहे हैं!

(ये लेखिका के अपने विचार हैं)

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