परिवहन मुख्यालय में रोज आती हैं शिकायतें पर आयुक्त नहीं मिलते ?

 परिवहन मुख्यालय में रोज आती हैं शिकायतें पर आयुक्त नहीं मिलते, काम की रफ्तार पर असर
प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय में आयुक्त की उपस्थिति न होने के कारण एक नहीं कई कामों पर असर पड़ता है। मुख्यालय का मुखिया कुर्सी पर होने से अधीनस्थ अफसर ही नहीं अमले में भी चुस्ती रहती है।
  1. हर माह 50 से ज्यादा शिकायतें, भटकते रहते हैं फरियादी
  2. अधीनस्थों और अमले पर भी असर

ग्वालियर: प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय में आयुक्त की उपस्थिति न होने के कारण एक नहीं कई कामों पर असर पड़ता है। मुख्यालय का मुखिया कुर्सी पर होने से अधीनस्थ अफसर ही नहीं अमले में भी चुस्ती रहती है। लेकिन कर्मचारियों को जब पता होता है कि साहब नहीं आ रहे तो जैसा करना है वैसा करो। हर माह मुख्यालय में 50 से ज्यादा शिकायतें तो आती ही हैं साथ ही कार्यालयीन दिनों में आने वाले आवेदक परेशान होते रहते हैं। प्रदेशभर के जिलों से चेक पोस्ट हो या आरटीओ कार्यालयों की समस्याएं-शिकायतें सब मुख्यालय में इसी उम्मीद से आते हैं कि बड़े अफसर मिलेंगे। दूर दराज से यहां आने के बाद पता चलता है कि आयुक्त आते ही नहीं हैं। इसी कारण कई शिकायतें दम तोड़ देती हैं क्योंकि न दूर से बार बार आवेदक आ सकता,दूसरा अफसर नहीं मिलते। बता दें कि प्रदेश का परिवहन मुख्यालय ग्वालियर के हुरावली क्षेत्र में स्थित है,यहां क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और परिवहन विभाग का मुख्यालय दोनों आमने सामने बनाए गए हैं। जनवरी माह में आइपीएस डीपी गुप्ता को परिवहन आयुक्त का जिम्मा दिया गया जिसके बाद से वे अभी तक चार बार ही मुख्यालय आ सके हैं। कार्यालयीन दिनों में यहां मुख्यालय में आवेदकों का आना जाना लगा रहता है। बड़ी ऐसी शिकायतें तो आयुक्त स्तर की होती हैं, वे न उनसे साझा हो पातीं न उनतक कागज के रूप में पहुंच पाती है। यहां अपर आयुक्त के रूप में आइपीएस उमेश जोगा पदस्थ हैं। संयुक्त आयुक्त परिवहन का पद खाली पड़ा हुआ है।

नहीं हो पाता शिकायतों का निराकरण

मुख्यालय से जुड़ी शिकायतें जिसमें चेक पोस्ट के प्रभारी हों,आरटीओ या व्यवस्थाओं से जुड़ी शिकायतें, मुख्यालय तक पहुंच तो जाती हैं लेकिन आयुक्त से सीधा संवाद नहीं हो पाता। एक दो बार आयुक्त आवेदकों को भले मिल जाएं लेकिन जब शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं तो इसकी शिकायत आयुक्त से कर नहीं पाते। फालोअप भी नहीं हो पाता तो ऐसे में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाती है।

करोड़ों का इंफ्रास्ट्रक्चर, जर्जर भी होने लगा

हुरावली पहाड़ी पर बने करोड़ों की लागत के परिवहन मुख्यालय की हालत जर्जर भी होना शुरू हो गई है, यहां फाल सीलिंग से लेकर कई कक्ष ऐसे पड़े हैं जिनका उपयोग तक नहीं हो पा रहा है।

परिवहन मुख्यालय में शिकायत व समस्याएं पहुंचती हैं, अधिकारी भोपाल में ज्यादा रहते हैं, ग्वालियर मुख्यालय में स्टाफ रहता है तो ऐसे में काम कैसे होगा। मुख्यालय से बड़ी उम्मीदें आदमी को होती हैं कि अधिकारी मिलेगा समस्या सुनेगा। प्रदेशभर के ट्रांसपोटर्स हों या ग्वालियर के लोग सभी परेशान हैं, परिवहन विभाग ऐसा विभाग है जिसमें शिकायत का निराकरण जल्द होना जरूरी होता है।

राकेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन,मप्र

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