पढ़ाई के मामले में देश के टाप टेन चिकित्सा महाविद्यालयों शुमार होने को आतुर जीआरएमसी !
पढ़ाई के मामले में देश के टाप टेन चिकित्सा महाविद्यालयों शुमार होने को आतुर जीआरएमसी
चिकित्सा छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा देने के मामले में देश के टाप टेन चिकित्सा महाविद्यालयों की सूची में शुमार हाेने के लिए गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय आतुर नजर आ रहा है। इसके लिए प्रबंधन ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य संसाधन बढ़ाने पर फोकस शुरू कर दिया है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य संसाधन बढ़ाने पर प्रबंधन का फोकस
- चिकित्सा शिक्षकों से गुणवत्ता परख शिक्षा छात्रों को देने के लिए मांगे सुझाव
ग्वालियर। चिकित्सा छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा देने के मामले में देश के टाप टेन चिकित्सा महाविद्यालयों की सूची में शुमार हाेने के लिए गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय आतुर नजर आ रहा है। इसके लिए प्रबंधन ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य संसाधन बढ़ाने पर फोकस शुरू कर दिया है। जिससे आने वाले समय में न केवल महाविद्यालय में दाखिला लेने वाले एमबीबीएस छात्र बल्कि एमडी, एमएस करने वाले छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा मिल सके। जिससे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग का हिस्सा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय बन सके। दरअसल, इस सूची में शामिल होने के लिए संस्थान को कई पैरामीटर्स से होकर गुजरना पड़ता है।
ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करने पर दिया जा रहा जोर
महाविद्यालय प्रबंधन चिकित्सा शिक्षकों से ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करने पर फोकस करने के लिए कह रहा है। जिससे महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को उनका लाभ मिल सके। रिसर्च पर इसलिए भी फोकस है क्योंकि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग के पैरामीटर्स में यह शामिल है। फैकल्टी से कहा जा रहा है कि ऐसे रिसर्च किए जाएं जिससे चिकित्सा महाविद्यालय का नाम हो। साथ ही अगर देश-विदेश में किसी प्रशिक्षण के लिए जाना हो तो जाएं। इसके लिए कालेज सपोर्ट करेगा।
प्रदेश का पहला और देश का 17वां मेडिकल कालेज है जीआरएमसी
वैसे तो गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रदेश का पहला और देश का 17वां मेडिकल कालेज है। इसकी स्थापना माधव राव सिंधिया ने की थी। कालेज के साथ 1958 से न्यूरोसर्जरी हास्पिटल भी चल रहा है। वहीं, 1948 से ही यहां डिपार्टमेंट आफ पैथोलाजी की शुरुआत हुई। इसके अलावा कालेज के साथ 1000 बेड का हास्पिटल और कोर्सेज: कॉलेज से एमबीबीएस के अलावा मेडिसिन, माइक्रोबायोलाजी जैसे किसी भी डिपार्टमेंट में एमडी या एमएस कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा कालेज से एमसीएच और एनेस्थिसियोलाजी, मेडिकल रेडियो डायग्नोसिस जैसे कोर्सेज में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर सकते हैं। लेकिन शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने के लिए कालेज प्रबंधन कवायद कर रहा है।
यूजी और पीजी छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा महाविद्यालय में मुहैया कराने पर हमारा फोकस है। नेशनल इंस्ट्रीट्यूशनल रैकिंग का दावा करने के लिए कुछ पैरामीटर्स पूरा करने हैं। इसलिए हमने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
डा. आरकेएस धाकड़, डीन, जीआरएमसी