90 दिनों की पुलिस कस्टडी बर्बाद कर देगी जिंदगी…
90 दिनों की पुलिस कस्टडी बर्बाद कर देगी जिंदगी… नए कानूनों पर भड़का शरद पवार गुट
तीन कानून यानी भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 एक जुलाई से लागू होंगे. इन कानूनों की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने आलोचना की है और उन्होंने बताया है कि अब छोटे से छोटे अपराध के लिए 90 दिनों तक पुलिस कस्टडी में रखा जा सकता है.
नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं, जिसको लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इन कानूनों को लेकर गहरी चिंता जताई है. उनका दावा है कि नए क्रिमिनल लॉज के तहत सामान्य अपराध में भी पुलिस हिरासत अधिकतम अवधि 15 दिनों से बढ़ाकर 60 दिन या 90 दिन कर दी गई है. 90 दिनों की हिरासत जीवन बर्बाद कर देगी.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ये सीआरपीसी की जगह लेने वाला कानून है. केंद्र के नेता कह रहे हैं कि ये कानून पुराना है. अब पुलिस हिरासत 90 दिनों की होगी. अगर आप उन्हें किसी छोटे अपराध के लिए 90 दिनों तक रखेंगे, तो आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. खासकर हम जैसे राजनीतिक कार्यकर्ता, जो असहमति और विरोध की आवाज हैं. हमारी आवाज दबाने के लिए 90 दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है.’
संविधान बदलने जा रही है सरकार- जितेंद्र आव्हाड
उन्होंने कहा, ‘अगर सितंबर में हमारे जैसे 10 लोगों को उठाकर हिरासत में ले लिया गया, तो हम चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. अगर हम 3 महीने तक अंदर रहेंगे, तो हम चुनाव कहां से लड़ेंगे? बीजेपी नेताओं ने कहा कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म कर देंगे, जिसका मतलब है कि वे संविधान बदलने जा रहे हैं.’
भारतीय न्याय संहिता में होंगी 358 धाराएं
भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी, जबकि आईपीसी में 511 धाराएं थीं. इस कानून में धाराओं को कम किया गया है. बिल में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और उनमें से 33 के लिए कारावास की सजा बढ़ा दी गई है. 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा पेश की गई है. छह अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा की सजा दी गई है और 19 धाराओं को निरस्त या हटा दिया गया है.