बिहार में अब पुल पर पॉलिटिक्स…
बिहार में अब पुल पर पॉलिटिक्स… तेजस्वी यादव के तंज पर नीतीश के मंत्री का पलटवार
बिहार ऐसा राज्य जहां सत्ता का अपना पुल है. यहां एक पुल टूटता है तो दूसरा पुल बनता है. आम जनता को इस सियासी पुल से भले ही फर्क नहीं पड़ता लेकिन नदी, नालों पर बने पुल टूट जाएं तो लोगों की परेशानियों का अंदाजा लगाया जा सकता है. अव्वल तो ये कि पुल के टूटने पर यहां पक्ष-विपक्ष की राजनीति भी होने लगी है और मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है.
बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी है. आज 4 जुलाई को फिर पुल गिरा. लिहाजा इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. पिछले 3 जुलाई को एक ही दिन में 5 पुल गिर गए तो राजनीति और गरमा गई. सियासत दां एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने लगे. अंग्रेजों से लेकर मुगलों तक का जिक्र होने लगा. इस बीच सरकार बैठकों पर बैठकें कर रही है, आदेश के बाद जांच भी जारी है दूसरी तरफ पुलों का गिरना बदस्तूर जारी है. राजनीति में दोषारोपण अगल बात है लेकिन पुल का गिरना एक सचाई है और इससे जनता भी परेशानी हो रही है तो सवाल दीगर है कि बिहार में एक ही समय में इतनी संख्या में पुल जलसमाधि क्यों ले रहे हैं?
पुलों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवाल
आंकड़ा हैरान करने वाला है. बिहार में एक ही महीने में इतने पुल क्यों गिर गए. बिहार में ही पुल इतने कमजोर क्यों हैं? कुछ निर्माणाधीन पुल गिरे, कुछ हाल ही में बनाए गए थे, कुछ इतने पुराने कि अंग्रेजों के जमाने के. बिहार में इसके पहले भी पुल गिरे हैं. निर्माणाधीन पुल भी गिरा है. जांच कमिटियां बनीं, कुछ इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है, लेकिन नतीजा सिफर.
नीतीश सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन घटनाओं को काफी गंभीरता से लिया है. कल अधिकारियों के साथ पुलों के रखरखाव को लेकर समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की तरह ग्रामीण कार्य विभाग को भी रखरखाव नीति तैयार करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करें. पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्क रहें. लगातार निगरानी करें.
अशोक चौधरी का तेजस्वी पर पलटवार
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में यह विभाग राजद के पास था, तेजस्वी यादव इसके मंत्री थे. जबसे जेडीयू के पास विभाग आया उसके बाद चुनाव था और अभी 20 दिन का समय मिला है. समझा जा सकता है इसका जिम्मेदार है? जिम्मेवारी 20 दिन वाले पार्टी की है या डेढ़ साल वाले की?
उनका ये भी कहना है कि कई जगहों पर नदी का रूट बदल गया जिसकी वजह से कई जगह ऐसी घटनाएं हुई हैं. कई जगहों पर सेंटरिंग गिरने की वजह से घटनाएं हुई हैं. जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग का FIR किया जाएगा. हालांकि ठेकेदार पर FIR का प्रावधान नहीं है लेकिन अगर इस तरह की घटना होगी तो सरकारी धन के दुरुपयोग का FIR होगा.