प्रशासन ने कालोनी की जगह समिति की रजिस्ट्री मांगी !
नई रजिस्ट्री-निर्माण उनकी बढ़ी धड़कनें,प्रशासन ने कालोनी की जगह समिति की रजिस्ट्री मांगी
प्रशासन ने विद्या विहार कालोनी के नाम से पंजीयन विभाग से जो जानकारी मांगी थी उसमें विद्या विहार लिखकर पत्र भेजा था जबकि रजिस्ट्री विद्या विहार गृह निर्माण समिति के नाम से हुईं हैं। प्रशासन की ओर से दोबारा पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है। यहां निर्माण व रजिस्ट्री पर रोक है,इसके बाद भी यहां गुपचुप रजिस्ट्री-निर्माण जारी है।
- प्रशासन ने कालोनी की जगह समिति की रजिस्ट्री मांगी
- विद्या विहार को लेकर नई रजिस्ट्री-निर्माण उनकी बढ़ी धड़कनें
- अब गृह निर्माण समिति लिख दोबारा भेजा पत्र
ग्वालियर: कलेक्ट्रेट व नए जिला कोर्ट के सामने विद्या विहार कालोनी में उन लोगाें की धड़कनें बढ़ गई हैं जिन्होनें 2019 के बाद प्लाट की रजिस्ट्री कराई और निमार्ण कराया है। इस मामले में जिला प्रशासन ने विद्या विहार कालोनी के नाम से पंजीयन विभाग से जो जानकारी मांगी थी उसमें विद्या विहार लिखकर पत्र भेजा था जबकि रजिस्ट्री विद्या विहार गृह निर्माण समिति के नाम से हुईं हैं। अब प्रशासन की ओर से दोबारा पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है। कोर्ट के आदेश पर 2019 में डिक्री पर स्थगन जारी किया गया था इसके बाद से यहां निर्माण व रजिस्ट्री पर रोक है,इसके बाद भी यहां गुपचुप रजिस्ट्री-निर्माण जारी है।
बता दें कि नई कलेक्ट्रेट के सामने सेना की जमीन थी, लेकिन शासन ने सेना को दुगनावली में जमीन दे दी और कलेक्ट्रेट के सामने की जमीन पीडब्ल्यूडी को आवंटित कर दी थी।इस जमीन पर गंगा प्रसाद शर्मा व अन्य ने सिविल दावा न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया और न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2003 में उनके पक्ष में डिक्री कर दी। फिर दो साल बाद शासन को डिक्री की जानकारी मिली। वर्ष 2004 में अपर सत्र न्यायालय में सिविल अपील दायर की, जिसे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि शासन ने अपील करने में देर कर दी।
इसके बाद मप्र शासन व पीडब्ल्यूडी ने हाईकोर्ट में सेकंड अपील दायर की। इस अपील को दायर करने में 800 दिन देर कर दी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को स्वीकार करते हुए अपर सत्र न्यायालय को आदेश दिया कि गुण दोष के आधार पर फिर से जमीन का मालिकाना हक तय किया जाए। शासन को जमीन बचाने का मौका मिला था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा अपील की सुनवाई हुई। 12 सितंबर 2018 को जिला न्यायाधीश ने शासन की अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद हाई कोर्ट में सेकंड अपील दायर की। इसके बाद 2019 में डिक्री के आदेश पर रोक लगा दी गई।
विद्या विहार के मामले में विद्या विहार गृह निर्माण समिति ने प्लाटों की बिक्री व रजिस्ट्री की,इसलिए अब समिति के नाम से रजिस्ट्री की जानकारी मांगने के लिए दोबारा पत्र पंजीयन विभाग को दिया है। 2019 के बाद यहां निर्माण व रजिस्ट्री पर रोक है, प्रशासन भी जांच कर रहा है।
तहसीलदार, सिटी सेंटर, ग्वालियर