माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पदभार के लिए अब बीएड अनिवार्य !
माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पदभार के लिए अब बीएड अनिवार्य, बड़ी संख्या में शिक्षक होंगे प्रभावित
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में इन दिनों शिक्षकों के उच्च पद प्रभार की काउंसलिंग प्रगति पर है। इसमें उच्च पद प्रभार के लिए बीएड की योग्यता को अब अनिवार्य कर दिया गया है। यह कार्रवाई आगामी 30 जुलाई तक पूरी की जानी है।
- बीएड अनिवार्य होने से बढ़ु जाएगी मप्र के शिक्षकों की दिक्कत।
- डेढ़ हजार माध्यमिक शिक्षक हो जाएंगे उच्च पद प्रभार से वंचित।
- जिस स्कूल में पद रिक्त नहीं हैं, वहां शिक्षकों को नहीं भेजा जाएगा।
भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के उच्च पद प्रभार की काउंसलिंग चल रही है। इसमें अब माध्यमिक शिक्षक से उच्च माध्यमिक शिक्षक के उच्च पद प्रभार के लिए अब बीएड योग्यता अनिवार्य है। अब बीटीसी, बीटीआई, डीएड या अन्य उपाधि वाले शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा।
लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किए आदेश
इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने आदेश जारी किए हैं। माध्यमिक शिक्षकों से उच्च माध्यमिक शिक्षक के उच्च पद प्रभार के लिए शिक्षकों की संख्या अधिक होने से प्रत्येक संभाग स्तर पर विकेंद्रीकृत रूप से काउंसलिंग की जाएगी। डीपीआई स्तर से संभागवार शिक्षकों एवं रिक्त पदों की सूची उपलब्ध करा दी गई है।
30 जुलाई तक पूरी होगी कार्रवाई
हालांकि बीएड अनिवार्य होने से प्रदेश के करीब डेढ़ हजार माध्यमिक शिक्षक उच्च पद प्रभार से वंचित रह जाएंगे।उच्च पदभार की सभी कार्रवाई संयुक्त संचालक 30 जुलाई तक पूरी करेंगे। इसका शिक्षक संगठन भी विरोध कर रहे हैं।
हजारों शिक्षक हो जाएंगे वंचित
शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि विगत वर्ष की काउंसलिंग में बीटीआई / डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को उच्च पद प्रभार प्रक्रिया में शामिल किया गया था। उपेंद्र कौशल के अनुसार संगठन ने मांग की है कि विगत वर्ष की भांति वर्तमान में उच्च पदप्रभार प्रक्रिया की काउंसलिंग आयोजित की जाए।
वास्तविक रिक्तियों पर ही काउंसलिंग होगी
- निर्देशित किया गया है कि सभी शिक्षक काउंसलिंग के लिए निर्धारित समय ये एक घंटा पहले काउंसलिंग स्थल पर उपस्थित होंगे।
- सभी जिला शिक्षा अधिकारी जिले में उपस्थित शिक्षकों से यह जानकारी प्राप्त करेंगे कि उनमें से कौन से शिक्षक बाहर पदस्थापना चाहते हैं तो उनकी काउंसलिंग कर उन्हें पदस्थापित किया जाए।
- अगर किसी स्कूल में पद रिक्त नहीं है तो उस स्कूल को आवंटित नहीं करेंगे। वास्तविक रिक्तियों पर ही काउंसलिंग की जाएगी।
- वहीं सीएम राइज और उत्कृष्ट विद्यालयों में पद रिक्त होने पर उसी स्कूल में पदभर दिया जाएगा।
वर्तमान उच्च पद प्रभार प्रक्रिया की काउंसलिंग में बीएड प्रशिक्षण योग्यता अनिवार्य करने से हजारों माध्यमिक शिक्षक उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे।
उपेंद्र कौशल, कार्यकारी अध्यक्ष शासकीय शिक्षक संगठन