दुःखी मां-बाप ने बताया झूठी है पुलिस ?

कोलकाता रेप-हत्या : दुःखी मां-बाप ने बताया झूठी है पुलिस
पिता ने कहा कि जब वो सेमिनार हॉल में थे तो उनको ऐसा लगा कि पुलिस मामले को रफ़ा दफ़ा करना चाहती है, किसी को बचाने में जुटी है। अब इस केस की जांच

FIR दर्ज होने में हुई इतनी देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई। जस्टिस पारदीवाला ने तो यहां तक कहा कि उन्होंने अपनी तीस साल के करियर में ऐसा कोई केस नहीं देखा, पोस्टमर्टम के लिए लाश तभी जाती है, जब अप्रकृतिक मृत्यु हो।  इस केस में  FIR पोस्टमार्टम और अन्तिम संस्कार के बाद दर्ज क्यों की गई? क्राइम सीन को पोस्टमार्टम के बाद सील क्यों किया गया? उससे पहले पुलिस क्या कर रही थी? । इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने जवाब दिया था कि FIR में देरी बेटी के मां-बाप के कारण हुई। उन्होंने जब शिकायत लिखकर दी, उसी के आधार पर  FIR की गई। लेकिन इंडिया टीवी को डॉक्टर के माता पिता ने कहा कि ये सरासर झूठ है, कोलकाता पुलिस झूठ बोल रही है। हकीकत ये है कि कोलकाता पुलिस किसी भी तरह उनकी बेटी का दाह संस्कार जल्दी से जल्दी करना चाहती थी। हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर्स ने हंगामा किया था। बेटी की लाश देखकर कहा था कि ये काम किसी एक व्यक्ति का नहीं हो सकता, इसमें कई लोग शामिल हैं।  इस बेटी के माता पिता ने कहा कि उन्होंने पोस्टमार्टम से पहले ही शाम 6 बजे लिखित शिकायत पुलिस को दे दी थी।  लेकिन पुलिस ने दाह संस्कार के बाद रात पौने बारह बजे FIR दर्ज की। बेटी के बां-बाप ने कहा कि  कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष ने FIR दर्ज कराना तो दूर, उनसे न तो फोन पर बात की, और न अस्पताल में उनसे एक बार भी बात नहीं की।  मां-बाप ने बताया कि जब वो हॉस्पिटल  पहुंचे तो डॉक्टर संदीप घोष वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने उनसे न तो बात की, न ही उन्हें  ढाढस बंधाने की ज़हमत उठाई। 

इन बुजुर्ग मां बाप का दर्द समझा जा सकता है, जिन्होंने अपनी होनहार इकलौती बेटी को खोया है। उनकी पीड़ा को शब्दों में बयान करना मुश्किल है। उनकी बेटी ने कैसी हैवानियत झेली, इसकी कल्पना करके भी दिल सिहर उठता है। हॉस्पिटल में उनके साथ जो व्यवहार हुआ, कोलकाता पुलिस का जो रुख था, उससे निराश होकर  माता पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई, तब हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई के हवाले कर दी। तब तक कोलकाता पुलिस दावा कर रही थी कि उसने जिस आरोपी संजय रॉय को पकड़ा है, उसी ने अकेले इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया है, लेकिन डॉक्टर बेटी के पिता ने कहा कि हॉस्पिटल में मौजूद जिन डॉक्टर्स ने उनकी बेटी की लाश को देखा, वहां के मंज़र को देखा, उन्होंने कहा कि ये एक दरिंदे का काम नहीं है। उन्हें भी पूरा यक़ीन है कि इस मामले में एक से ज़्यादा लोग शामिल हैं, ये गैंग रेप का मामला है। पिता ने कहा कि जब वो सेमिनार हॉल में थे तो उनको ऐसा लगा कि पुलिस मामले को रफ़ा दफ़ा करना चाहती है, किसी को बचाने में जुटी है। अब इस केस की जांच CBI कर रही है। जांच करते हुए CBI को भी ग्यारह दिन हो गए लेकिन अब तक कोई ठोस खबर उन्हें नहीं मिली इसलिए  डॉक्टर के माता पिता की बेसब्री बढ़ रही है। पिता ने कहा कि इस मामले में CBI की प्रतिष्ठा दांव पर है इसलिए वो CBI से अपील करते हैं कि इस केस को जल्दी से जल्दी हल करे और मुजरिम को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाए। 

जिस बेटी की निर्मम हत्या हुई, उनके मां-बाप  से बात करना मुश्किल था। जिन माता पिता ने अपनी बेटी खोई, उनके दर्द को कुरेदना, उस दिन को उन्हें याद कराना हमारे रिपोर्टर के लिए भी बहुत मुश्किल था। लेकिन ये मां-बाप लड़ना चाहते हैं, सच बताना चाहते हैं, ताकि उनकी बेटी को इंसाफ मिले। वो देख रहे हैं कि उनकी बेटी की हत्या को लेकर, उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार करने वाले सच पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर बेटी के मां-बाप ने बता दिया कि कोलकाता पुलिस ने FIR को लेकर झूठ बोला। बेटी के दाह संस्कार को लेकर गुमराह किया। मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने लाश को लेकर झूठ बोला, सबूत मिटाने की कोशिश को ढकने का प्रयास किया। पुलिस और कॉलेज दोनों ने लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया। लेकिन ये दोनों माता-पिता गवाह हैं। इन्होंने अपनी आंखों से सब कुछ देखा है। दो हफ्ते तक सब कुछ बर्दाश्त किया। आज उन्होंने अपनी बात कहने की हिम्मत जुटाई। मैं तो इन मां-बाप से यही कह सकता हूं कि पूरा देश उनके साथ है। हम आपका दुख बांट सकते हैं लेकिन आपकी बेटी को कोई वापस नहीं ला सकता। सिर्फ सब मिलकर ये कोशिश कर सकते हैं कि आपको इंसाफ मिले। इस अभियान में इंडिया टीवी आपके साथ खड़ा है

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