सरकारी अस्पतालों में अमानक पाई गईं 10 जीवन रक्षक दवाएं, चिकित्सक महासंघ ने की आजीवन कारावास की मांग
चिकित्सक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मध्यप्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों द्वारा शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां सप्लाई करने की स्थिति में आरोपित के खिलाफ एफआईआर की जाए और साथ ही आजीवन कारावास का कठोर दंड निर्धारित किया जाए। सेहत से खिलवाड़ एक दंडनीय अपराध है।
एफआईआर की प्रतीकात्मक तस्वीर।
- चिकित्सक महासंघ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
- दवा कंपनी पर एफआईआर की जाना चाहिए।
- आरोपित को आजीवन कारावास का प्रावधान होना चाहिए।
भोपाल। सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाओं की सप्लाइ करने वाली दवा कंपनी पर एफआईआर के साथ आजीवन कारावास का प्रावधान होना चाहिए। यह मांग चिकित्सक महासंघ ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को लिखे पत्र में की है।
हमारे चिकित्सकों द्वारा गंभीर मरीजों के उपचार में इन दवाओं का उपयोग किए जाने पर मरीजों पर दवा का असर न होना पाया गया है। महासंघ के मुख्य संयोजक डा. राकेश मालवीय का कहना है कि 10 जीवन रक्षक दवाओं का अमानक पाया जाना मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले यह दवा अमानक पाई गई थी।
सरकारी अस्पताल में लगातार दवाओं के अमानक पाए जाने पर ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माता कंपनियों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां निर्मित करने का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए चिकित्सक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मध्यप्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों द्वारा शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां सप्लाई करने की स्थिति में आजीवन कारावास का कठोर दंड निर्धारित किया जाए।
वर्तमान प्रकरण में मेडिकल कॉरपोरेशन के घर अनुबंध पर अमानक सप्लाई करने वाली कंपनी एवं उसके डायरेक्टर पर तत्काल एफआईआर दर्ज हो। साथ ही प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश तत्काल प्रदान दिए जाए।