ग्वालियर की सड़कों की चाहिए “जख्मों की दवा”
ग्वालियर की सड़कों की चाहिए “जख्मों की दवा”
बारिश की वजह से शहर की सडकों की हालत खराब हो गई है। गडडों की वजह से लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। मानसून की विदाई के बाद भी नगरनिगम ने सडकों का पेचवर्क कराना या उन्हें बनाने का काम शुरू नहीं किया है। सबसे बुरी हालत तो नगरनिगम की स्वयं की सडकों की है। लेकिन अभी निगम की आंखे नहीं खुली हैं।
सिटी सेंटर इलाके में सडकों पर भरा पानी।
- मानसून विदा पर सड़कों का निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ सका
- प्रभारी मंत्री के आदेश भी बेअसर, कई रोडों की हालत जर्जर
- जिन सड़कों का निर्माण निगम को करना है, वे यूं ही पडी हैं
ग्वालियर। मानसून के सीजन में रुका सड़कों का निर्माण कार्य अब सीजन गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हुआ है। एक सप्ताह पहले शहर से मानसून विदा हो चुका है और आसमान साफ है, लेकिन सड़कों का निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाया है
निगमायुक्त के निर्देश पर गारंटी पीरियड वाली कुछ सड़कों पर तो ठेकेदारों ने तो पैच रिपेयरिंग शुरू करा दी है, लेकिन जिन सड़कों का निर्माण नगर निगम को करना है, उनकी अभी तक सुध नहीं ली गई है। पिछले दिनों प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भी शहर की सड़कों को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इसके बावजूद शहर के सबसे पाश इलाके सिटी सेंटर में ही सड़कों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
सीवर का गंदा पानी सड़क पर भरा होने के कारण दिनभर यहां काम करने वाले लोगों को दुर्गंध के चलते परेशान होना पड़ता है। लगभग यही स्थिति आयकर कार्यालय के पास वाली रोड की भी है। वहीं पटेल नगर से कैलाश विहार होते हुए स्टेट बैंक के संभागीय कार्यालय तक कई रोड से जुड़ी कई गलियों में भी सड़क बदहाल स्थिति है। यहां आए-दिन गड्ढों के कारण वाहन चालक फिसलकर चोटिल हो रहे हैं।
.इसलिए नहीं होता वर्षा में डामर की सड़कों का निर्माण
इंडियन रोड कांग्रेस के अनुसार वर्षा के सीजन में डामर की सड़कों का निर्माण नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वर्षा के पानी से डामर सड़क पर अपनी पकड़ नहीं बना पाता है। डामर को सड़क पर बिछाने से पहले 80 डिग्री सेल्सियस के आसपास गर्म किया जाता है। इसमें गिट्टी मिलाकर सड़कों पर बिछाई जाती है। वर्षा के दौरान यदि डामर की सड़कें बनती हैं, तो गर्म डामर पानी के संपर्क में आकर तुरंत ही ठंडा होता है और उखड़ने लगता है।
शहर में 156 सड़कें हैं गारंटी पीरियड में
शहर में वर्तमान में नगर निगम का लगभग 1100 किमी का रोड नेटवर्क है। इनमें से 156 सड़कें गारंटी पीरियड में हैं, जिनकी मरम्मत ठेकेदारों को करानी है। इनमें से कई सड़को की स्थिति खराब है। वर्तमान में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र की 36, ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की 40, पूर्व विधानसभा क्षेत्र की 55 और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की 25 सड़कें शामिल हैं। हालांकि निगम का ध्यान भी गारंटी पीरियड की सड़को की ओर ही है। जिन सड़कों का निर्माण निगम को करना है, उनकी ओर अभी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
महापौर ने सीएम से मांगे 100 करोड़ रुपये
शहर की जर्जर सडकों को लेकर बुधवार को महापौर डा. शोभा सिकरवार ने भी मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपकर 100 करोड़ रुपये की राशि मांगी है। सीएम को दिए ज्ञापन में महापौर ने उल्लेख किया है कि वर्षाकाल के दौरान सड़कों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई। शहर में सीसी सड़क और नाला निर्माण कार्य कराना नगर निगम का काम है। शहर में सड़कों, नालियों के निर्माण के लिए शासकीय योजनाओं एवं अन्य के माध्यम से 100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाए, ताकि जनता को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके। महापौर ने चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि भी उपलब्ध कराने की माग मुख्यमंत्री से की है।
प्राथमिकता से मरम्मत कराएंगे
इलाका भी गांव जैसा लगता है। नईदुनिया .इसलिए नहीं होता वर्षा में डामर की सड़कों का निर्माणः इंडियन रोड कांग्रेस के अनुसार वर्षा के सीजन में डामर की सड़कों का निर्माण नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वर्षा के फिलहाल देवी प्रतिमा विसर्जन को देखते हुए हमारा फोकस मुख्य मागों पर है। नवरात्र के बाद डबल शिफ्ट में सड़कों की पैच रिपेयरिंग कराई जाएगी। एयरटेल आफिस रोड से लेकर अन्य सड़को की भी मरम्मत कराई जाएगी।
– अमन वैष्णव, आयुक्त, नगर निगम।