दिल्ली पुलिस के सिपाही अब जांच अधिकारी बनेंगे !

बड़ा फैसला: सिपाही बनेंगे जांच अधिकारी, करेंगे तीन साल की सजा वाले केसों की जांच; अफसरों की बढ़ाई गई शक्तियां
दिल्ली पुलिस के सिपाही अब जांच अधिकारी बनेंगे। वह अब आपराधिक मामलों की जांच भी कर सकेंगे, जिनमें तीन साल की सजा का प्रावधान है। यही नहीं, दिल्ली पुलिस के हवलदार भी अब जिन मामलों में सात वर्ष की सजा है उन मामलों की जांच कर सकेंगे। अभी तक हवलदार तीन वर्ष तक की सजा वाले मामलों की जांच करता था। 

महिला हवलदार महिलाओं के साथ होने वाले छेड़छाड़ व अन्य आपराधिक मामलों की जांच कर सकेंगी। दिल्ली पुलिस के सब- इंस्पेक्टर, एसआई की शक्तियों को भी बढ़ाया गया है। दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तीन दिन पहले एक आदेश जारी कर दिल्ली पुलिस के रैंक अफसरों की शक्तियां बढ़ाई है। 

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध, दिल्ली पुलिस में बढ़ रहे जांच केस व जांच अधिकारी की कमी के चलते ये बड़ा आदेश जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने इस कानून का अमलीजामा पहनाने के लिए लीगल सेल को भेज दिया है। 

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर उप सचिव गृह-1 यशपाल की ओर से  छह सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से दी शक्तियों को इस्तेमाल करते हुए दिल्ली पुलिस के रैंक अफसरों की शक्तियां बढ़ाई हैं। 

आदेश में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस का सिपाही अब आपराधिक मामलों की जांच कर सकेंगे। वह सिपाही जिसके पास स्नातक की डिग्री हो, 10 वर्ष की नौकरी का अनुभव हो और दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा सुनिश्चित प्रशिक्षण पास किया हुआ, उसको नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा स्थानीय एवं विशेष कानून के अधीन सभी मामलों की जांच के लिए अधिकृत माना गया है। 

सिपाही ऐसे मामलों की जांच करेगा जिसमें सजा तीन साल तक की हो। जब तक की ऐसे स्थानीय या विशेष कानून में कुछ भी असंगत निर्दिष्ट न हो अथवा ऐसे स्थानीय या विशेष कानून में जांच की शक्तियां निर्दिष्ट  रैंक के किसी भी पुलिस अधिकारी को प्रदान न की गई हो। 

इससे पूर्व दिल्ली पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त भीम सेन बस्सी  ने अपने कार्यालय में एक स्टेंडिंग ऑर्डर पास करते हुए सिपाही की शक्तियां बढ़ाई थी। मगर ये ज्यादा प्रेक्टिस में नहीं आया। उपराज्यपाल ने अब नए कानून के तहत पुलिस के इन रेंक अधिकारियों की शक्तियां बढ़ाई हैं।
हवलदार
दिल्ली पुलिस का हवलदार अब 7 साल तक की सजा वाले केसों की जांच कर सकेंगे। 
अभी तक हवलदार तीन वर्ष तक की सजा वाले केसों की जांच करता था।
महिलाओं के साथ छेड़छाड़ आदि की जांच महिला सब-इंस्पेक्टर ही  करती थी। 
 
सब-इंस्पेक्टर 
नए कानून के तहत सिर्फ हत्या के मामलों को छोड़कर अन्य सभी तरह के मामलों की जांच कर सकेगा। अभी तक एसआई दहेज हत्या जैसे केसों की जांच नहीं करता था। 
 
इंस्पेक्टर 
दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर सभी तरह के केसों की जांच कर सकेगा। 
कुछ केसों की जांच थानाध्यक्ष ही करता था। अब कोई भी इंस्पेक्टर कर सकेगा। 
विशेष
इन सभी अधिकारियों को दैनिक डायरी में इंट्री करने, केस डायरी व केस फाइल लिखने, अंतिम रिपोर्ट तैयार करने, गिरफ्तारी, जब्ती, प्रगति की रिपोर्ट करने के साथ-साथ न्यायालयों में उपस्थित होने तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अधीन मामलों की जांच एवं सुनवाई हेतु सभी अन्य कामों को करने सहित जांच करने की शक्ति होगी। 

जांच केसों की बढ़ती संख्या व जांच अधिकारी की कमी के कारण ये आदेश जारी किया गया है। इससे जांच अधिकारी बढ़ेंगे और दिल्ली की जनता को समय से न्याय मिल सकेगा। ये दिल्ली के उपराज्यपाल का बहुत ही बढि़या कदम है। – …. रिटायर पुलिस उपायुक्त व पूर्व जनसंपर्क अधिकारी, दिल्ली पुलिस

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