क्यों बढ़ाया गया ‘आयुष्मान भारत’ का दायरा ?
क्यों बढ़ाया गया ‘आयुष्मान भारत’ का दायरा, योजना से किसे और क्या-क्या फायदा होगा? जानें सब कुछ
आइये जानते हैं कि केंद्र ने आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा क्या फैसला लिया है? क्या है यह योजना? कैबिनेट के फैसले से किसे लाभ होगा? अब तक किसे फायदा मिलता था?
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यू-एच-सी) के उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना शुरू की थी। यह पहल सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य है कि कोई भी पीछे ना छूटे।
योजना में दो घटक शामिल हैं- पहला स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र और दूसरा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय)। 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची, झारखंड में आयुष्मान भारत के दूसरे घटक यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के विस्तार को मंजूरी दे दी है। 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कवर के विस्तार की घोषणा अप्रैल 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। नए फैसले से 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज मिल सकेगा। इसका लक्ष्य छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर देना है।
सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इसमें शामिल कर लिया है। केंद्र के नए फैसले का लाभ छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों वाले लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को मिलेगा। केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के साथ 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकेंगे। पात्र वरिष्ठ नागरिकों को योजना का नया विशेष कार्ड जारी किया जाएगा। योजना के तहत पहले से ही कवर किए गए परिवारों के 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अपने लिए प्रति वर्ष पांच लाख तक का अलग से टॉप-अप कवर मिलेगा। हालांकि, इस टॉप-अप कवर परिवार के ऐसे अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं किया जा सकेगा जो 70 वर्ष से कम आयु के हैं।
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य करीब 55 करोड़ लाभार्थियों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज मुहैया कराना है। मौजूदा समय में उन व्यक्तियों को योजना का लाभार्थी माना जाता है जो भारत सरकार के सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC-2011) डेटाबेस की विशेष श्रेणियों में शामिल हैं। दरअसल, 55 करोड़ लाभार्थियों की संख्या ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की SECC-2011 जनगणना के आधार पर तय की गई थी। आयुष्मान भारत पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त-पोषित योजना है। इसकी कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बांटी गई है।
योजना में समय-समय पर कई लाभार्थी वर्ग जोड़े जा चुके है। शुरुआत में इस योजना के तहत 10.74 करोड़ गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को शामिल किया गया था। बाद में केंद्र सरकार ने 2011 की जनसंख्या की तुलना में भारत की दशकीय जनसंख्या वृद्धि 11.7% को देखते हुए जनवरी 2022 में योजना के तहत लाभार्थी आधार को 10.74 करोड़ से बदलकर 12 करोड़ परिवारों तक कर दिया।
देश भर में काम करने वाली 37 लाख आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को लाभ देने के लिए इस योजना का और विस्तार किया गया। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब योजना देश भर में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये की मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल कवरेज प्रदान करेगी। इसका मतलब है कि इन नागरिकों की आय का पैमाना अब खत्म हो गया है।
यह योजना प्रत्येक पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5,00,000 रुपये तक का कैशलेस कवर प्रदान करती है। 5,00,000 रुपये का लाभ फैमिली फ्लोटर के आधार पर है, जिसका मतलब है कि इसका उपयोग परिवार के एक या सभी सदस्य कर सकते हैं। पीएम-जय को इस तरह से बनाया गया है कि परिवार के सदस्यों की संख्या या आयु पर कोई सीमा नहीं है। इसके अलावा, पहले से मौजूद बीमारियों को पहले दिन से ही कवर किया जाता है।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 874 पैकेज और 1592 प्रक्रियाएं हैं। लाभार्थी अपना आयुष्मान भारत कार्ड सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में आयुष्मान कियोस्क और सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) से ले सकते हैं। लाभार्थी सभी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और किसी भी अन्य सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना में उपचार के कुछ घटकों पर किए गए सभी खर्च शामिल हैं। ये हैं
- टेस्ट, उपचार और परामर्श
- अस्पताल में भर्ती होने से पहले
- दवा और चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं
- सामान्य और गहन देखभाल सेवाएं
- डायग्नोस्टिक और लैब टेस्ट
- सर्जरी सेवाएं (जहां आवश्यक हो)
- अस्पताल में रुकने की सुविधा
- खाने की सेवाएं
- उपचार के दौरान सामने आने वाली समस्याएं
- अस्पताल में भर्ती होने के बाद 15 दिनों तक देखभाल