क्या होता है पेजर, जिसने मचाई लेबनान में तबाही?
Pager: क्या होता है पेजर, जिसने मचाई लेबनान में तबाही? इजराइल पर हमले का शक
What is a Pager: लेबनान और सीरिया में पेजर फटने के कई मामले सामने आए हैं. लेबनान में से कम से कम 8 लोग मारे गए हैं, और 2,800 के करीब लोग घायल हुए हैं. पेजर में ब्लास्ट होने के पीछे हिजबुल्लाह ने इजराइल के हाथ होने का शक जताया है. इस घटना के बाद से हर कोई पेजर के बारे में जानना चाहता है कि आखिर ये क्या होता है, और इससे किस तरह कम्युनिकेशन किया जाता है.
Lebanon Pagers Explosion: लेबनान और सीरिया में कई जगह पेजर फटने से हाहाकार मचा हुआ है. पेजर में हुए धमाकों में लेबनान में कम से कम आठ लोगों को जान चली गई है, और लगभग 2,800 लोग घायल हैं. लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह ने एक बयान में बताया कि संगठन में काम करने वाले लोग एक दूसरे बात करने के लिए पेजर का इस्तेमाल करते हैं, और फटने शुरू हो गए. हिजबुल्लाह को शक है कि पेजर ब्लास्ट में इजराइल का हाथ हो सकता है. मगर इस घटना ने एक बार फिर पेजर की याद ताजा कर दी है. आइए अपने जमाने की मशहूर डिवाइस के बारे में जानते हैं.
पेजर को बीपर के नाम से भी जाना जाता है. यह एक छोटा और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. इसे शॉर्ट मैसेज या अलर्ट सेंड करने, रिसीव करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, इस मैसेज का आमतौर पर मैसेज भेजने और पाने के लिए ही क्या जाता है.
ज्यादातर पेजर बेस स्टेशन या किसी सेंट्रल डिस्पैच से रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए मैसेज रिसीव करते हैं. ये मैसेज न्यूमैरिक, जैसे- फोन नंबर, या अल्फान्यूमैरिक जैसे- टेक्स्ट हो सकते हैं. ये डिवाइस एक अलर्ट की तरह इन मैसेज को छोटी सी स्क्रीन पर दिखाता है.
मैसेज भेजने के लिए टू-वे पेजर्स का इस्तेमाल किया जाता है. इससे लोग मैसेज भेज सकते हैं और रिसीव भी कर सकते हैं. यह टेक्स्ट मैसेजिंग की तरह ही है. यूजर्स सेंडर के पास रिप्लाई के लिए शॉर्ट मैसेज सकते हैं.
जब कोई मैसेज आता है तो पेजर की टोन बजती है. यह फीचर ऐसे समय पर काफी इस्तेमाल किया जाता है जब आसपास ज्यादा शोर हो.
ये लोग करते हैं ज्यादा इस्तेमाल
पेजर का इस्तेमाल 1990 के आखिर 2000 की शुरुआत में सबसे ज्यादा किया जाता था. ज्यादातर प्रोफेशनल लोग एक दूसरे को तुरंत जानकारी देने के लिए पेजर का इस्तेमाल करते थे. डॉक्टर्स, नर्स और इमेरजेंसी सर्विसेज में काम करने वाले प्रोफेशनल के लिए यह बेहद यूजफुल डिवाइस मानी गई.
पेजर, मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर नहीं होता है, इसलिए ये कम्युनिकेशन का भरोसेमंद जरिया माना जाता है. मुश्किल हालात में अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने के लिए पेजर काफी मददगार साबित होता है.
कितने तरह के पेजर?
पेजर दो तरह के होते है- न्यूमेरिकल और अल्फान्यूमेरिक. न्यूमैरिकल पेजर केवल नंबर दिखाते हैं. यह आमतौर पर रिसीवर को किसी खास फोन नंबर पर कॉल करने या किसी पेज पर रिप्लाई देने के लिए अलर्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये पेजर का सबसे सिंपल और बेसिक टाइप है. अल्फान्यूमेरिक पेजर अक्षर और नंबर दोनों दिखा सकते हैं. इससे छोटे टेक्स्ट मैसेज समेत डिटेल्ड मैसेज रिसीव किए जा सकते हैं.
पेजर का इस्तेमाल अक्सर क्विक अलर्ट और कॉन्टैक्ट इन्फॉर्मेशन के लिए किया जाता है, खासकर उन कामों में जहां तुरंत बातचीत की जरूरत है. ये बेहद जरूरी मैसेज के लिए यूजफुल हैं, जो केवल फोन नंबर से परे एक्स्ट्रा जानकारी दे सकते हैं.
पेजर का इस्तेमाल क्यों घटा?
पेजर डेडिकेटड रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं और फ्रीक्वेंसी पर मैसेज रिसीव करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. पेजर की रेंज इस्तेमाल की गई फ्रीक्वेंसी बैंड और पेजिंग नेटवर्क के कवरेज एरिया पर निर्भर करती है.
मोबाइल फोन के बाद आने के बाद पेजर का इस्तेमाल घटता चला गया. आजकल स्मार्टफोन, पेजर से बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ आता है. स्मार्टफोन में वॉयस कॉल, टेक्स्ट मैसेज, इंटरनेट आदि जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
यहां आज भी होता है इस्तेमाल
इस्तेमाल में गिरावट के बावजूद पेजर कुछ खास फील्ड में आज भी काम आते हैं. अमेरिका और यूके जैसे देशों में हेल्थकेयर और इमरजेंसी सर्विसेज में इनका इस्तेमाल किया जाता है. ये भरोसेमंद हैं, और लंबे समय तक चलने वाली बैटरी, नेटवर्क न होने पर भी काम करने की काबिलियत के साथ आते हैं. हिजबुल्लाह के लोग भी इन्हीं खासियतों की वजह से इनका इस्तेमाल करते हैं.
हिजबुल्लाह का इजराइल पर शक
पेजर ब्लास्ट होने के पीछे हिजबुल्लाह का सीधा शक इजराइल पर है. गाजा पट्टी में हमास और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध में हिजबुल्लाह हमास का साथ दे रहा है. इस संगठन ने शक जताया कि ब्लास्ट के लिए पेजर को हैक करना और टारगेट करना इजराइल का सिक्योरिटी ऑपरेशन हो सकता है.
हिजबुल्लाह के सदस्य जिस पेजर का इस्तेमाल करते हैं, उनमें लीथियम बैटरी होती है. लीथियम बैटरी में हमेशा ब्लास्ट होने का खतरा रहता है. ये ओवरहीट होने पर भी फट जाती हैं. मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी इन बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है.