भारत-म्यांमार की 1643 KM लंबी सीमा होगी सील !
भारत-म्यांमार की 1643 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाई जा रही है। केंद्रीय गृह अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है। बाड़ लगाने में 31 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। 30 किमी के हिस्से पर बाड़ लगाने का काम पूरा हो गया है। मोरेह के पास लगभग 10 किलोमीटर की बाड़ लगाने का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
- मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड व अरुणाचल प्रदेश से सटी है भारत-म्यांमार की सीमा
- मुंबई, चेन्नई, कोलकाता समेत सात और एयरपोर्ट पर जल्द ही तीव्र आव्रजन निकासी होगी शुरू
- साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए पुलिस बलों के बीच डाटा के आदान-प्रदान के लिए समन्वय पोर्टल स्थापित
नई दिल्ली। हथियारों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए मशहूर भारत-म्यांमार की 1,643 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 31,000 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाई जाएगी। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने सैद्धांतिक रूप से भारत और म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और सड़कों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
मोरेह के पास लगाई गई 10 किमी की बाड़
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि सीमा के 30 किलोमीटर हिस्से में बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने इसे मणिपुर में जातीय हिंसा का मूल कारण बताया। मोरेह के पास लगभग 10 किलोमीटर की बाड़ लगाने का काम पहले ही पूरा हो चुका है और मणिपुर के अन्य इलाकों में सीमा के 21 किलोमीटर हिस्से पर बाड़ लगाने का काम चल रहा है।
क्या बोला गृह मंत्रालय?
गृह मंत्रालय ने बताया कि पूर्व-सत्यापित भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों के लिए सात और हवाई अड्डों पर जल्द ही तीव्र आव्रजन निकासी प्रक्रिया (इमिग्रेशन प्रोसेस) शूरू होगी। इनमें मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन और अहमदाबाद एयर पोर्ट शामिल शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन-ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (एफटीआइ-टीटीपी) को दिल्ली के आइजीआइ हवाई अड्डे पर जून में ही लांच किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराधों पर देशव्यापी अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार राज्य पुलिस बलों के बीच डाटा साझा करने के लिए वन-स्टाप पोर्टल समन्वय स्थापित कर रही है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी साइबर अपराधियों, म्यूल बैंक अकाउंट, एटीएम निकासी स्थानों, सिम कार्डों के लिए बिक्री केंद्र, संदिग्ध आवासों के स्थानों की मै¨पग के लिए पोर्टल का उपयोग कर होंगे।
उन्होंने बताया कि एक जुलाई को भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद से अब तक देशभर में इसके तहत 5.56 लाख से अधिक एफआइआर दर्ज की गई हैं। नए आपराधिक कानूनों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए गृह मंत्रालय ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से साक्ष्यों को पकड़ने, संग्रहीत करने के लिए ई-साक्ष्य सहित कई मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित किए हैं। एक अन्य मुद्दे पर बताया गया कि मोदी सरकार ने आपदा राहत के लिए राज्यों को 12,554 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।