राज्यसभा चुनाव में भाजपा के दांव से परेशान विपक्ष:पार्टी ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में एक्स्ट्रा कैंडिडेट उतारे, वोटों में सेंधमारी से डरे विरोधी

राज्य सभा के लिए 10 जून को होने जा रहा चुनाव भाजपा के सियासी कदम से दिलचस्प बन गया है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में भाजपा ने एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार को उतार कर विरोधी दलों के वोट में सेंधमारी की कोशिश शुरू कर दी है। कर्नाटक में 4, महाराष्ट्र में 6 और राजस्थान में 4 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं।

वहीं, महाराष्ट्र की छह सीटों में संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के 1-1 तथा भाजपा के 2 प्रत्याशी का चुना जाना तय है। शिवसेना ने अपने दूसरे उम्मीदवार संजय पवार की उम्मीदवारी जैसे ही घोषित की भाजपा ने धनंजय महादिक को तीसरे उम्मीदवार के रूप में खड़ा कर दिया। इस तरह 6 सीटों के लिए अब 7 उम्मीदवार मैदान में हैं।

महाराष्ट्र में एक सीट जीतने के लिए 42 वोट चाहिए। पांच सीट के लिए इन चारों दलों के पास पर्याप्त संख्या है। छठी सीट के लिए बचे 36 वोट और द्वितीय वरीयता के वोट निर्णायक होंगे।

कर्नाटक में भाजपा 2 सीटों पर जीत सकती है
कर्नाटक में 4 सीटों पर चुनाव है। भाजपा 2 व कांग्रेस 1 सीट पर निश्चित जीत पा सकती है। 1 सीट के लिए 45 वोट चाहिए। भाजपा ने यहां से निर्मला सीतारमण और जग्गेश को प्रत्याशी बनाया। भाजपा के कदम को देखते हुए कांग्रेस ने यहां से दूसरे प्रत्याशी के तौर पर मंसूर अली को उतारा है।

कांग्रेस मान रही है कि जेडीएस को सेक्युलर छ‌‌वि बचाने के लिए कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी के पक्ष में वोट करना होगा। इससे बचने के लिए मंगलवार को जेडीएस ने भी कुपेंद्र रेड्‌डी को मैदान में उतारा। जेडीएस के पास 32 वोट हैं और उसे 13 वोटों की जरूरत है, जिसे कांग्रेस पूरा कर सकती है।

वहीं, भाजपा के तीसरे उम्मीदवार लहर सिंह हैं, जो मूल रूप से राजस्थान के हैं। उनकी अलग-अलग दलों में अच्छी मित्रता है। भाजपा को उम्मीद है कि यदि लहर सिंह जेडीएस और कांग्रेस के कुछ विधायकों को अपने पक्ष में कर सके तो जीत जाएंगे।

राजस्थान में लड़ाई रोचक हुई
राजस्थान में 4 सीटों पर लड़ाई रोचक है। यहां 1 सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए। कांग्रेस 2 और भाजपा 1 सीट आसानी से जीत सकती है। कांग्रेस ने यहां से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उतारा है। भाजपा ने पहले घनश्याम तिवारी को उतारा था।

ऐन वक्त पर निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के समर्थन की घोषणा कर दी। इस तरह चार सीटों के लिए कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे में कांग्रेस को 23 जबकि भाजपा को 10 वोटों की जरूरत है।

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