MP गजब है! 52 में से 32 कुलगुरु कभी प्रोफेसर भी नहीं रहे, फिर भी दे दी बड़ी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का निर्णय लेगी सर्च कमेटी
मध्य प्रदेश के 32 निजी विश्वविद्यालयों में में कुलपति को हटाया गया है। इसमें भोपाल के आठ विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। निजी विवि से हटाए गए कुलपति के पास बतौर प्रोफेसर दस वर्ष का अनुभव नहीं था। इसके लिए स्पष्ट प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज भी नहीं मिले, जिससे अनुभव सिद्ध हो सके।
- कुलपति चयन कमेटी में तीन सदस्य शामिल होंगे।
- कमेटी यूजीसी की गाइड लाइन से चयन करेगी।
- अभी प्रभारी कुलपति को नियुक्ति किया जाएगा।
भोपाल(Private University in MP)। मध्य प्रदेश में 32 निजी विश्वविद्यालय में कुलपति (वीसी) की नियुक्ति मानकों के अनुसार न होने पर उन्हें हटाया गया है। इनमें से आठ विवि के कुलपति भोपाल से हैं।
इन नियमों से नियुक्ति की अमान्य
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के विनियमों एवं मप्र निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2007, संशोधित 2013 एवं 2016 के धारा-17 के प्रविधानों के अनुसार तथा विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 99वीं बैठक में पारित परिनियम-1 के अनुसार कुलगुरु की योग्यता और मापदंड के आधार पर निजी विवि में कुलगुरु की नियुक्ति के स्पष्ट प्रविधान हैं।
परीक्षण समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया कि अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत कुलगुरु की नियुक्ति के वर्णित प्रविधानों का पालन नहीं किया गया है। विवि में कुलगुरु की नियुक्ति अधिनियम की धारा 17 (1) के विपरीत की गई है, जो मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी सुनिश्चित नहीं किया गया है। मप्र निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2007, यथा संशोधित की धारा 17 (1) के प्रविधानों के विपरीत की गई कुलगुरु की नियुक्ति आयोग अधिनियम की धारा-36 (10) (घ) के प्रविधान अंतर्गत अमान्य की जाती है।
कुलगुरु को तत्काल हटाते हुए विश्वविद्यालय परिनियम के युक्त प्रविधानों के अंतर्गत कार्यवाहक कुलगुरु की तत्काल नियुक्ति योग्यता एवं मापदंड अनुसार करना सुनिश्चित करें। कुलगुरु की नियुक्ति के लिए 15 दिन में कार्रवाई के लिए कहा गया है।
भोपाल में इन विवि के कुलपति हटाए
सर्वपल्ली राधाकृष्णन विवि – डॉ. एमसी प्रशांत
स्कोप ग्लोबल स्किल्स विवि – डॉ. अजय भूषण
शुभम विवि – डॉ. कर्निका यादव
अजीम प्रेमजी विवि – गौतम पांडे
एलएनसीटी विवि – डॉ. नरेंद्र कुमार थापक
गाइड लाइन के आधार पर नियुक्ति होगी
यूजीसी की गाइड लाइन के आधार पर ही कुलपति की नियुक्ति होगी। इसके लिए सर्च कमेटी बनाई जा रही है, जिसमें तीन सदस्य शामिल होंगे। इसके द्वारा लिए गए निर्णय पर कुलपति को नियुक्त किया जाएगा। – प्रो. भरत शरण सिंह, चेयरमैन, मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग
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MP गजब है! 52 में से 32 कुलगुरु कभी प्रोफेसर भी नहीं रहे, फिर भी दे दी बड़ी जिम्मेदारी, अब एक्शन की तैयारी
Private University in MP: मध्य प्रदेश अपने अनोखेपन के लिए आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में बना रहता है. एक बार फिर अजब मध्य प्रदेश में गजब का कारनामा देखने को मिला है. प्रदेश के 52 में से 32 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर यानी कुलगुरु कभी प्रोफेसर ही नहीं रहे, फिर भी उनको इस पद नियुक्त कर दिया गया. अब आयोग सख्त हुआ है और एक्शन ले रहा है.
Madhya Pradesh Private University Regulatory Commission: मध्यप्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों (Private Universities) में कुलगुरुओं (Vice Chancellors) की नियुक्तियों में एक बड़ा घोटाला और गड़बड़झाला सामने आया है. प्रदेश के 52 निजी विश्वविद्यालयों में से 32 विश्वविद्यालय के कुलगुरु ऐसे हैं, जिनके पास यह पद पाने की योग्यता होना तो दूर, ये कभी प्रोफेसर तक नहीं रहे. ऐसे विश्वविद्यालयों में ग्वालियर (Gwalior) के दो विवि भी शामिल हैं, लेकिन सबसे बड़ा आंकड़ा राजधानी भोपाल (Bhopal) और आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) का है, जहां 8-8 यूनिवर्सिटी में ऐसे ही लोग कुलगुरु (अतीत में इन्हें कुलपति कहा जाता था) बने बैठे हैं. अब विनियामक आयोग इनको हटाने की कार्यवाही कर रहा है. इसके लिए 10-15 दिनों तक का समय दिया गया है. इस आदेश से हड़कम्प मच गया है.
मनमाने ढंग से हुई नियुक्ति
आयोग की जांच में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि निजी विश्विद्यालयों में कुलगुरुओं की नियुक्ति मनमाने ढंग से की गई है. यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार कुलगुरु के लिए वही व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जिसको दस साल के अध्यापन का अनुभव हो और प्रोफेसर रह चुका हो. लेकिन प्रदेश की 52 निजी यूनिवर्सिटी में से आधी से भी अधिक यानी 32 ऐसी पाई गईं, जिनमें कार्यरत कुलगुरुओं के पास न तो बतौर प्रोफेसर 10 साल का अनुभव है और न इसके लिए कोई अन्य प्रमाण हैं. इनके अन्य दस्तावेज भी संदिग्ध हैं.
इन जगहों में हैं गड़बड़ी
इस तरह विश्वविद्यालया की लिस्ट देखें तो इसमें ग्वालियर के दो, भोपाल और इंदौर के 8-8, सीहोर के 3 विवि के अलावा विदिशा, सतना, रायसेन, शिवपुरी, खंडवा, छिंदवाड़ा, दमोह, बालाघाट, मंदसौर और सागर जिलों में स्थित निजी विवि के कुलगुरु भी इस पद के लिए वांछित अर्हता पूरी नहीं करते हैं.
15 दिनों में मांगा जवाब
लंबी जांच-पड़ताल के बाद मध्य प्रदेश निजी विवि विनियामक आयोग ने अब बड़ी कार्यवाही करते हुए, इन विवि के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है. ऐसे सभी निजी विवि के प्रबंधन को 15 दिन के भीतर ऐसे कुलगुरु को हटाकर कार्यवाही करने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि वे कुलगुरु सहित अन्य सभी अकादमिक और प्रशासनिक पदों पर निर्धारित मापदंड के अनुसार नियुक्तियां सुनिश्चित करें.