बदलापुर में ऐसे घिर गई महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ?
यौन शोषण से आरोपी के एनकाउंटर तक, बदलापुर में ऐसे घिर गई महाराष्ट्र की शिंदे सरकार
बदलापुर में जब यौन शोषण का मामला सामने आया तब सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा. खूब प्रदर्शन हुए और बैकफुट पर आई सरकार ने स्पेशल ब्रांच को मामला सुपुर्द कर दिया. अब आरोपी अक्षय के एनकाउंटर ने भी सरकार की किरकिरी करा दी है. विपक्ष का कहना है कि मुख्य आरोपी को बचाने के लिए यह एनकाउंटर हुआ है.
पहले यौन शोषण के मुद्दे पर घिरी शिंदे सरकार
देश में जब कोलकाता रेप केस की गूंज थी, उसी वक्त महाराष्ट्र के बदलापुर की घटना सामने आई. इस घटना ने एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया. विपक्ष इस पर काफी मुखर हो गई. विपक्ष की मुखरता की एक वजह में केस में पकड़ गए आरोपी का सरनेम था.
सरकार की मुश्किलें तब और ज्यादा बढ़ गई, जब महिला आयोग ने इस पर रिपोर्ट सौंपी. महिला आयोग का कहना था कि इस मामले में कॉलेज और स्थानीय प्रशासन ने काफी लापरवाही बरती. रिपोर्ट के मुताबिक कई बार शिकायत के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया.
इसके बाद सरकार ने आनन-फानन में ठाणे के जिला शिक्षा अधिकारी बालासाहेब रक्षे को निलंबित कर दिया था.
FIR कराने को लेकर सरकार की हुई थी किरकिरी
बदलापुर कांड में एफआईआर कराने को लेकर भी शिंदे सरकार और उनकी पुलिस की किरकिरी हुई थी. 16 अगस्त को जब रेप पीड़ित मासूमों के परिजन थाने में एफआईआर कराने गए, तब पुलिस ने जांच की बात कह टालमटोली की.
इससे नाराज स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. लोग रेलवे ट्रैक पर जमा हो गए और सरकार के खिलाफ मोर्चा दिया. लोगों की प्रदर्शन की वजह से करीब 10 घंटे तक रेलवे सेवा बाधित रही.
अब एनकाउंटर ने सरकार की मुश्किलें बढ़ाई
घटना के करीब 40 दिन बाद अक्षय शिंदे का एनकाउंटर हो चुका है. सोमवार (23 सितंबर) को तलोजा जेल ले जाने के दौरान अक्षय ने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली. पुलिस के मुताबिक इसके बाद आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके बाद जवाबी हमले में अक्षय को मार गिराया गया.
अक्षय के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं. पहला सवाल अक्षय की मां ने उठाया है. अक्षय की मां ने टीवी-9 मराठी से बात करते हुए कहा है कि अक्षय बंदूक उठा ही नहीं सकता है. उसे पुलिस ने जानबूझकर मारा है.
एनसीपी (एसपी) के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि एनकाउंटर नीति गलत है. इससे अपराध कम नहीं होंगे. इस एनकाउंटर को लेकर शिंदे सरकार 2 वजहें से बैकफुट पर है.
1. पुलिस के मुताबिक अक्षय ने जो फायरिंग की, उसमें पुलिसकर्मी को जांघ में गोली लगी. कहा जा रहा है कि कोई आरोपी पुलिस की जांघ में गोली क्यों मारेगा? विपक्ष भी यही सवाल उठा रहा है.
2. शिवसेना (ठाकरे) के सांसद संजय राउत का कहना है कि बड़े मुर्गे को बचाने के लिए शिंदे सरकार ने अक्षय की गोली मरवाकर हत्या करा दी है. बहुजन विकास अघाड़ी के प्रकाश अंबेडकर भी यही शक जता रहे हैं.
क्या डैमेज कंट्रोल की कवायद है?
अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद सरकार फ्रंटफुट पर है. डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि पहले लोग फांसी दिलाने की मांग कर रहे थे और अब एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं शिवसेना (शिंदे) और मनसे के कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं.
एनकाउंटर को यूपी मॉडल भी कहा जा रहा है. इससे चुनाव से पहले लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार को राहत मिल सकती है. महाराष्ट्र में अब से 1 महीने बाद विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है.